2023

मप्र पुलिस के “रोल मॉडल”- एडीजी विपिन माहेश्वरी

अपनी बुद्धि ही नहीं बल्कि इसके साथ अपने शौर्य के लिये भी माहेश्वरी समाज जाना जाता रहा है। इसका इतिहास साक्षी है और इसी इतिहास को अपनी तीक्ष्य बुद्धि व अपने साहस से पुन: साकार कर रहे हैं, मप्र पुलिस के आईपीएस एडीजी विपिन माहेश्वरी। श्री माहेश्वरी विभिन्न पदों पर साहस का प्रतिमान स्थापित कर वर्तमान में मप्र पुलिस के भोपाल हेडक्वार्टर में एडीजी (एस.टी.एफ एवं दूरसंचार) के पद पर कार्य करते हुए पुलिस विभाग को त्वरित सेवा देने वाले विभाग में बदलने में जुटे हुए हैं। श्री माहेश्वरी टाईम्स परिवार आपकी उत्कृष्ट प्रशासनिक सेवाओं के लिये आपको माहेश्वरी ऑफ द ईयर अवार्ड समर्पित करते हुए गौरवान्वित महसूस करता है।


सन् 1990 बैच के आईपीएस विपिन माहेश्वरी मप्र पुलिस के लिये गौरव का ऐसा नाम बने हुए हैं, जिनकी उपस्थिति किसी भी असंभव को संभव बनाने में पर्याप्त है। यही कारण है कि 32 वर्षों की भारतीय पुलिस सेवा की सफल यात्रा के बाद श्री माहेश्वरी को एडीजी एसटीएफ के पद पर प्रदेश के पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया गया है।

इस पद पर रहते हुए श्री माहेश्वरी पुलिस की उस छवि को सुधारने में जुटे हैं, जिसमें यह माना जाता है कि पुलिस कभी समय पर नहीं पहुँचती। वर्तमान में श्री माहेश्वरी मप्र पुलिस की कार्यप्रणाली को त्वरित बनाते हुए उसे अपराध पर नकेल कसने में पूर्णरूप से सक्षम बनाने में जुटे हुए हैं। इसके लिये वे आधुनिकतम तकनीकों का भी उपयोग कर रहे हैं।


ऐसे बढ़े आईपीएस की ओर कदम

श्री माहेश्वरी का जन्म 1 दिसम्बर, 1963 को श्री राजेश्वर प्रसाद माहेश्वरी के यहाँ हुआ। आपका परिवार न्याती (फोफलिया) खांप से होकर जैसलमेर का मूल निवासी रहा है। आपका परिवार लगभग 200-250 वर्ष पूर्व मथुरा आकर बस गया था। पिताश्री श्रीराम कॉलेज, नई दिल्ली में सेवारत थे। आपने बी.कॉम. ऑनर्स के बाद चार्टड अकाउंटेट की परीक्षा न केवल उत्तीर्ण की, बल्कि सफलतापूर्वक नई दिल्ली में 2 वर्ष तक व्यवसाय भी किया।

ADG Vipin Maheshwari

सीए के रूप में सफलतापूर्वक व्यवसायरत रहते हुए अच्छी आय अर्जित करने के बावजूद भी, बचपन से देखा उच्च पुलिस अधिकारी बनने का सपना मन में पीड़ा देता रहा। पिताजी की भी इच्छा थी कि बेटा भारतीय पुलिस सेवा में जाऐ। बस, पिता का आशीर्वाद और मित्र तथा शुभचिंतकों की शुभकामनाऐं संबल बनी और संघ लोकसेवा आयोग द्वारा आईपीएस के लिये चयनित हो गये। फिर आपने सन् 1990 की बैच में आईपीएस परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्तमान में आपका पत्नी प्रतिज्ञा व पुत्र आयुष तथा वरुण सहित भरापूरा परिवार है।


कई महत्वपूर्ण पदों पर दी सेवा

भारतीय पुलिस सेवा में चयन के उपरांत प्रारम्भिक समय में आप क्रमश: अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) बरेली-जिला रायसेन, अति पुलिस अधीक्षक-श्योपुर एवं अति पुलिस अधीक्षक-ग्वालियर के पद पर पदस्थ रहे। तत्पश्चात वर्ष 1997 से 2004 के मध्य आप प्रदेश के सिवनी, राजगढ़, खरगोन एवं भोपाल जैसे महत्वपूर्ण जिलों में पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ रहे तथा कर्त्तव्य के नये आयाम स्थापित करते रहे।

आप मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल की 7वीं वाहिनी-भोपाल, 26वीं वाहिनी-गुना एवं 29वीं वाहिनी दतिया में सेनानी के पद पर भी आसीन रहे हैं। उत्कृष्ट कर्त्तव्य परायणता के फलस्वरूप राज्य शासन द्वारा वर्ष 2004 में आपको पुलिस उप-महानिरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया। पदोन्नति उपरांत वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक आपने डीआईजी खरगोन रेंज एवं डीआईजी उज्जैन रेंज के पद पर पदस्थ रहकर अपनी उत्कृष्ट कर्त्तव्यपरायणता का परिचय दिया।

