Personality of the month

आर आर ग्लोबल की सफलता- भाईजी की 50 वर्षों की मेहनत

देश-विदेश में अपने विश्व स्तरीय उत्पादों से धूम मचा रहा उद्योग समूह ‘‘आर आर ग्लोबल’’ वर्तमान में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इसे इस ऊँचाई पर ले जाने वाले उद्यमी त्रिभुवन काबरा ने अपनी इस व्यावसायिक यात्रा का अर्धशतक अर्थात 50वीं वर्षगाँठ मनाई। मात्र 17.5 वर्ष की उम्र से इस व्यावसायिक यात्रा की शुरूआत कर देने से उनका सम्पूर्ण जीवन ही प्रेरक बन गया।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माण की ख्यात कम्पनी आर आर काबेल सहित कई कम्पनियों का संचालन कर रहे उद्योग समूह आर आर ग्लोबल अर्थात् रामरत्ना ग्रुप के चेयरमेन त्रिभुवन काबरा ने व्यावसायिक क्षेत्र में अपने पदार्पण के अर्धशतक अर्थात 50 वर्ष पूर्ण होने पर ‘‘पाँच दशक की यात्रा’’ के नाम से एक अभूतपूर्व आयोजन किया।

इसका आयोजन दिल्ली के ख्यात होटल ‘‘’JW Marriott’ में गत 15 व 16 अक्टूबर को किया गया। इस आयोजन का महत्व इसलिये भी था क्योंकि ‘‘आर आर ग्लोबल’’ की विकास यात्रा ही वास्तव में श्री काबरा की व्यावसायिक यात्रा है। इसे शून्य से शिखर की ऊँचाई देने में ही श्री काबरा के जीवन के 5 दशक बीते हैं।

अत: यह आयोजन भावी पीढ़ी के लिये एक प्रेरणास्पद आयोजन भी था कि कैसे शून्य से शिखर की ऊँचाई को छुआ जाता है। इस आयोजन के प्रथम दिवस को उद्योग समूह व सम्पूर्ण टीम पर आधारित विडियो का प्रदर्शन किया गया।


आयोजन में माता-पिता भी साथ

इस गरिमामय आयोजन में सौभाग्य से श्री काबरा के पिता जी पद्मश्री श्री रामेश्वरलाल काबरा तथा माता श्रीमती रत्नीदेवी काबरा भी आशीर्वाददाता के रूप में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में प्रेरक वक्ता के रूप में ख्यात वक्ता शिव खेड़ा उपस्थित थे। श्री खेड़ा ने श्री काबरा की व्यावसायिक यात्रा पर तो प्रकाश डाला ही साथ ही विकास के पथ पर अग्रसर करने वाला प्रेरक वक्तव्य भी दिया।

ना केवल व्यापार से जुड़े लोगों को बल्कि माहेश्वरी समाज, एकल अभियान और ब्रह्मा सावित्री वेद विद्या पीठ पुष्कर न्यास आदि सामाजिक संगठनो से भी लोगों को आमंत्रित किया गया था। इस आयोजन में श्री काबरा के भाई महेन्द्र काबरा व श्री गोपाल काबरा तथा श्री काबरा के पुत्र-पुत्रवधु महेश-विधि काबरा व पुत्री-दामाद सरिता-संदीप झंवर आदि के साथ पारिवारिक के सभी सदस्य उपस्थित थे।

अभा माहेश्वरी महासभा के सभापति श्यामसुन्दर सोनी व पूर्व सभापति रामपाल सोनी, आदित्य बिडला ग्रुप से दिलीप गौर, आर आर काबेल के पार्टनर TPG ग्रुप से मितेश डागा और अनुज लाल आदि कई उपस्थितजनों ने भी इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला।


भाईजी के व्यक्तित्व पर विडियो प्रदर्शित

दो दिनों के इस समारोह के पहले दिन सर्वप्रथम भाईजी के असाधारण व्यत्तित्व को दर्शाता हुवा वीडियो सबके सामने दिखाकर उनका सम्मान करते हुए स्वागत किया गया। आर आर ग्लोबल समूह की कोर टीम, देश-विदेश की फैक्ट्रीज, ऑफिसेस के लोगो और देश के सभी क्षेत्रो से समूह के वितरकों, व्यापारियों द्वारा भाईजी के विभिन्न गुणों को दर्शाने वाले वीडियो संदेशो को सबके सामने प्रस्तुत किया गया। उन वीडियो संदेशो द्वारा भाईजी के व्यक्तित्व से जुड़े अनेक पहलुओं के बारे में सभी को परिचय हुआ।

