“इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड” में शामिल- कमलाबाई भूतड़ा
वर्तमान में छोटे से गांव चिखली जिला बुलडाना (महाराष्ट्र) का नाम एक वरिष्ठ सदस्या के कारण ‘इंडिया बुक आफ’ रिकार्ड में गौरवान्वित हो रहा है। ये सदस्या हैं, 71 वर्षीय कमलाबाई भूतड़ा, जिन्होंने मंत्र लेखन में उम्र के इस पड़ाव पर भी एक कीर्तिमान बना दिया।
71 वर्षीय श्रीमती कमलाबाई शिवरतन भूतड़ा (चिखली) के कार्य को हाल ही में सन 2021 के ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज किया गया। इसके साथ ही उन्हें पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। उन्होंने 71 वर्ष की उम्र में अपने हाथों उनका यह योगदान वास्तव में दोहरा कीर्तिमान है, एक उम्र के कारण और दूसरा मंत्रों की संख्या के कारण ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र 18 रजिस्टर में 2 लाख 20 हजार बार लिखकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। इसके लिये श्रीमती भूतड़ा को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। श्रीमती भूतड़ा ने ‘मनोहर भजनावली’ पुस्तक का भी लेखन किया है। भजन, प्रवचन, सत्संग में भी वे विशेष रुचि रखती हैं। मुरलीधर भूतड़ा, राजेश भूतड़ा, डॉ. दिनेश भूतड़ा, दुर्गा टावरी, सुनीता चांडक आदि की आप माताजी हैं।
धार्मिक आयोजनों में सदैव आगे
श्रीमती भूतड़ा धार्मिक कार्यक्रम में हमेशा सबसे आगे रहती हैं। वे बचपन से ही लिखती आ रही हैं और उन्होंने कई मंत्र लिखें हैं। 21 जनवरी 2014 को उन्होंने’ ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र लिखना शुरू किया। उन्होंने इस मंत्र को 18 रजिस्टरों में 2 लाख 20 हजार बार लिखा। उसे लिखने में 20 जनवरी, 2020 तक का समय लगा। उन्होंने इस लेख के बारे में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रबंधन को सूचित किया। उन्होंने सब कुछ ऑनलाइन और दो राजपत्रित अधिकारियों का सर्वेक्षण किया प्रमाण पत्र स्वीकार कर श्रीमती कमलाबाई भूतडा को उनके कार्यों की स्वीकृति स्वरूप यह सम्मान दिया गया। उन्होंने 3 लाख 60 हजार बार ‘विट्ठल नाम’ मंत्र का जाप भी किया। इसे 20000 बार लिखा जा चुका है। उनके द्वारा पूर्व में लिखे गए विभिन्न मंत्रों के रजिस्टर मंदिर में दिये गये है। उनके इस लेखन पर कई मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया है।