Personality of the month

समाजसेवा के पथ की पथिक – अनिता जावंधिया

किसी सफल व्यक्तित्व की सफलता की कहानी सीधी सहज नहीं होती बल्कि उस सफल आयाम को पाने के पीछे छिपे होते हैं अथक प्रयास, मेहनत एवं तपस्या। ‘‘स्वयं के लिए जिए, तो क्या गजब किए, परंतु अपने जीवन में किसी और के लिए/समाज के लिए जगमगाए दीये तो गजब किए।’’ ऐसी ही समाजसेवी व्यक्तित्व की धनी हैं- पूर्वी म. प्रदेश मा. महिला संगठन अध्यक्षा अनिता जावंधिया।

पूर्वी मध्य प्रदेश महिला संगठन अध्यक्षा अनिता जावंधिया का जन्म नागदा निवासी दामोदर दास व स्नेहलता राठी के यहां चार भाई व पांच बहनों के हंसते – खेलते प्रतिष्ठित परिवार में बड़ी बेटी के रूप में हुआ। अनिता का विवाह अठारह वर्ष की आयु में राजेश जावंधिया पुत्र श्री तेजपाल/चंदादेवी जावंधिया बनखेड़ी के साथ सम्पन्न हुआ।

आपके परिवार में एक पुत्री निधि जावंधिया एवं पुत्र सीए वैभव जावंधिया हैं। आप अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए समाज की गतिविधियों में भी रूचिपूर्ण हिस्सा लेती रहीं। श्रीमती जावंधिया अपने मधुर व्यवहार के साथ कई कलाओं जैसे नृत्य, नाटिका आदि में भी पारंगत हैं। संगीत में तो समय-समय पर जिला, प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर स्वयं को सिद्ध करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी।


ऐसे बढ़े समाजसेवा की ओर कदम

वर्ष 1986 से सामाजिक कार्यों में संलग्न श्रीमती जावंधिया ने स्थानीय इकाई की सचिव पद पर कार्यरत होने के पश्चात, नवचेतना मंडल की अध्यक्षा पद पर भी कार्य किया। फिर सीढ़ी दर सीढ़ी विभिन्न पदों पर रहकर अपनी कार्यशैली की छाप छोड़ी। जैसे स्थानीय संगठन के बाद जिले की सचिव संगठन और उसके बाद जिला सचिव पद को प्राप्त कर होशंगाबाद-हरदा जिलों के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया।

anita jawandhiya

इसके पश्चात प्रदेश प्रतिभा विकास समिति का कार्य आपको सौंपा गया, जिसके अंतर्गत सदैव ही आपने छोटी-छोटी जगहों से नवीन प्रतिभाओं को न केवल खोजा वरन् उन्हें मंच भी प्रदान कर नई पहचान दिलवायी। इसके पश्चात प्रदेश कोषाध्यक्ष रहते रिकार्ड तोड़ कोष के साथ संगठन को और सुदृढ़ बनाया।

आपके समर्पण और योगदान का नतीजा है कि आपने पू.म. प्रदेश के सचिव पद को अपनी मेहनत से शोभायमान किया। सभी को साथ लेकर चलने का आपका व्यवहार और पद का गुमान न करने का सरल व्यवहार ही आपकी पहचान है। आप वर्तमान में पू.म. प्रदेश महिला संगठन के अध्यक्ष पद को सुशोभित कर रही हैं।


सेवा ने दिलाया सम्मान

हमेशा ही टीम वर्क में विश्वास रखने वाली श्रीमती जावंधिया को सदैव ही सभी को जोड़ कर कार्य करने में महारथ हासिल है। अपने इसी कार्यशील व्यवहार से सदैव सुचारू कार्य कर जटिल कार्यों को भी सरलता और सुंदरता से अंजाम देती हैं और इसीलिए इनकी सफलता का आयाम उच्च है।

उनका ध्येय यही रहा कि कोई छोटा नहीं, कोई बड़ा नहीं होता। सिर्फ सकारात्मक एवं सटीक दृष्टिकोण आपकी पहचान है जो भीड़ में भी आपका स्थान तय करता है, न कि भीड़ का हिस्सा बनती हैं। इसी श्रृंखला में समाज के प्रति आपके उत्कृष्ट कार्यों की सराहना स्वरूप आपको कई अवार्ड्स से नवाजा गया, जिसमें नारी रत्न, समाज रत्न एवं राष्ट्रीय मंच से सर्वश्रेष्ठ सचिव का अवार्ड तक मुख्यत: मिले।


योगदानों पर एक नजर

प्रदेश में घर से व्यापार करने वाली 700 सदस्याओं की चेन बनाई। कोरोना काल में 100 गाँवों को सेनेटाइज किया गया साथ ही पूरे प्रदेश की सदस्याओं द्वारा जगह-जगह टिफिन सेंटर लगाए गए। कोरोना की पहली लहर में उनके अनूठे प्रयास से एक रात में ही 2 घंटे में 5100/- रुपए की राशि इकट्ठा कर आपदा फंड में भेजी गई।

प्रदेश में हरियाली कार्यक्रम के तहत 11000 पौधारोपण कर उन्हें पेड़ बनाने का सफल संकल्प लिया गया, जिन्हें आज हम मुस्कुराता हुआ देख रहे हैं, जो भविष्य में फलदायी होंगे। आपने अपने प्रयासों से छोटे-छोटे गाँवों को संगठन से जोड़ने का सफलतम कार्य कर 20 गाँवों को मुख्य धारा से जोड़ा।

ट्रस्ट के माध्यम से 11 महिलाओं को आर्थिक सहायता दिलवा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया। नि:शुल्क विवाह संबंध सहयोग समिति ‘‘शुभ विवाह समिति’’ द्वारा 1500 संबंध तय किए गये।


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