2023

सीमेन्ट उद्योग के महानायक- हरिमोहन बांगड़

महानायक वह होता है, जिसमें बहुत कुछ बदलकर शिखर की ऊँचाई छुने की क्षमता होती है। कोलकाता निवासी श्री सीमेन्ट लि. के चेयरमैन हरिमोहन बांगड़ सीमेन्ट उद्योग की दुनिया के ऐसे ही महानायक हैं, जिन्होंने न सिर्फ अपनी कम्पनी को शिखर की ऊँचाई दी बल्कि विपरीत परिस्थितियों से देशभर के सीमेन्ट उद्योग को बाहर लाने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्री माहेश्वरी टाईम्स सीमेंट उद्योग जगत में विशिष्ट योगदान के लिये आपको ‘‘माहेश्वरी ऑफ द ईयर 2022’’ अवार्ड अर्पित करते हुए गौरवान्वित महसूस करती है।

भारतीय सीमेंट उद्योग जगत में जब भी कोलकाता निवासी हरिमोहन बांगड़ का नाम लिया जाता है, तो हर कोई नतमस्तक हुए बिना नहीं रहता। कारण यही है कि उन्होंने सीमेंट उद्योग जगत में जो किया वह अत्यंत विरले ही कर पाते हैं। इसे उनकी नेतृत्व क्षमता का ही करिश्मा मान सकते हैं कि वर्ष 1992 में उन्होंने श्री सीमेन्ट में पद भार संभाला था तब मात्र 0.60 मिलियन टन सीमेन्ट उत्पादन की क्षमता रखने वाली कम्पनी श्री सीमेन्ट लि. की आज 46.40 मिलियन टन सीमेन्ट उत्पादन क्षमता तो है ही, साथ ही 820 मेगावॉट विद्युत उत्पादन क्षमता के साथ ऊर्जा के लिये पूर्णत: आत्मनिर्भर भी है।

इतना ही नहीं यह उनकी सफलता का परिणाम ही है कि श्री बांगड़ के नेतृत्व में श्री सीमेंट की शेयर मार्किट वेल्यु वर्ष 2000-2001 के 110 करोड़ से वर्तमान में 85000 करोड़ पर जा पहुँची है। वर्तमान में यह कम्पनी देश की तीसरी सबसे बड़ी सीमेन्ट उत्पादक समूह है।


ऐसे बढ़े उद्योग जगत में कदम

श्री बांगड़ का जन्म 29 अक्टूबर 1952 में कोलकाता के प्रतिष्ठित उद्यमी परिवार में हुआ था। उनका परिवार मूल रूप से डिडवाना (राजस्थान) का मूल निवासी है। श्री बांगड़ बचपन से ही अत्यंत प्रतिभावान रहे हैं। आपने वेस्ट बंगाल कोंसिल ऑफ हायरसेकेंडरी एज्युकेशन की हायर सेकेंडरी स्तरीय परीक्षा राज्य में 20वीं रेंक के साथ उत्तीर्ण की। फिर उन्हें आईआईटी बॉम्बे में केमिकल इंजीनियरिंग शाखा में प्रवेश मिला।

अपनी इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् अपने पैतृक समूह की टेक्सटाईल मिल्स से उन्होंने अपनी औद्योगिक यात्रा प्रारम्भ की और अपनी नयी सोच व त्वरीत बुद्धि से शीघ्र ही इसे लाभ देने वाले उपक्रम में बदल दिया। फिर उन्हें स्वतंत्र रूप से बांगड़ ग्रुप के एक शीर्ष उपक्रम ‘‘श्री दिग्विजय सीमेंट कं. लि.’’ का प्रभार सौंपा गया, जिसे उन्होंने कुशलतापूर्वक संभाला। उस समय प्रथम बार बांगड़ ग्रुप को श्री बांगड़ के नेतृत्व में आयकोनिक इन्डो सोवियत कल्चरल कोआपरेटिव कार्यक्रम ‘‘बेलेट ऑन आईस इन इंडिया’’ को स्पान्सर करने का अवसर भी मिला।


