उद्योग, संस्कृति व साहित्य के त्रिकोण- रामकल्याण लड्ढा
जब मन में जज्बा हो तो उम्र भी किस तरह नतमस्तक होती है, इसी का उदाहरण बने हुए हैं कोटा (राज.) निवासी रामकल्याण लड्ढा। एक सफल उद्यमी के रूप में उद्यम जगत में ख्यात श्री लड्ढा 83 वर्ष की अवस्था में आज भी वैसे ही सक्रिय हैं, जैसे युवावस्था में थे। उद्योग के साथ ही संस्कृति व साहित्य के क्षेत्र भी उनके योगदानों से पोषित हो रहे हैं।
बूंदी के प्रतिष्ठित समाज सेवी श्री श्रीलाल लड्ढा के यहाँ 16 अक्टूबर 1938 को जन्मे रामकल्याण लड्ढा बचपन से ही बहुत मेधावी, मेहनती एवं व्यवहारिक रहे। इनका विवाह 21 अप्रैल 1954 को अजमेर निवासी श्री गोपाल बिरला की सुपुत्री श्रीमती कांता के साथ संपन्न हुआ। 21 नवम्बर 1947 को महात्मा गांधी को कोटा में देखने का अवसर मिला। सन् 1952 में छात्र संघ बूंदी के उपाध्यक्ष व सन् 1967 में महेश युवा मण्डल का गठन करके 3 वर्ष अध्यक्ष रहे। इनके कार्यकाल में दशहरे-मेले में प्याऊ का शुभारम्भ किया गया जो अभी तक चालू है।
साहित्य के क्षेत्र में भी योगदान
अपने कार्यकाल में गणपतलाल डांगी का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम कराया तथा त्रिकोण के नाम से विनोद सोमानी ‘हंस’ की कविताओं का प्रकाशन कराया। सन् 1970 में डिवीजनल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्य बने तथा बाद में उपाध्यक्ष बने। सन् 1978 में राजस्थान व्यापार उद्योग मण्डल की स्थापना कराई जिसमें सचिव, अध्यक्ष तथा राजस्थान की कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष रहते हुए 16 वर्ष कार्य किया। सन् 1978 में सांस्कृतिक संस्था ‘साहित्यिक’ का गठन किया तथा पाँच वर्ष अध्यक्ष रहे। इसके पश्चात आपके नेतृत्व में चार अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भी आयोजित हुए। सन् 1986 एवं 1988 में दो बार माहेश्वरी पंचायत के अध्यक्ष बने। इनके कार्यकाल में अन्नकूट का सामूहिक भोज शुरू हुआ जो अभी तक चल रहा है तथा मंदिर को बड़ा करने के लिये दो मकान खरीदे जो लोगों के शादी-विवाह में काम आते हैं।
कई संगठनों द्वारा वृहद सेवा
सन् 1980 से 1992 तक जनकल्याण सेवा समिति का गठन किया जिसके माध्यम से कोटा में बड़े स्तर पर 7-8 धार्मिक कथाओं का आयोजन कराया। सन् 1986 में कोटा जिला माहेश्वरी समाज के प्रथम जिला अध्यक्ष बने। सन् 1984 से 1992 में हाड़ौती माहेश्वरी सामूहिक विवाह समिति का गठन हुआ, जिसमें कोषाध्यक्ष बने तथा कोटा-बूंदी केकड़ी में सामूहिक विवाह संपन्न कराये जिसमें पूरी सक्रियता से कार्य किया तथा समारोह को सफल बनाया। सन् 1987 से 1993 तक फेडरेशन ऑफ इण्डियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स, नईदिल्ली के सदस्य एवं कार्यसमिति के सदस्य बने। इसके माध्यम से देश के कई बड़े नेताओं एवं उद्योगपतियों से मिलने का अवसर मिला तथा फिक्की की ओर से ऑल इंडिया दूर-संचार समिति एवं ऑल इण्डिया पर्यटन समिति के सदस्य रहे। आप अखिल भारतीय ऑटो मोबाईल डीलर्स ऐसोसिएशन, दिल्ली के सदस्य रहे। तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह द्वारा एसोसिएशन के पदाधिकारियों को राष्ट्रपति भवन में चाय पार्टी पर बुलाया, जिसमें शामिल होने का अवसर मिला। नेशनल यूनिटी हर वर्ष नेशनल अवार्ड देश के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता को प्रदान करती है तथा अवार्ड राष्ट्रपति द्वारा दिये जाते हैं। इस अवार्ड हेतु श्री लड्ढा का नाम देश के प्रमुख 30 सामाजिक कार्यकर्ताओं में था, परंतु राजनीतिक कारणों से इनका नाम एनवक्त पर काटा गया। आप सन् 1991 से 1997 तक भारतीय जनता पार्टी के व्यापार एवं उद्योग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे।
