सेवा पथ का किया अभिनंदन बजरंगलाल बाहेती
समाजसेवा पथ वास्तव में वह पथ है, जिसमें सिर्फ देने की भावना होती है, कुछ लेने की नहीं और वह भी प्रसन्नता के साथ। लक्ष्य यही होता है कि हमने समाज से जो लिया उससे अधिक लौटाया जा सके। ऐसे ही समाजसेवी हैं, जयपुर निवासी बजरंगलाल बाहेती, जिनके प्रयासों से समाज को अभिनंदन भवन जैसी गरिमामयी सौगात मिली। श्री माहेश्वरी टाईम्स बजरंगलाल बाहेती को उनकी समाजसेवा के लिए माहेश्वरी ऑफ द ईयर अवॉर्ड भेंट करते हुए गौरवान्वित महसूस करती है।
न सिर्फ जयपुर बल्कि संपूर्ण राजस्थान में समाज ही नहीं बल्कि अन्य समाजसेवियों तथा व्यवसायियों के बीच बजरंगलाल बाहेती एक ऐसा प्रतिष्ठित नाम है, जिन्होंने जो भी किया वह कुछ इतिहास के पन्नों में दर्ज करने जैसे ही किया।
यदि व्यावसायिक योगदानों की बात की जाए तो श्री बाहेती ने अत्यंत लघुस्तर पर जेम्स एंड ज्वेलरी व्यवसाय की शुरुआत कर अपने व्यवसाय को आज उस प्रतिष्ठित जगह पहुंचा दिया है, जिस पर हर जयपुर निवासी गर्व करता है। उनका प्रतिष्ठान ‘बाहेती जेम्स एंड ज्वेलर्स (प्रा) लिमिटेड’ जयपुर की विशिष्ट पहचान में शामिल है।
यदि समाजसेवा के क्षेत्र की बात की जाए तो न सिर्फ माहेश्वरी समाज बल्कि अन्य कई समाजसेवी संस्थाएं भी उनकी सफलता की कहानियां कह रही हैं। जयपुर में निर्मित भव्य समाज भवन अभिनंदन स्वयं उनके समाजसेवा के क्षेत्र में दिए योगदानों की एक मिसाल है।
छोटे से गांव में लिया जन्म:
छापर चुरु जिले राजस्थान का एक छोटा सा गांव है। चूंकि स्थानीय राजस्थानी बोली में एक फ्लैटलैंड को ताल कहा जाता है इसलिए इस संरक्षित क्षेत्र को ताल छापर कहा जाता है। श्री बाहेती का जन्म 6 सितंबर 1961 को गांव छापर जिला चुरु में स्व. श्री पुसराज बाहेती के यहां हुआ। अपनी प्रारंभिक शिक्षा छापर में पूर्ण कर सुजानगढ़ से बीकॉम करने के बाद 1981 में श्री बाहेती ने कलकत्ता और कानपुर में व्यवसाय किया।
श्री बाहेती स्कूल से लेकर कॉलेज तक सतत छात्रसंघों में विभिन्न पद पर रहे। 1982 में आपने जयपुर में जवाहरात उद्योग में प्रथम कदम रखा और अपनी लगन व आचरण से इस उद्यम को आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचाने का निर्णय किया। उस समय कई लोगों ने उनके इस कदम को बहुत चुनौतीपूर्ण कहा।
किसी को कल्पना भी नहीं थी कि श्री बाहेती इस व्यवसाय को आगे बढ़ा भी पाएंगे। लेकिन यह उनका हौसला और दृढ संकल्प ही कहा जा सकता है कि छोटे से पौधे के रूप में स्थापित उनका यह व्यवसाय आज ‘बाहेती जेम्स एंड ज्वेलर्स प्रा.लि.’ जैसे वृहद व्यवसाय का रूप ले चुका है, जो सैकड़ों कर्मचारियों को रोजगार भी दे रहा है।
व्यवसाय को दिया अंतरराष्ट्रीय मुकाम:
वर्तमान में आप इस कंपनी के डायरेक्टर हैं। अपनी कंपनी का आपने अत्यंत धैर्य से संचालन किया है और भारत के साथ अन्य देशों में भी व्यापार विस्तारपूर्वक बढ़ाया है। वर्तमान में देश के जवाहरात के नामी व्यापारियों में श्री बाहेती का नाम शामिल है। बजरंग बाहेती के नियंत्रण में ‘बाहेती जेम्स एंड ज्वेलर्स प्रा. लिमिटेड’’ विभिन्न प्रतिष्ठित एक्जीबिशन में सतत हिस्सा लेकर देश में अपनी छबि बनाई। वर्तमान में उनकी कंपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी विशिष्ट प्रतिष्ठा रख रही है।
समाजसेवा में समर्पित मन:
अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक निरंतर उन्नति की ओर ले जाते श्री बाहेती का समाज में भी सतत योगदान है। श्री बाहेती वर्ष 1997 से 11 तक स्थानीय नवयुवक मंडल सदस्य रहे। वर्ष 1999 से माहेश्वरी समाज जयपुर से संबद्ध हैं और वर्तमान में भी कार्यकारिणी सदस्य हैं। श्री गिरीराज धरण माहेश्वरी सेवा ट्रस्ट गोवर्धन (उप्र) के सन् 2002 में संस्थापक व 2013 में ट्रस्ट अध्यक्ष नियुक्त हुए। 15 जनवरी 2014 को आप अभा माहेश्वरी सेवा ट्रस्ट द्वारिका में ट्रस्टी व फिर उपाध्यक्ष नियुक्त हुए। आपके पिताजी ने सन् 2009 में श्री माहेश्वरी भवन (चुरु) का अपने कर कमलों से निर्माण करवाया और वर्ष 2017 में इसी भवन का दूसरा चरण श्री बाहेती द्वारा पूर्ण करवाया गया। आप श्री रामशंकर सरकार गोशाला छापर एवं शेखावटी विकास परिषद जयपुर में भी ट्रस्टी हैं। आप उत्सव माहेश्वरी भवन जयपुर के उपाध्यक्ष रह चुके हैं व 2001-2002 में माहेश्वरी समाज जयपुर के शिक्षा सचिव भी रह चुके हैं। वर्तमान में आप माहेश्वरी समाज जयपुर के कार्यकारिणी सदस्य एवं जयपुर जिला व पूर्वोत्तर राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी सभा के कार्यसमिति सदस्य हैं। आप अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी सभा के कार्यकारी मंडल सदस्य व सुजानगढ़ तहसील नागरिक परिषद जयपुर के अध्यक्ष भी हैं।