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इसी बीच उपस्थित अतिथियों ने मंच पर आकर भाईजी का आदर सत्कार भी किया। तमिलनाडु के एक वितरक ने विशेष तौर पर एक मल्टीटैलेंटेड आर्टिस्ट को तमिलनाडु से बुलाया था, उस आर्टिस्ट से भाईजी की लाइव पेंटिंग बनवाकर उनको भेट स्वरुप देते हुए उनका सत्कार किया।

प्रथम दिन के कार्यक्रम के अंत में भाईजी ने अपने वक्तव्य में उनके 50 वर्षों की सफल व्यावसायिक यात्रा में उनका साथ देने वाले अधिकतम विश्वासपात्र साथियों का उनके नाम, फोटो और उनकी विशेषता बताते हुए अभिवादन किया और उन्हें धन्यवाद दिया। उन साथियों में ऑफिस बॉय से लेकर डायरेक्टर, शुरूआत से जुड़े वितरक, सप्लायर आदि शामिल थे।

उपस्थित लोग इस बात को देख कर अचंभित हो गए कि भाईजी ने उन साथियों का भी उल्लेख किया जो इस धरती से दूर जा चुके हैं, जो अभी किसी और जगह पर काम करते है। लोग कह रहे थे ‘ऐसा भाईजी के अलावा और कौन कर सकता हैं भला’।


सभी ने की भाईजी के व्यक्तित्व की सराहना

समारोह के दूसरे दिन की दोपहर में विख्यात प्रेरक वक्ता श्री शिव खेड़ा जी ने उपस्थितों को भाईजी की 50 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए विकास की पथ पर अग्रसर करने वाला वक्तव्य भी दिया। उनका वक्तव्य युवा पीढ़ी को शुन्य से शिखर की प्राप्ति कैसे हो सकती है उसके लिए प्रेरणादाई था। शाम को मंच पर भाईजी, उनके पिताजी, माताजी, दोनों भाई आदि के हाथों से दीप प्रज्वलन करते हुए अगले कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

स्वयं त्रिभुवन काबरा ने सम्बोधित करने के आग्रह पर कहा कि नानाजी से प्रेरणा मिली और बापूजी मार्गदर्शक बने। सफल व्यक्ति के लिये चिंतन जरुरी है। अतः में प्रभु से यही प्रार्थना करता हूँ कि प्रभु शक्ति दे, में सदमार्ग पर चल सकूँ। जो सफलता है, इसमें नानाजी व बापूजी का आशीर्वाद शामिल है।

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भाईजी के पिताजी पद्मश्री श्री रामेश्वरलाल जी काबरा ने अपनी विशेष शैली में अपने पुत्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित सभी को अपना अन्नदाता बताया और सभी का धन्यवाद दिया। उनके वक्तव्य के बाद उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति ने खड़े होकर उनकी सराहना की। काबरा परिवार द्वारा किये जाने वाले व्यावसायिक, सामाजिक और राष्ट्रीय कार्यो की प्रशंसा उपस्थित सभी ने की।

भाईजी के दोनों भाइयो ने अपने वक्तव्य में भाईजी के बारे में, समूह के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी का धन्यवाद किया। उपस्थित विशेष अतिथियों ने भी अपने अपने वक्तव्य में काबरा परिवार, आर आर ग्लोबल समूह और भाईजी के बारे में अपने अभिप्राय सबके सामने रखे।

तत्पश्चात भाईजी के जीवन चरित्र पर बनाई गई 40 मिनिट की फिल्म ‘I-M-POSSIBLE’ को दिखाया गया। अंत में भाईजी पर लिखी किताब ‘संघर्ष से शिखर’ का विमोचन किया गया। उपस्थित सभी का धन्यवाद करते हुए इस गरिमामय आयोजन की समाप्ति की गई।


इन्होंने कहा….

