श्री नौसरा माताजी
श्री नौसरा माताजी माहेश्वरी जाति की अजमेरा, पलोड़, चित्रांङ्ग आदि खाँप की कुलदेवी हैं। अन्य कई जातियों वाले भी इन्हें श्रद्धा से पूजते हैं।
इस स्तम्भ में आपको हम माहेश्वरी समाज की पूज्य कुलदेवियों के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। इस अंक में प्रस्तुत है-श्री नौसरा माताजी के स्थान की जानकारी।
नौसरा माताजी का मंदिर पुष्करारण्य नाग पर्वत मालाओं के बीच में अजमेर के समीप स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए मुख्य द्वार में प्रवेश कर सीढ़ी मार्ग से जाना पड़ता है। यहाँ श्री माताजी की प्रतिमा नवदुर्गा रूप में विराजित है। यह मंदिर १२०० वर्ष से भी अधिक प्राचीन है।
मान्यता के अनुसार विक्रम संवत् ८०० में मराठाओं ने नवदुर्गा मंदिर की स्थापना की थी और मंदिर की व्यवस्था हेतु २००० बीघा जमीन दान दी थी। यह मंदिर क्षेत्र में एक विशिष्ट सिद्ध स्थान माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार ५०-६० वर्ष पूर्व यहाँ दर्शन करने आने वालों के साथ विधर्मी लूटपाट करते थे। भक्तों की पुकार पर माता स्वयं उनकी रक्षा करती थी।
विशेष आयोजन:
प्रत्येक रविवार के दिन यहाँ श्रद्धालुओं की अपार भीड़ लगती है। नवरात्रि में पूरे नौ दिन तक कलश स्थापना के साथ विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं। नवरात्रि की नवमी को विशाल भण्डारा होता है जिसमें सभी जातियों के श्रद्धालु योगदान देते हैं। प्रतिदिन प्रातः ४ बजे मंगल आरती व रात्रि में शयन आरती होती है। पुजारी सहित दस कर्मचारी सवैतनिक रूप से यहाँ नियुक्त है।
कैसे पहुँचें:
श्री नौसरा माताजी का मंदिर अजमेर रेलवे स्टेशन से ५ किमी दूर है। अजमेर रेलवे लाईन से जुड़ा होन से यहाँ पहुँचाने के लिए रेल मार्ग व सड़क मार्ग दोनों की ही सुविधाएँ उपलब्ध हैं।