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सुख की राह दिखाते वास्तु मित्र- शिवनारायण मूंधड़ा

चाहे घर की सुख शांति हो या उद्योग व्यवसाय का उतार चढ़ाव ये सभी वास्तु पर आधारित हैं। यदि हमारे मकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण वास्तु अनुरूप है, तो ये सुख-समृद्धि देते हैं, अन्यथा परेशानी का कारण भी बन जाते हैं। ऐसी ही सुख समृद्धि की राह दिखा रहे हैं, रायपुर निवासी वास्तु मित्र शिवनारायण मूंधड़ा ।

वास्तु के क्षेत्र में रायपुर (छ.ग.) निवासी शिवनारायण मूंधड़ा का कितना योगदान होगा, उसका अनुमान आप इसी से लगा सकते हैं कि श्री मूंधड़ा ‘‘वास्तु मित्र’’ के नाम से ही इस क्षेत्र में जाने जाते हैं। वास्तव में उन्होंने वास्तु एवं ध्यान के क्षेत्र में काफी सराहनीय कार्य किया है जिससे अनेकानेक लोगों को लाभ मिला है।

श्री मूंधड़ा ने विभिन्न राज्यों में कई मंचों से वास्तु एवं ध्यान के बारे में कई विधियों के बारे में जानकारी देकर सैकड़ों लोगों को लाभान्वित किया है। श्री मूंधड़ा दीर्घ समय से अपने कार्यालय ‘‘शिवा वास्तु’’ के माध्यम से एनर्जी वास्तु कन्सल्टेंट के रूप में लोगों को वास्तु परामर्श देकर उनका जीवन संवार रहे हैं।

इतना ही नहीं बी.कॉम.,एल.एल.बी. तक उच्च शिक्षित श्री मूंधड़ा की प्रखर लेखनी भी ‘‘वास्तुमित्र’’ के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने में पीछे नहीं है। वास्तु पर केंद्रीत उनके कई आलेखों का देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन भी हो चुका है।


कोरोना में ‘‘स्वयंप्रभा’’ बनी सम्बल

श्री मूंधड़ा की बचपन से ही हनुमानजी के प्रति अगाध श्रद्धा रही है। अत: हनुमानजी के आशीर्वाद और अपनी वाकपटुता से इन्होंने अपने वर्षों के गहन अध्ययन व प्रयोगों द्वारा ध्यान की एक विधा तैयार की जिसका नाम है ‘‘स्वयंप्रभा’’

वैसे तो ध्यान की इस विधा का लाभ सैकड़ों लोगों ने इनसे प्रत्यक्ष लिया है, लेकिन वर्ष 2020 में कोविड के आगमन के पश्चात इन्होंने लोक कल्याण हेतु स्वयंप्रभा के इस कोर्स को लोगों की तत्कालीन मनोदशा के अनुसार तैयार किया एवं ऑनलाइन मंच द्वारा सैकड़ों लोगों ने विभिन्न राज्यों से इस कोर्स को किया एवं उसका लाभ लिया।

लोगों को इसके द्वारा मानसिक शांति के साथ शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी हुई। इसमें कई ऐसी क्रियाएं हैं जिसे करने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया रही कि मूंधड़ा जी उन्हें ध्यान की पराकाष्ठा में ले गए हैं।


जीवन जीने की कला सिखाती है ‘‘स्वयंप्रभा’’

इन्होंने ध्यान योग क्रिया का आधुनिक समय के अनुकूल एक कोर्स तैयार किया है जिसका नाम है ‘स्वयंप्रभा’। इसमें ध्यान क्रिया में केवल ध्यान ही नहीं बल्कि अनेक ऐसी अदभुत क्रियाएं भी करवाते हैं जो तन-मन पर गहरा व सकारात्मक प्रभाव छोड़ती हैं। ये सभी सफल प्रयोग आपने अपने 20 वर्षों की तपस्या एवं अनुभव से तैयार किये है।

वर्तमान में कोविड के समय में आपकी ऑनलाइन स्वयंप्रभा विधि द्वारा ‘‘कैसे प्रसन्नतापूर्वक जिएं’’, इसकी 9 दिवसीय कार्यशाला लगातार चल रही है। अपने सरल व प्रभावशाली वाक कला से श्री मूंधड़ा की स्वयंप्रभा क्लास को बेहतरीन रेस्पॉन्स मिल रहा है।


बिना तोड़ फोड़ वास्तु टिप्स

शिवनारायण मूंधड़ा

श्री मूंधड़ा का जन्म 28 अप्रैल 1965 को कलकत्ता शहर में हुआ। बाल्यकाल में ही रूचि पढ़ाई के साथ लेखन व साहित्य के प्रति भी रही है। कलकत्ता के अनेक प्रसिद्ध कवि, साहित्यकार एवं बुद्धिजीवियों व संस्थाओं के बीच आप अपने लेखों से वर्तमान समय की जरूरत व व्यावहारिकता पर अपने विचार साझा कर चुके हैं।

एक वास्तुविद के रूप में पूरे देश भर के अनेक शहरों में उन्होंने अपने वास्तु सेमिनारों से लोगों को बिना तोड़ फोड़ किये वास्तु टिप्स दिए हैं, जिसका हजारों लोगों ने लाभ उठाया है। श्री मूंधड़ा वास्तु के साथ ज्योतिष, सुजोक, एक्यूप्रेशर, कलर थेरेपी, श्वास विज्ञान, मुद्रा विज्ञान आदि अनेक विधाओं के भी विशेषज्ञ हैं। पौराणिक कथाओं कीे आज के संदर्भ में उपयोगिता भी वे बहुत ही सरल व सरस तरीके से बताते हैं।


कई गतिविधियों में रहे सक्रिय

श्री मूंधड़ा ने 1990 में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में कार सेवा में सैकड़ों मित्रों के साथ सक्रिय भागीदारी की। वे अमर शहीद श्री राम-शरद कोठारी के अंतिम संस्कार में भी अयोध्या में उपस्थित थे। पं. विजयशंकर मेहता के जीवन प्रबंधन समूह में सहसचिव की जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए अभी तक आयोजित महापाठ में अहम भूमिका निभा चुके हैं।

सृजन संस्थान रायपुर को अध्यक्ष तथा माहेश्वरी एक्युप्रेशर सेंटर को सचिव के रूप में सेवा दे रहे हैं। धर्मपत्नी नीतू मूंधड़ा भी उन्हीं की तरह योग प्रशिक्षक के रूप में मानवता की सेवा कर रही है। सुपुत्र निशांत मूंधड़ा भी प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष रूप से श्री मूंधड़ा के सहयोगी बने हुए हैं।

Contact: shivaheal@gmail.com


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Sri Maheshwari Times

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