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कैसा रहेगा आपका नववर्ष 2022

नववर्ष ईसवी सन् 2022 का आगमन हो चुका है। हम सभी ने भारतीय नववर्ष की तरह इसका भी पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया हैं। तो अब आईये देखें ज्योतिष के आयने में कैसा रहेगा आपका नववर्ष और क्या-क्या बरतें सावधानियाँ?

मेष
(चू,चे, लो, ला,ली, लू, ले, लो, आ)

मेष

मेष राशि वालों का समय अभी अनुकूल चल रहा है। अभी आप का समय अनुकूल तथा प्रगति व पद वृद्धि का योग हैं। कार्य में विस्तार के भी योग हैं, मगर स्त्री-संतान से संतोष रहेगा। माता को शरीर कष्ट, राज्य के कार्य में सफलता प्राप्त करने का योग है। जून, जुलाई से सितम्बर तक समय क्लेश, अशांति, माता-पिता और पत्नी का स्वास्थ्य खराब रह सकता हैं।

इलाज वगैरह में खर्च की अधिकता रह सकती है। स्वयं को पेट संबंधित बीमारी हो सकती है। राहु आपकी राशि पर ठीक नहीं है। इससे चोट, एक्सिडेंट का भय रह सकता है।

पिता की चिंता रहेगी। राहु-केतु की स्थिति से परिवार में मन-मुटाव हो सकता है। जनवरी व फरवरी में परिवार में शुभ कार्य होने की संभावना है। व्यापारी, अधिकारी, किसान व सर्विस वाले सफल रहेंगे।

क्या करें: राहु, केतु, गुरु आराध्य हैं। श्री गणपति जी की आराधना करने से कष्ट दूर हो सकते हैं।


वृषभ
(ई,उ,ए,ओ,वा,वी,वू,वे,वो)

वृषभ

आपकी राशि पर राहु और केतु का प्रभाव है जिससे संकट, बाधाएं रहेगीं, मगर गुरु के कारण कुछ शांति प्राप्त होती रहेगी। आप परिश्रम पूर्वक कार्य करें। अप्रैल से राहु 12वां होगा जो परिवार में लड़ाई, झगड़ा, झंझट करवा सकता है। चोट, फ्रैक्चर व एक्सिडेंट की संभावना रहेगी व आँखों की बीमारी भी दे सकता है।

आपको तनाव, अशांति व तंगाई रहेगी। राजनीति व समाजसेवियों को पद प्रतिष्ठा के योग हैं। मगर अड़चनें आऐगी। उनसे निपटने के बाद ही यश व सफलता प्राप्त हो सकेगी।

कार्य का स्वरूप भी बदल सकता है। स्वयं को व पत्नी को शारीरिक कष्ट, घर में क्लेश आदि रह सकते हैं। व्यापारी, अधिकारी, सर्विस वाले व किसान सफल रहेंगे। विद्यार्थियों को परिश्रम आवश्यक है।

क्या करें: राहु, केतु आराध्य हैं। श्री गणपति जी व हनुमानजी की उपासना करें।


मिथुन
(का,की, कू, घ ङ, छ, के, को, हा)

मिथुन

आपकी राशि पर शनि का ढैया चल रहा है। शनि स्व राशि का होने के कारण विशेष चिंता की बात नहीं है। मन में संशय व दुविधाएँ रहेंगी। आपका कार्य रूक-रूककर चलेगा। वक्री शनि चल रहा है, जो संकट का समय है। 5 नवम्बर से शनि मार्गी होगा परंतु फिर भी सावधानी बरतें। आपकी राशि पर गुरु 9 वां है। इससे आपको राहत मिलती रहती है और मिलती रहेगी।

आपके काम होते रहेंगे। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें परिवारजनों से मन मुटाव रहेगा। 7 दिसम्बर से पत्नी और स्वतः को पीढ़ा चोट एक्सिडेंट अथवा ऑपरेशन संभव है।