फिर प्रारम्भ हुई श्री सीमेंट की यात्रा

श्री बांगड़ ने जुलाई 1992 से श्री सीमेंट के साथ जुड़ने के बाद इस कंपनी को सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाने में अपनी पूरी सामर्थ्य और प्रयत्न लगा दिए। इसी के फलस्वरूप कंपनी इस मुकाम पर पहुंची है। इस सफलता का कारण रहा ऋग्वेद का एक सूत्र जो श्री बांगड़ के भी जीवन का सूत्र बन गया- ‘‘आ नो भद्राः कृतवो यन्तु विश्वतः।” अर्थात् ‘‘पूरे विश्व से श्रेष्ठ विचारों को हम ग्रहण करें’’। इसी का परिपालन करते हुए श्री बांगड़ ने हमेशा श्रेष्ठ विचारों तथा नवान्वेषण को अपनाया।


हर मामले में शिखर पर पहुँची कंपनी

श्री सीमेंट न सिर्फ अपनी उत्पादन क्षमता से ही देश की शीर्ष सीमेंट कंपनियों में शामिल है, अपितु हर मामले में उत्कृष्टता में किसी से पीछे नहीं है। इसके पास वेस्ट हीट जनित पावर उत्पादन करने की विश्व सीमेंट उद्योग में (चीन के बाद) सबसे ज्यादा क्षमता है।

इसके अलावा कंपनी सीमेंट उत्पादन में शत प्रतिशत पेट कोक का उपयोग करने वाली पहली कंपनी थी जिसे बाद में पूरे सीमेंट उद्योग ने अपनाया। बस इसके पीछे लक्ष्य है, प्रदूषण को कम करना। पर्यावरण संरक्षण के लिये कंपनी सभी औद्योगिक शर्तों का अक्षरश: पालन करती है। इन सभी प्रयासों ने ही श्री सीमेंट को निवेशकों के लिये विश्वास का दूसरा नाम बना दिया शेयर मार्केट में भी श्री सीमेंट देश की टॉप 50 कम्पनियों में शामिल है।


सीमेंट उद्योग जगत को भी दी नई दिशा

श्री बांगड़ को भारतीय सीमेंट उद्योग जगत में ‘‘ट्रेंडसेटर’’ कहा जाता है। कारण यह है कि उन्होंने अपने क्रांतिकारी विचारों से सीमेंट उद्योग में कई ऐसे सकारात्मक परिवर्तन करवाऐ जो इस उद्योग के लिये ऐतिहासिक बन गये। आप वर्ष 2007-09 तक सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (सीएमए) के अध्यक्ष रहे। उनके इस कार्यकाल के दौरान सीमेंट उद्योग अत्यंत कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन श्री बांगड़ ने उस चुनौतीपूर्ण समय में भी सीमेंट उद्योग का सीएमए के अध्यक्ष के रूप में सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया।

इतना ही नहीं सड़क निर्माण में सीमेंट के उपयोग को भी उन्होंने प्रोत्साहित करवाया। सीमेंट निर्माण के लिये ‘‘फ्लायऐश’’ की उपलब्धता भी सुनिश्चित करवाई। अपने योगदानों के लिये श्री बांगड़ वर्ष 2016 में ‘‘उत्पादन श्रेणी’’ में विश्वस्तरीय ‘‘अर्नेस्ट एण्ड यंग इंटरप्रेन्यौर (EOY) ऑफ द ईयर अ‍ॅवार्ड’’ से भी सम्मानित हुए। सातवें फोर्ब्स इंडिया लीडरशिप अवार्ड (FILA) 2017 समारोह में उन्हें ‘‘प्रेस्टीजियस इन्टरप्रेन्यौर ऑफ द ईयर अवार्ड’’ से सम्मानित किया गया।