प्रदेश के इंदौर व भोपाल शहरों में एसएसपी सिस्टम लागू किये जाने पर आपको जून 2009 में इंदौर जैसे महत्वपूर्ण शहर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (डीआईजी) के पद पर पदस्थ किया गया। इसके पश्चात् आईजी एटीएस भोपाल, आईजीपी व एडीजीपी इंदौर जोन रहे। इसके पश्चात् पुलिस मुख्यालय भोपाल में एडीजी (एसटीएफ एवं दूरसंचार) के रूप में सेवा दे रहे हैं।


साहस के साथ तीक्ष्ण बुद्धि

नवम्बर 2009 में खण्डवा में एटीएस के एक आरक्षक की आतंकवादियों द्वारा हत्या कर दी गई थी। इसके अतिरिक्त आतंकवादी संगठन सिमी की मध्यप्रदेश में गतिविधियों की समय-समय पर जानकारी भी प्राप्त हो रही थी। इस पर इन आतंकवादियों को पकड़ने के लिये श्री माहेश्वरी के नेतृत्व में ‘‘आपरेशन विजय’’ प्रारंभ किया गया।

लगभग डेढ़ साल के आपरेशन में श्री माहेश्वरी एवं उनकी टीम द्वारा इन आतंकवादियों को चिन्हित कर उन पर रणनीति के तहत कार्यवाही की गई। इन आतंकवादियों द्वारा जून 2011 में भी एटीएस के एक अन्य सिपाही की रतलाम में हत्या कर दी गई। तदुपरांत ‘‘आपरेशन विजय’’ के अंतर्गत 21 आतंकवादियों व उनके कई सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया।

श्री माहेश्वरी द्वारा किये गये इस उत्कृष्ट कार्य के लिये मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन द्वारा 15 अगस्त 2012 ‘‘स्वाधीनता दिवस’’ के अवसर पर पिस्टल से सम्मानित किया गया। भारत सरकार द्वारा भी इन आतंकवादियों को पकड़ने पर अगस्त 2013 में पुलिस वीरता पदक प्रदान किया गया।


आधुनिक तकनीकों का पूरा उपयोग

अति. पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, इन्दौर जोन के रूप में श्री माहेश्वरी ने कम्प्यूटर क्रांति का बेहतर उपयोग कर साफ्टवेयर के माध्यम से कई नवाचार प्रारंभ कर नागरिकों को अनेक सुविधाएँ प्रदान की। इन्दौर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आरएलवीडी सिस्टम प्रारंभ किया। इतने वह्द स्तर पर आरएलवीडी व्यवस्था स्थापित करने वाला मप्र देश का पहला राज्य बना।

महिलाओं एवं छात्राओं को तत्काल पुलिस सहायता दिलाने, मूल्यवान वस्तु जैसे मोबाइल, पासपोर्ट आदि गुम होने की तत्काल सूचना देने, पुलिस थानों एवं पुलिस अधिकारियों के फोन एवं मोबाइल नम्बर सुलभ कराने, यातायात पुलिस द्वारा गलत स्थान पर पार्क वाहनों को टोइंग किए जाने की जानकारी उपलब्ध कराने आदि के लिए ‘‘सिटीजन कॉप’’ नामक वेब एप्लीकेशन बनवाई गई, जो इन्दौर शहर के नागरिकों में आज भी अत्यंत लोकप्रिय है।

प्रतिदिन सैकड़ों नागरिक इस एप्लीकेशन का उपयोग कर न केवल सुविधा का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि गुण्डे बदमाशों की जानकारी भी निडरता से दे रहे हैं। आपके प्रयासों से विभाग में भ्रष्टाचार को कम करने हेतु पुलिस ऑफिसर की ड्यूटी, सॉफ्टवेयर के माध्यम से लगाने की पहल भी की गयी। कई अन्य ऐसे सॉफ्टवेयर, जिनसे जनसामान्य संबंधित सुविधाओं में त्वरित गति से निष्पादन करने में सहूलियत हो सके, उन्हें भी प्रारंभ किया।


उत्कृष्ट सेवा ने दिलाया उत्कृष्ट सम्मान

उत्कृष्ट कार्यशैली के फलस्वरूप भारतीय पुलिस वीरता पदक सहित अनेक अवसरों पर राज्य शासन द्वारा आपको प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। आपको वर्ष 2006 में सराहनीय सेवाओं के लिये “Indian Police Medal” के अलंकरण से अलंकृत किया गया। इसके अतिरिक्त आपको Indira Gandhi Award तथा Communal Harmony and Peace अवार्ड से भी अलंकृत किया गया है।

इसके अतिरिक्त भी उन्हें कई संगठनों व संस्थाओं द्वारा उत्कृष्ट सेवाओं के लिये सम्मानित किया जाता रहा है। सम्मान की इसी श्रृंखला में श्री माहेश्वरी को उनके दीर्घ व उत्कृष्ट कार्यकाल के लिये वर्ष 2018 में भारत सरकार द्वारा शीर्ष सम्मान राष्ट्रपति के विशिष्ट सेवा पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया।


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