मोटरसायकल व वाहन सावधानी से चलाएं, 7 अप्रैल तक सावधानी रखना है। व्यापारी अधिकारी सर्विस वाले व किसान संकट में रहेंगें। विद्यार्थियों को परिश्रम करना पड़ेगा। वर्ष में शनि आराध्य हैं।

क्या करें: शिव उपासना व श्री हनुमानजी की आराधना करना श्रेष्ठ रहेगा, जिससे सब संकट टलें।


कर्क
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

कर्क

आपकी राशि के लिए यह वर्ष मिश्रित फलदायक रहेगा। व्यापार में प्रगति के अवसर रहेंगे किंतु गुरु आपकी राशि के लिए ठीक नहीं। 9 नवम्बर से आप पर खर्च का बोझ बढ़ेगा। आपको पेट के रोग व पत्नी को शारीरिक कष्ट रह सकता है। स्वास्थ्य कमजोर, तनाव, तंगाई व क्लेश रहना संभव है।

चिकित्सा क्षेत्र में खर्च होवे। माता-पिता व संतान के लिए समय अनुकूल है। वर्षारम्भ में समय संतान को कष्ट कारक है। 26 फरवरी से आगे स्वतः और स्त्री को कष्ट और परिवार में विशेष क्लेश संभव है। गुरु आराध्य हैं।

अष्टम गुरु व चतुर्थ गुरु घर की थाप लक्ष्मी को भी नष्ट करने वाला है। व्यापारी, अधिकारी व सर्विस वालों को समय मध्यम है। विद्यार्थियों को परिश्रम से सफलता प्राप्त होगी।

क्या करें: गुरु वर्ष में आराध्य रहेगा। श्रीविष्णसहस्त्रनाम का पाठ, श्री गणेश उपासना करना श्रेष्ठ है।


सिंह
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

सिंह

आपकी राशि के लिए यह वर्ष शुभ, मिश्रितफलदायक है। काम, धंधों में अनुकूल स्थिति रहेगी। राज्य में व समाज में मान-सम्मान के लिए राहु की आराधना करें। स्वास्थ्य व शरीर कमजोर रहेगा। दुर्बलता व पेट के रोग अर्थात हाजमा ठीक नहीं रहेगा।

जोड़ों के दर्द या पैरों में कमजोरी रह सकती है। संतान की चिंता, पत्नी को पीढ़ा व माता-पिता के लिए समय शुभ है।

7 दिसम्बर से 17 जनवरी तक के समय में अपव्यय, तनाव, तंगाई परिवार में अशांति क्लेश शरीर कष्ट प्रॉपर्टी को लेकर संघर्ष तथा माता-पिता की चिंता रहेगी। शेष समय प्रगति देने वाला रहेगा। व्यापारी, अधिकारी, कृषक, सर्विस वाले अनुकूल रहेंगे। विद्यार्थी सफल रहेंगे।

क्या करें: श्री गणेशजी की आराधना व उपासना से सब ठीक रहेगा।


कन्या
(टो, पा, पी, पू,त्र, ष, ण, ठ, पे, पो)

कन्या

आपकी राशि वालों के लिए यह समय प्रगति व उपलब्धि वाला है। यश, सफलता और प्रगति तथा कारोबार में विस्तार होगा। राजकाज में सफलता, परिवारजनों से संतोष रहेगा। नये कार्य का शुभारंभ संभव है। पत्नी को पीड़ा हो सकती है। माता-पिता के लिए समय शुभ है।

11 अप्रैल से संघर्ष, तनाव, तंगाई, शारीरिक पीड़ा व क्लेश रहने का योग है। शरीर कष्ट, भाई बंधुओं से संघर्ष रहेगा। दानधर्म शुभ कार्यों में व्यय होगा। तीर्थ यात्रा के योग भी हैं।

