समाज की प्रथम आरएएस सुनीता डागा
व्यावसायिक जगत में शीर्ष पर स्थापित माहेश्वरी समाज प्रशासनिक सेवाओं में भी अब अपना परचम लहराने में जुटा हुआ है। इनमे समाज की नारी शक्ति भी पीछे नहीं है। इनमे से ही एक हैं, जोधपुर निवासी सुनीता डागा जो वर्तमान में कोटा में भू प्रबंधन अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा में 2001 बैच से चयनित आरएएस अधिकारी सुनीता डागा प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छुक महिलाओं की रोलमॉडल बनी हुई है। संभवतः श्रीमती डागा प्रथम माहेश्वरी महिला है, जो राजस्थान प्रशासनिक सेवा में सीधे चयनित हुई है। अजमेर(राजस्थान) में 15 जनवरी 1975 को श्रीमती डागा का जन्म रमेशचंद्र इनाणी के यहाँ हुआ। एमएससी व बीएड तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उनकी कल्पनाओं ने अपनी दिशा ही बदल दी।
उन्होंने अपने माता-पिता एवं शिक्षकों की प्रेरणा से राजस्थान प्रशासनिक एवं अधीनस्थ सेवा परीक्षा की तैयारियां शुरू की तथा वर्ष 2001 में इनका राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ। फिर शादी 21 दिसंबर 2001 को मथानिया जिला जोधपुर निवासी राजेश डागा पुत्र ओमप्रकाश डागा के साथ हुई, जो की राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं एवं वर्तमान में उपसचिव नगर विकास न्यास, कोटा के पद पर कार्यरत है।
संघर्ष से पायी सफलता:
श्रीमती सुनीता डागा की पारिवारिक पृष्ठभूमि शिक्षित परिवार से थी, इनके दादा स्व श्री अमरचंद इनाणी सुप्रसिद्ध एडवोकेट थे एवं पिता रमेशचंद्र इनाणी मैकेनिकल इंजीनियर, परन्तु राजकीय सेवा में कोई नहीं थे। श्रीमती सुनीता ने असफलता एवं विपरीत परिस्थितियों में भी हार न मानते हुए निरंतर मेहनत की। पीएमटी की परीक्षा में मात्र कुछ अंक से उत्तीर्ण न होने एवं बी एड में चयन पश्चात प्रशिक्षण के दौरान राजस्थान प्रशासनिक सेवा (मुख्य परीक्षा) हेतु तैयारी के लिए अवकाश एवं समय नहीं मिलने पर भी धैर्य के साथ अपने लक्ष्य के लिए प्रयत्नशील रही।
इससे पूर्व राजस्थान अधीनस्थ सेवा में वाणिज्यक कर निरीक्षक पर सन 2000 में चयनित हुई। परन्तु उन्होंने यही विराम नहीं लिया एवं राजस्थान प्रशासनिक सेवा की पुनः तैयारियों में लगी रही एवं 2001 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित हुई। राजस्थान प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा में रसायन विज्ञान एवं दर्शनशास्त्र विषय चयन कर परीक्षा दी। वर्तमान में पति एवं पत्नी दोनों के राजकीय सेवा में होने एवं छोटे कस्बो में पदस्थापना होने के बावजूद पारिवारिक, घरेलु जिम्मेदारियों का भी बखूभी निर्वहन किया।
ऐसे चली सेवा यात्रा:
प्रशिक्षण पश्चात प्रथम पदस्थापना विकास अधिकारी, सोजत के पद पर हुई तथा तत्पश्चात सोजत में लगभग 3 वर्ष 6 माह उपखण्ड अधिकारी के पद पर सेवाएँ दी। उपखण्ड अधिकारी मसूदा प्रोटोकॉल अधिकारी अजमेर, उपखण्ड अधिकारी अजमेर, उपखण्ड अधिकारी जोधपुर, प्रोटोकॉल अधिकारी जोधपुर, जिला रसद अधिकारी अजमेर के पद पर कार्य किया। अक्टूबर 2014 से 21 अगस्त 2016 तक अतिरिक्त जिला कलेक्टर(शहर) कोटा तथा तत्पश्चात 21 जून 2016 से 26 जुलाई 2018 तक अतिरिक्त(प्रशासन) कोटा के पद पर रही।
कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली:
अतिरिक्त मुख्य अधिकारी जिला परिषद् जोधपुर के पद पर रहते हुए नगर निगम चुनाव, पंचायत चुनाव के दौरान उत्कृष्ठ कार्य सम्पादन एवं सर्वशिक्षा अभियान का प्रभावी प्रबंधन करने हेतु 15 अगस्त 2010 को जिला स्तर पर सम्मानित किया गया। प्रोटोकॉल अधिकारी अजमेर के पद पर रहते हुए आधार कार्ड के क्रियान्वयन हेतु नोडल अधिकारी के रूप में सराहनीय कार्य करने पर 26 जनवरी 2013 को जिला स्तर पर सम्मानित किया गया।
कोटा की अतिरिक्त जिला कलेक्टर रहते हुए राजस्तरीय स्वतंत्रता दिवस कोटा में सफलतापूर्वक आयोजित करने में विशेष भूमिका रही। कोटा में अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर एक लाख से ज्यादा लोगो के एक साथ योग करने के वर्ल्ड रिकॉर्ड के आयोजन सम्बन्धी सभी व्यवस्थाओं का प्रभावी नियंत्रण कर सफल आयोजन में महती भूमिका निभाई।
कोटा में कोचिंग छात्रों के कल्याण के लिए पॉलिसी बनाने, उन्हें तनाव मुक्त करने हेतु कार्ययोजना बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं कोचिंग संस्थाओं एवं विद्यार्थियों में बेहतर समन्वय स्थापित किया। सोजत एवं कोटा में पदस्थापना के दौरान कानून व्यवस्था सम्बन्धी कई स्तिथियों का कुशल प्रबंधन किया।