समाज को दिलाई अभिनंदन की सौगात:
श्री माहेश्वरी समाज जनोपयोगी भवन ‘अभिनंदन’ गुलाबी नगरी जयपुर में एक अलग ही पहचान बना चुका है। श्री बाहेती इसके प्रारंभ वर्ष 2015 से ही चेयरमैन रहे हैं। यह भवन जयपुर में स्थित एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी, मानसरोवर में स्थित है। चेयरमैन श्री बाहेती के अथक प्रयास से भूमि का रूपांतरण करवाकर जे.डी.ए. द्वारा भवन का नक्शा पास कराकर, 1 जनवरी 2015 से निर्माण शुरू किया गया।
फिर इसका निर्माण मार्च 2018 तक भवन निर्माण समिति के सहयोग से पूरा कराकर 16 जून 2018 को गणेश स्थापना, वास्तु-पूजा एवं मांगलिक प्रवेश के साथ 21 अक्टूबर 2018 को पूर्ण करवाकर राजेंद्र मूंदड़ा द्वारा लोकार्पण कराया गया। अभिनंदन भवन में 62 कमरे, 8 डोरमेट्री, 4 लेट-बाथ सहित हॉल, 1 बड़ा बैंक्वेट हॉल, ग्राउंड फ्लोर पर डायनिंग हॉल, 2 मिनी बैंक्वेट हॉल, 2 डायनिंग हॉल, 4 छोटे किचन, 2 बड़े किचन, 2 पैसेंजर लिफ्ट, 1 लोडिंग लिफ्ट व डबल बेसमेन्ट पार्किंग हैं।
भवन में मेजेनाइन फ्लोर पर ऑफिस ब्लॉक व मुख्य स्टोर बना हुआ है। प्रत्येक फ्लोर पर भी स्टोर हैं। भवन में पॉवर बैकअप के लिए 400 केवी का जेनरेटर भी लगा है। श्री बाहेती के नेतृत्व में भवन लोकार्पण के बाद अभी तक करीब 190 मांगलिक व धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं। आप अभिनंदन भवन के आजीवन दानदाता भी हैं। इस भवन के अतिरिक्त श्री बाहेती सोमनाथ माहेश्वरी अतिथिगृह के निर्माण से ही संस्थापक सदस्य के रूप में भी सतत योगदान देते आ रहे हैं।
सादा जीवन उच्च विचार:
श्री बजरंगलाल बाहेती का व्यावसायिक व समाजसेवी क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान होने के बावजूद उनके जीवन में आज भी दिखावा नहीं है। वे आज भी सादा जीवन उच्च विचार के ध्येय वाक्य का ही पालन करते हैं। श्री बाहेती का मानना है कि अतीत में कई विद्वानों ने इस कहावत के उपदेश का पालन किया है और इतिहास में अपनी छाप छोड़ी है।
ऐसे कुछ लोगों में संत कबीरदास, महात्मा गांधी, पोप फ्रांसिस और अब्राहम लिंकन आदि शामिल हैं। यदि हम भौतिकवादी इच्छाएं कम करते हैं और अपनी जरूरतों पर अड़े रहते हैं, तो अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के बीच संतुलन बनाने में सक्षम होंगे। इस तरह अपने परिवार के साथ अधिक समय बीता पाएंगे, जहां सच्चा आनंद निहित है। इससे हमारे पास खुद को देखने और जीवन के वास्तविक उद्देश्य का पता लगाने के लिए भी पर्याप्त समय होगा।
परिवार भी उनके पदचिह्नों पर अग्रसर:
श्री बजरंगलाल बाहेती न सिर्फ अपने परिवार के मुखिया बल्कि उनके लिए मार्गदर्शक व आदर्श भी हैं। उनका पारिवारिक जीवन भी न सिर्फ पुत्रों बल्कि समाजजनों के लिए भी आदर्श ही है। श्री बाहेती की धर्मपत्नी उर्मिला बाहेती डुंगरगढ़ से हैं। श्रीमती बाहेती ने स्नेह और विश्वास से पति-पत्नी के रिश्तों को सींचा है, जिससे आप जिंदगी में सफलता की ओर बढ़ते चले गए। इनके सुपुत्र नवीन और नितिन बाहेती ने एमबीए और जीआईए किया है।
पुत्रवधू कोमल और स्नेहा बाहेती दोनों ही सीए हैं। कामयाब जीवन की चाबी एक खुशहाल परिवार है। यह बात श्री बाहेती ने भलीभांति सिद्ध कर दी है। इनका कहना है कि जीवन में तभी उत्साह व उमंग का संचार होगा जब हम स्वयं को सेवा कार्य में विलीन कर दें। जीवन को ऊंचा उठाना, बेहतर से बेहतर बनाना ही मानव जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। सत्य, ईमानदारी, निष्ठा और प्रेम से ही इंसान सुखी रह सकता है। इसी से घर, समाज और देश में शांति रह सकती है।