स्वतः को पेट के रोग हाजमे की शिकायत संभव है। समाज में राजनीति में कार्य करने वाले व सर्विस वालों के लिए उपलब्धि के अवसर हैं। व्यापारी, अधिकारी, किसान व सर्विस वालों के लिए यह समय यश, सफलता देने वाला है।

क्या करें: वर्ष अप्रैल से राहु आराध्य रहेगा। श्री हनुमानजी की उपासना करें।


तुला
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

तुला

आपकी राशि पर शनि की ढैया का प्रभाव चल रहा है, जो संपूर्ण वर्ष रहेगा। शनि स्वराशि का है व आपकी राशि भी शनि की उच्च राशि है। इससे खास दिक्कत वाली बात नहीं है। फिर भी मन में भय, संशय, दुविधाऐं और रुक-रुककर कार्य होते रहेंगे। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें।

इस समय राहु 8वां चल रहा है व मंगल आपकी राशि में है। इससे चोट लगने का योग है, सावधानी रखें। 11 अप्रैल से संघर्ष, तनाव, अशांति रहेगी। स्वयं को और पत्नी को शरीर कष्ट, चोट, एक्सिडेंट भय रहेगा। पैर में चोट लग सकती है। 26 फरवरी से स्वयं और माता-पिता को पीड़ा रहेगी।

इतना सब कुछ होते हुए भी बृहस्पति की अनुकूलता से समय-समय पर सुरक्षा व कार्य होते रहेंगे और आर्थिक स्थिति पर राहत प्राप्त होती रहेगी। व्यापारी, सर्विस वाले जोखिम के कार्य न करें व साझेदारी से बचे। किसानों के लिए मध्यम समय है। विद्यार्थियों का शुभ समय है।

क्या करें: राहु, केतु, शनि, वर्षभर आराध्य रहेंगे। श्री गणेशजी व श्री हनुमानजी की आराधना करें।


वृश्चिक
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

वृश्चिक

आपकी राशि वालों के लिए प्रगति के अवसर हैं। आत्मविश्वास से आगे बढ़ें। कार्य करें परिश्रम का फल अवश्य प्राप्त होगा। राहु, केतु व बृहस्पति का प्रभाव है। इससे स्वास्थ्य कमजोर नरम-गरम रह सकता है।

पैर के रोग वायु विकार के रोग हो सकते हैं। प्रॉपर्टी को लेकर संघर्ष व खर्च की अधिकता रह सकती है। दिसम्बर-जनवरी में तनाव, संघर्ष, तंगाई, पीड़ा व अशांति रहेगी। माता को शरीर कष्ट रह सकता है। कारोबार, राजकाज में अनुकूलता रहेगी।

संतान से संतोष, भाई-बंधुओं से मतभेद व असंतोष रहेगा। चोट, एक्सिडेंट का भय रहेगा। यह समय व्यापारी, अधिकारी व किसान के लिये ठीक है। विद्यार्थियों को परिश्रम से सफलता प्राप्त होगी।

क्या करें: गुरु आराध्य हैं श्री गणेशजी की उपासना करें।


धनु
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

धनु

आपकी राशि पर साढ़े साती का अंतिम चरण चल रहा है। स्वराशि का शनि होने से विशेष चिंता की बात नहीं है, फिर भी वर्ष में उतार-चढ़ाव चलता रहेगा। फिर भी उतरती साढ़े साती उपलब्धि वाली रहेगी। जोखिम के कार्य न करें।

परिवार में बुजूर्गों की चिंता रहेगी। 17 जनवरी से आगे स्वयं और पत्नी को शरीर कष्ट, क्लेश, अशांति, अर्थ हानि तथा तंगाई रहेगी। स्त्री व संतान सुख ठीक रहेगा। कारोबार में अनुकूलता रहेगी।

