माहेश्वरी समाज वडोदरा ने मनाई स्वर्ण जयंती
वडोदरा। स्थानीय माहेश्वरी समाज संगठन का स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह विगत दिनों मनाया गया। उक्त अवसर पर अखिल भारत वर्षीय माहेश्वरी महासभा के उप सभापति त्रिभुवन प्रसाद काबरा प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इसमें समाज के कलाकारों द्वारा अभूत पूर्व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन कर अखिल भारत वर्षीय माहेश्वरी महासभा के सभापति श्यामसुंदर सोनी, उप सभापति त्रिभुवन प्रसाद काबरा, कार्य समिति सदस्य श्याम राठी, सुप्रसिद्ध प्रेरक वक्ता रमेश परतानी हैदराबाद तथा माहेश्वरी समाज संगठन के अध्यक्ष विनोद भूतड़ा ने किया।
बापूजी ने करवाई संगठन की शुरुआत
इस अवसर पर अपने संस्मरण को साझा करते हुए अपने उद्बोधन में श्री काबरा ने कहा कि 70 के दशक में बापूजी श्री रामेश्वरलाल काबरा मुंबई में रहते थे लेकिन व्यापार के काम से वडोदरा आते जाते रहते थे। 1973 में उन्होंने महेश विद्युत उद्योग के कार्यालय जो एन. के. झवेरी एस्टेट में स्थित था, पर वड़ोदरा के माहेश्वरी समाज के कुछ महानुभावो को एकत्रित कर माहेश्वरी समाज संगठन को प्रारंभ करने के लिए वार्तालाप कर संगठन की स्थापना करवाई। उस बैठक में बापूजी के साथ सरस्वतीदेवी पण्डित, जानकीलाल इनानी, मोतीलाल नवाल, कन्हैयालाल काबरा, रामजीवन साबू, मदनलाल मंडोरा, बंसीलाल देवपुरा एवं भगवानदास साबू आदि उपस्थित थे।
इसमें श्रीमती सरस्वती देवी पण्डित को संगठन की संस्थापक अध्यक्षा, हसमुखलालजी पसारी को उपाध्यक्ष एवं मुरलीमनोहरजी काबरा को मंत्री के रूप में सर्वसम्मति से चयनित किया गया। इस तरह 1973 में माहेश्वरी समाज संगठन, बड़ौदा की नीव रखी गई। मेरे लिए गर्व की बात है कि, मैं भी इस संगठन का हिस्सा रह चुका हूँ। सन् 1986 के सत्र में मंत्री और तत्पश्चात 1991 के सत्र में अध्यक्ष का दायित्व ग्रहण कर समाज की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ था।
आगे चलकर 2013 के सत्र में गुजरात प्रांतीय माहेश्वरी सभा से दक्षिण गुजरात के लिए संयुक्त मंत्री और उसके पश्चात 2016 के सत्र में गुजरात प्रांतीय माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष पद का दायित्व ग्रहण किया जो अविरत जारी रहा। वर्तमान में मैं अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा में मध्यांचल से उपसभापति के साथ-साथ महेश सेवा ट्रस्ट के संरक्षक के रूप में भी समाज कार्य कर रहा हूँ। माहेश्वरी समाज ने पिछले 10 वर्षो में विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उन्नति की है।