कई शीर्ष हस्तियों से रहे सम्बंध
अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा द्वारा राष्ट्रीय अधिवेशन पूना में आयोजित हुआ जिसमें देश के प्रसिद्ध उद्योगपति जी.डी. बिरला से मिलने का अवसर मिला। लालकृष्ण आडवाणी के कोटा आगमन पर निजी निवास पर साथ में भोजन करने का अवसर मिला। अटल बिहारी वाजपेयी से उनके कोटा आगमन पर मुलाकात हुई तथा साथ में अल्पाहार करने का अवसर मिला। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कोटा आगमन पर उनके साथ व्यापारिक मीटिंग में शामिल होने तथा उनका स्वागत करने का अवसर मिला।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री तथा उपराष्ट्रपति भेरूसिंहजी के साथ व्यक्तिगत सम्बंध रहे। इनके सेवा कार्यों को देखते हुए अखिल भारतीय मारवाडी महासभा का संभागीय अध्यक्ष मनोनीत किया जिसके तत्वावधान में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, लक्ष्मी स्वागत निधि, नीम महोत्सव आदि अभियान चलाया जाता है। बूंदी में मारवाड़ी महासभा की ओर से ग्यारह कन्याओं की माताओं का सम्मान किया तथा उन्हें एक लाख रुपये मियादी अमानत प्रदान की जाती है। श्री लड्ढा के सेवा कार्यों को देखते हुए अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन द्वारा अभिनन्दन किया गया। माहेश्वरी समाज की ओर से तीन बार महेश गौरव की उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अलावा राजस्थान चेम्बर ऑफ कॉमर्स व डिवीजनल चेम्बर ऑफ कॉमर्स, फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्री, ऑटो मोबाईल डीलर्स ऐसोसिएशन जयपुर एवं कोटा द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।
वर्तमान में भी पूर्ण रूप से सक्रिय
वर्तमान में आप डिवीजनल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री, कोटा के पिछले 13 वर्षों से अध्यक्ष हैं। राजस्थान चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री, जयपुर के उपाध्यक्ष, भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री एवं मारवाडी महासभा के संभागीय अध्यक्ष पद पर कार्य कर रहे हैं। इसके साथ मौजी बाबा लोक कल्याण ट्रस्ट, कोटा के मुख्य ट्रस्टी है। आपने लेखन कार्य भी बहुत प्रमुखता से किया। आपके लिखे विभिन्न आलेख सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। व्यापारिक समस्याओं के निराकरण के लिये प्रेस विज्ञप्तियां बराबर आती रहती हैं तथा संबंधित अधिकारियों से मिलवाकर समस्याऐं दूर कराने की कोशिश में लगे रहते हैं। श्री लड्ढा ने अपने जीवन के 50 वर्ष विभिन्न व्यापारिक संस्थाओं के माध्यम से पूरे किये तथा अभी भी सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में पूर्ण रूप से सक्रिय हैं। आपके परिवार में दो विवाहित पुत्र राजकुमार व नवीन तथा दो विवाहित पुत्री जोधपुर निवासी रेखा कालानी व इचलकरंजी निवासी कृष्णा का पौत्र-पौत्री तथा नाती नातिन आदि का भरा पूरा परिवार शामिल है। सम्पूर्ण परिवार आपके पदचिन्हों पर चलता हुआ अपना योगदान दे रहा है।