सिर में चोट लगने का योग है। 17 जनवरी से 26 मार्च तक के योग में चोट लग सकती है। वर्ष व्यापारी, अधिकारी, किसान, सर्विस वालों के लिये मध्यम विद्यार्थियों के लिए शुभ है।

क्या करें: वर्ष में शनि आराध्य है। श्री हनुमानजी की आराधना करें।


मकर
(भो,जा,जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

मकर

आपकी राशि पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव है। दूसरा चरण चल रहा है। पैर के रोग, वायु जनित रोग, माता-पिता व पत्नी को शरीर पीड़ा, अशांति, क्लेश, अर्थहानि, पत्नी की चिंता संभव है।

जोखिम के कार्य न करें। गुरु की अनुकूलता रहेगी। इससे राहत प्राप्त होती रहेगी। 19 अप्रैल से राहु का प्रकोप रहेगा, जो संघर्ष, माता की आयु की वृद्धि, अशांति-असंतोष, पीड़ा, संघर्ष आदि स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति चिंता रहेगी।

घर परिवार में लड़ाई-झगड़े संभव हैं। व्यापारी, अधिकारी, किसान जोखिम के कार्य नहीं करें। सर्विस वालों को मध्यम, विद्यार्थी सफल होंगे।

क्या करें: शनि आराध्य हैं। 19 अप्रैल से राहु आराध्य हैं। श्री हनुमानजी की आराधना करें।


कुंभ
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो दा)

कुम्भ

आपको साढ़े साती शनि का प्रथम चरण चल रहा है। अपयश, आमदनी में अवरोध, राजकीय उलझनें भी बढ़ती हैं। हालांकि कुंभ राशि शनि की राशि है परंतु द्वादश है। इससे अपने भाई, बंधु, मित्र आदि से असंतोष, माता-पिता व बुजूर्गों की चिंता होती है। मकान जमीन, जायदाद के विस्तार में व्यय संभव है।

व्यापार-व्यवसाय में जोखिम के कार्य नहीं करें। साझेदारी और किसी पर विश्वास न करें। 26 फरवरी से मंगल भी द्वादश होगा और गुरु भी जन्म के हैं। इससे स्वयं को और पत्नी को पीड़ादायक है। अशांति, क्लेश, परिवार में बिखराव संभव है। चोट, एक्सिडेंट का भय रहेगा। संतान के लिए शुभ है।

जन्म का गुरु घर में थाप लक्ष्मी रखी हुई भी खर्च करा सकता है। गुरु का प्रभाव 26 जनवरी से 1 अप्रैल तक रहेगा। व्यापारी, किसान व श्रमिकों के लिए समय संघर्षकारक है। अधिकारी और सर्विस वाले, रिश्वत आदि से दूर रहें। विद्यार्थी के लिए मध्यम है।

क्या करें: शनि वर्षभर आराध्य रहेगा। श्री हनुमानजी व भवानी देवी की आराधना करें सब ठीक होगा।


मीन
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

मीन

आपकी राशि पर गुरु द्वादश चल रहा है। अप्रेल से प्रथम गुरु होगा। शुभ और मांगलिक कार्यों में व्यय, तीर्थ यात्रा भी संभव है। संतान के प्रति समय कमजोर है। मकान, जमीन, जायदाद के विस्तार में व्यय संभव है। संतान की प्रगति में रुकावट आऐगी।

17 मई से 27 जून तक का समय लड़ाई-झगड़े आदि हो सकते हैं व सिर में चोट लगने की संभावना है। स्वयं व पत्नी को शरीर कष्ट, क्लेश, अशांति, तनाव, तंगाई का प्रभाव रहेगा।

कारोबार व आर्थिक स्थिति से संतोष रहेगा। पेट विकार रहेगा। स्नायविक रोग भी संभव है। व्यापारी, अधिकारी, किसान व सर्विस वाले ठीक रहेंगे। विद्यार्थियों को परिश्रम से लाभ होगा।

क्या करें: श्री गणेशजी की आराधना करें।


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