काबरा परिवार का बिजनेस विजन व बापूजी का दृष्टिकोण उत्कृष्ट है। उनके साथ लम्बे समय से सम्पर्क में रहा और जो ज्ञान व संस्कार की बातें उनसे सीखी वह सब बड़ोदा में सम्पर्क के बाद भाईजी में महसूस हुई। काबरा परिवार लम्बे समय से वनबंधु परिषद के माध्यम से एकल विद्यालय संचालन में तन-मन-धन से सहयोग दे रहा है।
रमेश सरौगी (रा. अध्यक्ष वनबंधु परिषद)

मैं लगभग 12 वर्षों से भाईजी को जानता हूँ। डिलर, बिजनेस पार्टनर सभी से उनके अच्छे सम्बंध हैं। इसका कारण उनका सरल सहज व्यवहार है, जो सभी को अपना बना लेता है। भाईजी अपनी बात के पक्के हैं। उन्होंने जो कह दिया वह कह दिया। बस इसी से विश्वसनीयता पैदा होती है।
दिलीप गौर, डायरेक्टर (आदित्य बिरला मेनेजमेंट कार्पोरेशन प्रा.लि.)

मेरे लिये यह बहुत ही प्रसन्नता का अवसर है। कारण है कि मध्यांचल के उपसभापति के रूप में आप समाज की सेवा में भी साथी हैं। बहुत सौभाग्य की बात है जिनके जीवन के 50 साल की सफलता की कहानी कही जा रही हो, ऐसे अवसर पर आशीर्वाद देने हेतु माता-पिता भी मौजूद हों। वास्तव में भाईजी भाग्यशाली हैं। काबरा परिवार को भी लम्बा समय समाजसेवा में हो गया है। नीति और नियत से चलते हैं तो सफलता निश्चित आती है। महासभा के घोष वाक्य सेवा व सदाचार का काबरा परिवार ने सदैव पालन किया है।
श्यामसुंदर सोनी (सभापति अ.भा. माहेश्वरी महासभा)

भाईजी की सफलता वंदनीय है। इस सफलता में आपके पिताजी बापूजी श्री रामेश्वरलाल काबरा के उन गुण, उन विशेषताओं आदि का भी विशिष्ट योगदान है, जो भाईजी को विरासत में मिले। इनके परिवार की एकता का भी इसमें बड़ा महत्व है। वे परिवारजनों की भावनाओं को भी समान महत्व देते हैं। कैसे सभी को साथ लेकर काम करना यह भी श्री काबरा की अपनी विशेषता है। आपने अपने समाज को भी जो सेवा दी वह वंदनीय है।
रामपाल सोनी (पूर्व सभापति अ.भा. माहेश्वरी महासभा)

हम तीन भाईयों के नाम पर भी कम्पनी का नाम लिया जाता है, टीएमजी ग्रुप। इसका अर्थ है, त्रिभुवन, महेन्द्र व गोपाल। कई उपलब्धियाँ हैं, पहली भारतीय कम्पनी है जिसने कई मल्टी नेशनल कम्पनियों को विद्युत उत्पाद में पीछे छोड़ दिया है और विश्व स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। मैकेनिकल कार पार्किंग की भी हमारी कम्पनी ने ही सौगात दी है। व्यापार चलाना कठिन नहीं परन्तु लांग टर्म में व्यापार चलाना बहुत मुश्किल है लेकिन यह भाईजी ने हमेशा ही किया है।
श्री गोपाल काबरा (छोटे भाई)

हमारी न सिर्फ एक, दो या तीन बल्कि चार पीढ़ियाँ देश की सेवा कर रही है। त्रिभुवन बाल अवस्था से ही परिश्रमी, सजग व मेधावी रहा है। बचपन से पढ़ाई के साथ-साथ घर के काम में भी रूचि रखता था। जब इसकी माँ बीमार जो जाती तो यह ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी सम्भालता। सर्वप्रथम काबरा परिवार बड़ोदा में वाइंडिंग वायर का उत्पादन प्रारम्भ किया था। 45 गेज के पतले वायर बनाते थे। अनुभव नहीं था तो घाटे में चल रहे थे लेकिन पुत्र त्रिभुवन ने पुस्तकों का अध्ययन किया और फिर इस घाटे के व्यवसाय को लाभ का बना दिया।
बापूजी रामेश्वरलाल काबरा (ख्यात उद्यमी, समाजसेवी एवं भाईजी के पिताश्री)

भाईजी की इस 50 वर्षों की व्यावसायिक यात्रा में से मैं भाईजी को मात्र 5 वर्ष से जानता हूँ। आपने 10 प्रतिशत व्यावसायिक जीवन हमारे साथ बिताया लेकिन आपने हमें अपने परिवार का हिस्सा भी बना लिया। आप सहज, सरल व अपनी बात के पक्के हैं। 5 वर्ष पूर्व प्रथम बिजनेस रिलेशन में भाईजी ने कहा था कि हम जो कुछ कह रहे हैं, सब करेंगे और आप अपनी बात पर आज भी दृढ़ हैं। आप ‘‘मैन ऑफ वर्ड्स’’ हैं। आपकी वजह से विदेशी पूंजी देश में आ रही है।
मितेश डागा