श्री बांगड़ ने विभिन्न टीवी चेनल्स पर सीमेंट उद्योग के मामलों में कई साक्षात्कार दिये तथा उद्योग संगठन इघ्ण्ण्घ् के कार्यक्रमों में भी अपने उद्बोधन से मार्गदर्शन प्रदान किया। आप भारत चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री (BCCI) के अध्यक्ष भी रहे हैं। नेशनल कौंसिल फॉर सीमेंट एंड बिल्डिंग मटेरियल (ऐनसीसीबीएम) की रिसर्च एडवाइजरी कमिटी के भी श्री बांगड़ चेयरमैन रहे हैं।


समाजजनों के स्वास्थ्य की भी चिंता

वर्तमान में चिकित्सा इतनी महंगी हो गई है कि आम व्यक्ति उचित चिकित्सा सुविधा तक से वंचित हो जाता है। इसी स्थिति को देखते हुए श्री बांगड़ के प्रयासों से उनकी ही अध्यक्षता में 12 अक्टूबर 2010 को सामान्य परिवारों को गंभीर बीमारी में आर्थिक सहयोग हेतु संस्था ‘‘श्री बांगड़ माहेश्वरी मेडिकल वेलफेयर सोसायटी’’ की स्थापना की गई। इसमें श्री बांगड़ प्रारम्भ में 50 लाख तथा गत तीन वर्षों से प्रतिवर्ष 60 लाख रुपये का आर्थिक सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

प्रमुख दानदाता के साथ ही गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉज श्रेणी के सदस्यों का भी प्रावधान है। इसके अंतर्गत प्रतिवर्ष 1 लाख रुपये 10 वर्ष तक में गोल्ड, 5 वर्ष में सिल्वर तथा 3 वर्ष में ब्रोंज श्रेणी के सदस्य बनाये जाते हैं। सोसायटी द्वारा सामान्य बीमारी में अधिकतम 65000 रुपये, कैंसर एवं किडनी रोग में 80 हजार रुपये तथा किडनी, लिवर एवं हृदय के प्रत्यारोपण हेतु एक लाख रुपयों की सहायता दी जाती है।

गत वर्ष 2018 तक सोसायटी द्वारा 1486 रोगियों को 7,78,87,634 रुपयों की सहायता प्रदान की गई है। इसके साथ ही सामूहिक मेडिकल बीमा योजना में 50 से 75 प्रतिशत प्रीमियम सहयोग अंतर्गत 1,48,477 रुपये का आर्थिक सहयोग प्रदान किया गया। लगभग डेढ़ लाख रुपये का रक्तदान शिविरों में भी सहयोग प्रदान किया।


समाजसेवा में विशिष्ट योगदान

श्री बांगड़ अपनी तमाम व्यस्तता के बावजूद भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से समाजसेवा के क्षेत्र में भी अपना सक्रिय योगदान प्रदान करते रहे हैं। आप ‘‘राजस्थान फाउण्डेशन कोलकाता चेप्टर’’ के अध्यक्ष रहे हैं। विश्व स्तरीय सेवा संगठन रोटरी क्लब कोलकाता के आप सक्रिय सदस्य हैं। इनके साथ ही श्री बांगड़ अनगिनत चेरिटेबल संस्थाओं से भी व्यक्तिगत रूप से सम्बद्ध हैं। इसके साथ ही उनका उद्योग ग्रुप अपने सोश्यल वेलफेयर ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा आदि समाजसेवी गतिविधियों में भी सेवा दे रहा है।

शिक्षा क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा विशेषकर बालिका शिक्षा के क्षेत्र में कई प्राथमिक शिक्षा केंद्रों का विकास कर ‘‘सबके लिये शिक्षा’’ के ध्येय वाक्य को साकार किया। स्वास्थ्य सेवा में 24 घंटे उनके ‘‘वेलनेस मैनेजमेंट सेंटर’’ कार्यरत हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में भी सेवा दे रहे हैं।

सीएसआर गतिविधि के अंतर्गत नारी सशक्तिकरण व स्किल डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, शहीद सैनिकों के परिवारों को सहयोग, वरिष्ठजनों के लिये प्रकल्प ‘‘प्रोणाम’’ तथा कला व संस्कृति के प्रोत्साहन के लिये विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर इन्हें प्रोत्साहित किया जाता है।


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