Ramgopal Kothari ने फहराया नार्थ पोल पर तिरंगा
गत दिनों हड्डियाँ जमा देने वाली ठंडी हवाओं, घने कोहरे और पिघलती बर्फ के बीच, कोलकाता के उद्यमी और प्रख्यात यात्री राम गोपाल कोठारी (Ramgopal Kothari) ने भारतीय तिरंगा उठाकर 90 डिग्री नॉर्थ — यानि भौगोलिक उत्तरी ध्रुव पर फिनिश लाइन पार की। इस क्षण के साथ उन्होंने इतिहास रचा और पहले भारतीय बने जिन्होंने 90 डिग्री नॉर्थ पोल पर मैराथन पूरा किया।
दौड़ की शुरुआत घने कोहरे और बर्फीली हवाओं में हुई। सूरज निकलने से पहले इतनी ठंड और तेज़ हवा थी कि दौड़ना बेहद कठिन था। चेहरा सुन्न हो गया, नाक जम गई और हर कदम बर्फ पर धँसता चला गया। तीन घंटे बाद जब सूरज निकला तो बर्फ तेजी से पिघलने लगी और सतह अस्थिर हो गई। उनके पैर बार-बार बर्फ में धँसते रहे।

नौ बार ऐंठन आई, पैर की अंगुली में चोट लगी और जूते बर्फीले पानी से भर गए। भीगे और सुन्न पैरों के बावजूद उन्होंने आठ घंटे तक दौड़ पूरी की और तिरंगा फहराकर भारत का मान बढ़ाया। इस गौरवशाली क्षण तक पहुँचना भी आसान नहीं था। नॉर्वे के स्वालबार्ड से वे फ़्रांसिसी आइसब्रेकर जहाज़ ले कमांडेंट शार्को पर सवार हुए। जहाज़ ने कई दिनों तक मोटी बर्फ तोड़ते हुए आगे बढ़कर 12 जुलाई 2025 को उत्तरी ध्रुव पहुँचाया।
हर कुछ मिनट पर जब जहाज़ बर्फ से टकराता तो भूकंप जैसी तेज़ हलचल होती, जिससे यात्रियों के लिए सोना बेहद कठिन हो गया। इस कठिन यात्रा के दौरान ध्रुवीय भालू, व्हेल, सील और वालरस जैसे दुर्लभ जीवों को भी उन्होंने नज़दीक से देखा। अगले दिन आर्कटिक की आधी रात के सूरज के नीचे मैराथन शुरू हुआ और आठ घंटे बाद कोठारी ने इतिहास रच दिया।
नॉर्थ पोल मैराथन के दो संस्करण
नॉर्थ पोल मैराथन अप्रैल में आयोजित होता था, जो 89 डिग्री नॉर्थ पर बने अस्थायी बार्नियो कैंप से चलता था। यह कैंप एक स्वीडिश कंपनी द्वारा संचालित होता था और ‘लास्ट डिग्री स्की’ प्रोग्राम का भी आधार था, जिसमें प्रतिभागी 89 डिग्री से 90 डिग्री नॉर्थ तक स्की करते थे।
चूँकि कैंप 89 डिग्री पर था, इसलिए मैराथन भी वहीं आयोजित होता था, वास्तविक ध्रुव पर नहीं। तापमान –35 deg C से –40 deg C तक गिर जाता था और प्रतिभागी बर्फीले टेंटों में रहते थे। इस संस्करण में पाँच भारतीयों ने भाग लिया था। 2018 के बाद से भू-राजनीतिक तनाव और उड़ान संबंधी प्रतिबंधों के कारण यह मैराथन आयोजित नहीं हो पाया।
प्रथम बार भारतीय शामिल
2023 और 2024 की पहली दो समर मैराथनों में कोई भारतीय शामिल नहीं हुआ। 2025 में पाँच भारतीय मूल के प्रतिभागियों ने भाग लिया – दो अमेरिकी नागरिक और तीन भारतीय नागरिक। इन तीन भारतीय नागरिकों में से राम गोपाल कोठारी ने सबसे पहले मैराथन पूरा किया और इस प्रकार पहले भारतीय बने जिन्होंने असली 90 डिग्री नॉर्थ पोल पर पूरा मैराथन जीता।
कोलकाता के बड़ाबाजार की एक छोटी दो-कमरे की कोठरी से निकलकर आज 71 देशों और सातों महाद्वीपों की यात्रा कर चुके राम गोपाल कोठारी की जीवनगाथा संघर्ष, संकल्प और असीमित महत्वाकांक्षा की प्रतीक है। उनके अगले लक्ष्य हैं सात महाद्वीपों पर सात दिनों में सात मैराथन, सातों शिखरों पर चढ़ाई और 2027 तक 100 देशों की यात्रा।