भाईजी का सम्पूर्ण व्यक्तित्व ही हमारे लिये प्रेरणा है। किस तरह डिलर्स व व्यापारियों आदि के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार रखकर काम किया जा सकता है, यह हमने भाईजी से सीखा। जब से भाभी (स्व. श्रीमती उमा-त्रिभुवन काबरा) ने घर में पैर रखा था, तो उस समय से अंतिम समय तक उन्होंने भाईजी को हर कदम पर सहयोग दिया। आपके हर कार्य व हर सफलता में भाभी का भी बराबर का योगदान है। भाईजी की समय की पाबंदी व अनुशासन के साथ ही अपने परिवार ही नहीं बल्कि समस्त साथी कर्मचारियों, सहयोगियों व व्यापारियों के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार आपकी सफलता के सूत्र हैं। आपका व्यक्तित्व हर किसी को आकर्षित करता है। एक कविता की पंक्ति आप पर खरी उतरती है ‘‘मेहनत करना आपसे सीखा…।’’
महेन्द्र काबरा (छोटे भाई)


जो सफलता मिली वह संस्कारों का फल- शिव खेड़ा

ख्यात प्रेरक वक्ता शिव खेड़ा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज श्री काबरा जिस मुकाम पर पहुँचे वह उनकी 50 वर्षों की मेहनत है। बीज इन्होंने बोया और फल अगली पी़ढ़ी खाऐगी। परिवार ने पूरा सहयोग दिया क्योंकि परिवार के बिना कुछ भी संभव नहीं। इनके पीछे काम करने वालों की एक फौज है, लेकिन फौज अपने आप नहीं बनती, बनानी पड़ती है, जिसकी जिम्मेदारी लीडर पर होती है। यहाँ भाईजी ने यही किया। इनकी शुरुआत बहुत छोटे तौर पर हुई लेकिन 12-13 हजार करोड़ की कम्पनी बन गई। अभी तक सुना था कि सभी श्री काबरा को भाईजी कहते हैं आज देख भी लिया क्यों? आखिर सभी से आपका स्नेह जो है। कोई ऊपर पहुँचा तो शिक्षा से नहीं बल्कि केवल संस्कारों से ऊपर पहुँचा है और ये संस्कार इन्हें परिवार व बापूजी से मिले हैं। दुनिया में इनकी सबसे बड़ी पूंजी ईमानदारी है। काबरा परिवार में जो पैसा आया ईमानदारी से ही आया।

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किशोरावस्था में किया उद्योग जगत में पदार्पण

राम रत्ना समूह के प्रबन्ध निर्देशक त्रिभुवन प्रसाद काबरा का जन्म 7 अगस्त 1954 को श्री रामेश्वरलाल काबरा तथा समाजसेवी माँ रत्नीदेवी काबरा के यहाँ ननिहाल विराट नगर नेपाल में हुआ। बचपन का ज्यादातर समय ननिहाल में बीता। कक्षा 3 तक की पढ़ाई विराट नगर नेपाल में ही हुई। आप नानीजी के अति प्यारे थे।

सन् 1963 में कक्षा 4 एवं 5 की पढ़ाई इंदौर के माहेश्वरी विद्यालय से की। यह उनका मितव्ययिता का स्वभाव ही था। परिवार के आदर्श माहौल से संस्कार स्वतः ही पैतृक रूप से प्राप्त होते ही रहे। कक्षा 6 से मुम्बई के घाटकोपर हिन्दी हाई स्कूल में पढ़ाई की। आपने मुम्बई से ही स्नातक की डिग्री प्राप्त की।


ऐसे चली व्यावसायिक यात्रा

श्री काबरा ने स्नातक होने के पूर्व ही वर्ष 1972 में पढ़ाई के साथ-साथ मात्र 17.5 वर्ष की आयु में ही मुंबई में अपने पारिवारिक ट्रेडिंग व्यवसाय को संभाल लिया था। पिताजी ने इन्हें बड़ौदा स्थित कॉपर वायर मैन्युफक्चिंरग कंपनी को सँभालने का जिम्मा सौंपा। उन्होंने अपनी कार्यकुशलता से केवल 1 ही वर्ष में इस कंपनी को मुनाफा देने वाली कंपनी में परिवर्तित कर दिखाया।

