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अनाज के ब्रोकरेज क्षेत्र में सफल महिला- प्रिया लड्ढा

आमतौर पर वर्तमान में भी अनाज के ब्रोकरेज क्षेत्र को पुरूषों का क्षेत्र ही माना जाता है। लेकिन उज्जैन निवासी संजय लड्ढा की 31 वर्षीय सुपुत्री प्रिया लड्ढा ने इस सोच को अपने हौंसले से चुनौती दी है। आइये जानें उनकी कहानी।

आमतौर पर अनाज व्यवसाय अत्यंत कठिन कार्य होने से पुरूष वर्चस्व का ही माना जाता रहा है। अनाज की खरीद करना और फिर हम्मालों से उसे तुलवाकर कार्पोरेट क्षेत्र को सप्लाय करना वास्तव में यह कोई खेल नहीं है। यही कारण है कि आमतौर पर इस क्षेत्र में कदम रखने में महिलाऐं कतराती ही हैं।

सम्भवत: उज्जैन निवासी प्रिया लड्ढा एकमात्र ऐसी नारी है, जिन्होंने पूरे देश में इस क्षेत्र में कदम रखा है। इतना ही नहीं उनके हौंसले भी इतने बुलंद हैं कि मात्र 7 माह में 60 लाख रुपये से अधिक की आय भी अर्जित कर एक कीर्तिमान बनाया है।


उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी

प्रिया बताती है, मैंने अपने दादा उज्जैन माहेश्वरी सभा के वरिष्ठ समाजसेवी श्री रामरतन लड्ढा एवं पिताश्री संजय लड्ढा की प्रेरणा से 1 जुलाई से अनाज की कॉरपोरेट फील्ड में प्रिया इंटरनेशनल उज्जैन के नाम से स्वयं की फर्म खोलकर कारपोरेट ब्रोकरेज का काम चालू किया।

विगत 7 माह में मेरे द्वारा दस लाख क्विंटल गेहूं व मक्का कीमत लगभग ढाई सौ करोड़ का विक्रय किया गया। इसमें मुख्य रूप से देश के प्रतिष्ठित संस्थान मीरा इंटरनेशनल, रिलायंस रिटेल लिमिटेड, विटारा, ओलम, गुजरात अंबुजा, सिरेंज ग्लोबल, फ्रिस्क इंडिया आदि का गेहूं व मक्का देश की विभिन्न फ्लोर मिलों व बल्क ट्रेडर्स, निर्यातकों को रेलवे रेक लोडिंग व ट्रक द्वारा विक्रय किया गया।

भगवान महाकाल की कृपा से विगत 7 माह में इस क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया। अब शीघ्र ही भविष्य में मेरा अगला लक्ष्य विभिन्न देशों से आयात व निर्यात होने वाले अनाज की ब्रोकरेज फील्ड में प्रवेश का रहेगा।


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