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औषधीय गुणों से सम्पूर्ण- राई

अचार से लेकर खाने में राई का काफी इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर इसे खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए व्यंजनों में डाला जाता है। आयुर्वेद के अनुसार राई के प्रयोग से कफ-पित्त दोष को संतुलित किया जा सकता है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जो त्वचा के रोग, पेट के रोग, बवासीर व गठिया जैसी कई समस्याओं में लाभदायक होते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों की भरमार होती है। आइए जाने इसके चमत्कारिक फायदे

राई के उपयोग

  • अगर आप सिरदर्द से परेशान रहते हैं, तो इसे पीसकर माथे पर लगाएं। सिरदर्द में लाभ मिलता है।
  • अगर आपको उल्टी आ रही है, तो आप राई और कपूर को पीसकर थोड़ा गर्म कर लें। इसके बाद इसे पेट पर लगाएं, उल्टी से आराम मिल जाएगा।
  • इसका प्रयोग आपका पाचन सही करता है। 1-2 ग्राम राई के साथ शक्कर मिलाकर खा लें। इसके बाद आधा कप पानी पी लें। अपच या पेट दर्द से राहत मिल जाएगी।
  • गठिया या अन्य कारण से होने वाली सूजन को कम करने के लिए आप राई और कपूर का लेप लगाएं। इससे दर्द और सूजन में राहत मिलेगी।
राई
  • अगर शरीर में किसी जगह खून जम गया है, तो आप इसके तेल से मालिश करें। ऐसा करने से खून का जमाव खत्म हो जाएगा।
  • अगर आपके बच्चे को खांसी परेशान कर रही है, तो आप उनकी छाती पर इसके तेल से मालिश कर सकते हैं।
  • अगर आप जुकाम या नाक बहने से परेशान हो रहे हैं, तो इसका फायदा उठाएं। आप राई के तेल से पैरों और तलवों की मालिश करें। इससे जुकाम व नाक बहने की समस्या कम होती है।
  • सांस की तकलीफ में आप 500 मिलीग्राम राई के चूर्ण में घी और शहद मिलाकर सुबह-शाम खाएं। इससे सांस और फेफड़ों के रोगों में भी आराम मिलता है।

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Sri Maheshwari Times

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