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श्री काबरा ने सन् 1994 में राम रत्ना वायर्स लि. के नाम से उत्तम गुणवत्ता युक्त वाइन्डिंग वायर्स का उत्पादन प्रारंभ किया। वर्तमान में यह कंपनी भारत में बड़ी मात्रा में कॉपर आधारित उत्पादन में विशिष्ट स्थान रखती है। सन् 1998 में आर आर काबेल लि. के नाम से एक महत्वाकांक्षी प्रकल्प स्थापित किया। यह अंतराष्ट्रीय स्तर के उत्पादन के लिए आयातित आधुनिक मशीनों एवं उपकरणों तथा अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है।

इस आधार पर आरआर काबेल भारत की सर्वश्रेष्ठ एवं विश्वसनीय कंपनी है। इसके पश्चात फैन, स्वीच, प्रेस, गिझर, लायटिंग सॉकेट आदि बिजली के उपकरणों का उत्पादन प्रारंभ किया, जो वर्तमान में 20 हजार काउंटर के साथ संपूर्ण विश्व में वटवृक्ष की भांति फैला हुआ है।


मल्टीलेवल पार्किंग की सौगात

महानगर में कार पार्किंग की बढ़ती समस्या को मद्देनजर रखते हुए समूह ने राम रत्ना इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. के नाम से ‘‘स्वचलित मल्टी लेवल कार पार्किंग संकल्पना’’ लाकर शहरी परिदृश्य बदलने के कार्य की शुरूआत की है। इसके अतिरिक्त कम्पनी एक्सिलेटर एवं एलिवेटर पार्किंग का कार्य भी करती है।

कंपनी ने दिल्ली एअरपोर्ट के सामने लिफ्ट पार्किंग बनाया है, जहां 1200 गाड़िया पार्क हो सकती हैं। मुंबई में कई जगह कार पार्किंग सिस्टम का निर्माण किया है। इसके अतिरिक्त कोलकाता, गोहाटी, जयपुर, पुणे, चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद, सिकन्दराबाद, कोयम्बटूर, मदुरै, जोधपुर, कानपुर, इलाहाबाद, अहमदाबाद, इन्दौर आदि कई शहरों में भी कंपनी ने कार पार्किंग सिस्टम बनाया है।


वटवृक्ष बना आर आर ग्लोबल

आर आर ग्लोबल के नाम से जाना जाने वाला उनका रामरत्ना उद्योग समूह अब वटवृक्ष का आकार ले चुका है। वर्तमान में इस समूह में अनेक कम्पनी एवं यूनिटों का समावेश है, जैसा कि MEW Electricals Limited, Ram Ratna Wires Limited, RR Kabel Limited, Ram Ratna International, Ram Ratna Infrastructure, Kabel Buildcotn आदि।

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आज राम रत्ना समूह विश्व के 73 देशों में अपने उत्पाद निर्यात कर रहा है। आर आर काबेल का उत्पादन सिलवासा एवं वाघोड़िया वड़ोदरा (गुजरात) में होता है। इसका प्रधान कार्यालय मुंबई में है। कंपनी कोई भी उत्पादन प्रारंभ करने के पूर्व उस उत्पाद पर गहन अनुसंधान एवं विकास कार्य सक्रिय रूप से करती है, ताकि बिजली की बचत एवं कम लागत में उत्पादन हो सके। साथ ही जान-माल की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस तरह यह राष्ट्र के आर्थिक विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।


ये रहे सफलता के पाँच सूत्र

सफलता के शीर्ष पर विराजमान एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री काबरा सफल जीवन के पांच सूत्र बताते हैं।

