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आकार भी तय करते हैं- सुख समृद्धि

जिस तरह किसी भी वस्तु का स्थान वास्तु को प्रभावित करता है, ठीक उसी तरह उसका आकार भी प्रभावित करता है। कुछ आकृतियाँ हमारे लिये शुभ होती हैं, तो कुछ अशुभ।


वास्तु एक विज्ञान है जो जीवन के पञ्च तत्वों से जुड़ा है, यह हमें अनेकों रूप में लाभ पहुँचाता है। यह तो आपने सुना होगा, विज्ञान कहता है कि कोई भी वस्तु जो जगह घेरती है वह पदार्थ है। मैं वास्तु सलाहकार अनुपमा बिहानी 2005 से इस क्षेत्र में काम कर रही हूँ और मेरा दृढ़ विश्वास है कि जो कोई वस्तु जगह घेरती है वह हमारे वर्तमान और भविष्य के निर्माण में योगदान करती है।

सिर्फ वस्तु ही नही बल्कि रंग और आकार भी हमें अनुकूल/प्रतिकूल परिणाम देते है। आज हम आकार पर ही चर्चा करेंगे। चौकोर, गोलाकार, आयताकार, अंडाकार, पंचभुज, षट्भुज चाहे कोई भी आकार हो सभी ऊर्जा निर्माण करते हैं और इस ऊर्जा को बढ़ाते है।

दिन-प्रति दिन की दिनचर्या में हम अनेकों वस्तुओं का उपयोग करते हैं, जैसे : दीवार की घड़ी, गैस सिलेंडर, डाइनिंग टेबल, पेंटिंग, सेंटर टेबल, कलाकृतियाँ, कलाई में पहनने की घड़ी, सीलिंग लाइट्स। ये हमेशा सही दिशा में रखे/लगाए जाएँ।


दिशा अनुसार आकृति

पश्चिम दिशा में दीवार पर लगी गोलाकार घड़ी यह सुनिश्चित करती है कि आप सही समय पर लाभदायक सौदे का प्रबंधन करेंगे। यदि आप छात्र हैं तो दिए गए समय में अपनी परीक्षा समाप्त कर लेंगे। पूर्व में रखी आयातकार खाने की टेबल, अच्छे सामाजिक जीवन की सुविधा प्रदान करती है, आप एक अच्छे मेजबान बनते हैं।

इसी प्रकार दक्षिण दिशा में चौकोर सुनहरे फ्रेम में खिले हुए रजनीगंधा के फूलों का चित्र लगा देने से निवासी को समाज में अच्छा नाम व प्रसिद्धि मिलती है। उत्तर दिशा की दीवार पर पेंटागन के आकार में दर्पणों के समूह को लगाने से आपको अनंत अवसर प्राप्त होते है।

यहाँ तक कि जिनके घर में सीलिंग लाइट गोलाकार लगी होती है वे नये विचारो को अपनाने की सोच रखते हैं और चौकोर सीलिंग लाइट्स वाले थोड़े संकुचित् विचार रखते है।


गोलाकार आकृति है निर्णायक

क्या आपने कभी ध्यान दिया कि कसीनों में टेबल गोल होते है? जिस चबूतरे के चारों तरफ़ पंच बैठते है वह भी गोल होता है। यह गोल आकार आपको ज्यादा अवधि के लिए अपनी सीट पर टिककर, बैठा कर रखता है।

किसी न किसी निर्णय पर ज़रूर पहुँचते है या तो हार जाते है या जीत जाते है, लेकिन कही न कही पहुँच ज़रूर जाते है, जैसे कि आप गाड़ी चलाते वक्त देखते है गोल चक्कर। ये गोल चक्कर भी आपको किसी न किसी राह पर पहुँचा देता है।

गाड़ी ख़रीदने के लिए जब आप एक शो-रूम पर जाते है तब आपने देखा होगा कि गाड़ी दिखाकर सेल्समैन आपको एक टेबल पर बिठा देता है और यह टेबल अगर आप ध्यान करेंगे तो गोल ही होती है – निर्णायक स्थान।


स्थिर रखने में भी गोलाकार मददगार

ज़रा सोचिए गाँव के कुएँ गोल आकार के क्यों होते है? क्यों कोई और आकार के नही होते? गोल आकार आपको बाँधने में मदद करता है जैसे कसीनो की टेबल पर जब आप बैठते है तो आपको जल्दी से उठने का मन नही करता। इसी तरह पंच जब अपना फैसला सुनाते हैं तो आप बैठकर टिककर उसको सुनकर ही उठते है।

ऐसे ही बहते पानी को रोकने के लिए गोल आकार का प्रयोग किया जाता है इसलिए पानी कुएँ में स्टोर हो जाता है। ये सब कुछ वैज्ञानिक रूप से नियोजित है, यह सदियों से हैं। हम वास्तु विज्ञान की गहराई से अनभिज्ञ हैं लेकिन यह हमेशा से मौजूद रहा है।

हमारी सोच हमारे जीवन को तब भी और आज भी प्रभावित कर रही है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि किसी भी आकार का कितना प्रयोग करना उचित होगा क्योंकि ‘EXCESS OF EVERYTHING IS BAD..!’ इसी प्रकार बाकी के आकार भी हमारी सोच को पूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं।


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Sri Maheshwari Times

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