  • सरलता- जीवन में जितना सरल होगा सफलता का मार्ग भी उतना ही सरल होगा।
  • सकारात्मकता- सकारात्मक दृष्टिकोण ही सफल जीवन का ऊर्जा स्रोत है।
  • सद्भावना- सद्भाव से ही सफलता का रास्ता दिखता है।
  • सद्गुण- सद्गुणों से ही सफलता हमेशा साथ रहती है।
  • स्वाभिमान- स्वाभिमान ही सफलता का सही मार्गदर्शक है। श्री काबरा का मानना है कि हमारे जीवन में हमारी हार-जीत का निर्णय हम स्वयं अपने स्वार्थ के अनुसार करते हैं। परंतु कोई व्यक्ति अपनी हार के बाद अपनी हार के कारणों पर चिंतन मंथन करते हुए तथा ऊपर के पांच सूत्रों को अपनाते हुए यदि जीवन पथ पर अग्रसर होता है तो विजय पाना निश्चित है। जीवन में स्वार्थी होना गलत नहीं परंतु एकतरफा स्वार्थ हमेशा हानिकारक रहता है फिर चाहे वो व्यापार हो, गृहस्थी हो, समाज हो, या देश हो।

मानवता की सेवा में भी आगे

वनबन्धु परिषद द्वारा दूरदराज एवं वनवासी क्षेत्र में लगभग 52 हजार एकल विद्यालय चलाऐ जा रहे हैं। इसमें आपके परिवार का तन-मन-धन से पूर्ण सहयोग रहता है। साथ ही समूह ने वनवासी क्षेत्र में 75 वनवासी बच्चों को शिक्षा एवं स्वावलम्बी बनाने हेतु गोद लिया है। वनवासी को साक्षर करना वर्तमान में देश का सर्वाधिक आवश्यक कार्य है। इसके अतिरिक्त अनेक जरूरतमंद लोग शिक्षा एवं इलाज हेतु ट्रस्ट के माध्यम से लाभान्वित हो रहे हैं।

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राम रत्ना समूह शैक्षणिक, सामाजिक, धार्मिक एवं जन हितार्थ विभिन्न प्रकार के सेवा कार्य में संलग्न है। वडोदरा में आई ट्राइडेंट भवन परिसर में वीर सावरकरजी की प्रतिमा के पास लाइटिंग डेकोरेशन आर आर काबेल द्वारा किया गया है और इसका रखरखाव भी कंपनी द्वारा किया जा रहा है।

प्रतिवर्ष वाघेडिया में 5-6 मई को बड़े पैमाने पर मेडिकल कैंप का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग आकर स्वेच्छा से रक्तदान करते हैं। इसे एकत्रित कर किसी अस्पताल में दान दिया जाता है। इस कैंप में संपूर्ण शरीर की जांच की जाती है। समाज के उद्यमियों की बिजनेस कांफ्रेंस बिजकॉन में भी उनका उद्योग आरआर कॉबेल लंबे समय से प्रायोजक रहकर सहयोग प्रदान कर रहा है।

अपनी तमात व्यवस्तताओं के बावजूद श्री काबरा माहेश्वरी समाज को भी विभिन्न समाज संगठनों के माध्यम से सतत रूप से अपनी सेवा दे रहे हैं। चाहे वे पद पर रहे या नहीं लेकिन समाज के प्रति उनके समर्पण व सहयोग में कोई परिवर्तन नहीं आया। वर्तमान में श्री काबरा अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा में मध्यांचल के उपसभापति की जिम्मेदारी सफलतापूर्वक निभा रहे हैं।


विश्वस्तरीय शिक्षा की भी सौगात

श्री काबरा ने न सिर्फ उद्योग जगत का ही आधुनिक तकनीकों से कायाकल्प किया है, अपितु शिक्षा जगत को भी वह सौगात दी है, जिस पर देश गर्व कर सकता है। मुंबई के उपनगर भायंदर के सन्निकट भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा प्रदान करने हेतु राम रत्ना विद्या मंदिर आवासीय विद्यालय का निर्माण करवाया।

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राम रात्ना विद्या मंदिर को महाराष्ट्र में ‘‘No.1 Boys Residential School in the Education World India School Rankings 2013’’ का प्रमाण-पत्र प्राप्त हुआ है। शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन एवं आधुनिकीकरण को ध्यान में रखते हुए इसी प्रांगण में राम रत्ना इंटरनेशनल डे स्कूल प्रारंभ किया, जिसे कैंब्रिज द्वारा मान्यता प्राप्त है।

अपने पैतृक शहर शाहपुरा (राजस्थान) में स्व. सेठ श्री जगन्नाथ काबरा के नाम से माध्यमिक विद्यालय का निर्माण करवाकर, इसे राजस्थान सरकार को सौंप दिया। शिक्षा क्षेत्र में इस उदार-भाव सेवा के लिए राजस्थान सरकार ने आपको ‘भामाशाह’ पुरस्कार देकर सम्मानित किया।


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