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स्वस्थ तन-मन के लिये जरूरी संतुलित पोषण

स्वस्थ तन-मन हर किसी की कल्पना होती है। इसके लिये लोग हजारों रुपये महीना खर्च कर रहे हैं। लेकिन यदि देखा जाऐ तो संतुलित पोषण अर्थात् आहार-विहार का उपयोग किया जाऐ तो आसानी से तन-मन को स्वस्थ बनाये रखा जा सकता है।

शरीर व दिमाग की ग्रौथ, खेलकूद व भागदौड़ के लिए एवं बीमारियों से बचने हेतु हमें संतुलित आहार की जरूरत होती है। बढ़ती उम्र में हमें संतुलित आहार की ज्यादा जरूरत होती है, क्योंकि लड़कों में 50 प्रतिशत मांसपेशियां व लड़कियों में इस उम्र में चर्बी जमा होती है। संतुलित आहार हमें मोटापे, हाई ब्लडप्रैशर, दिल की बीमारियों, शुगर, हड्डियों की कमजोरी, एनीमिया व विटामिन डैफिशियंंसी से बचाता है।

हमारे खाने की मात्रा हमारे कार्य के आधार पर होनी चाहिए, अगर हम थोड़ा काम करके पूरी खुराक या ज्यादा खुराक लेंगे तो मोटे हो जाएंगे। अंदर जाने वाली कैलोरीज व कार्य के रूप में बाहर आने वाली कैलोरीज बराबर होनी चाहिए। हमारे संतुलित आहार में 50 प्रतिशत सलाद, सब्जियां व फल होने चाहिए। 25 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, जैसे रोटी, चावल व 25 प्रतिशत प्रोटीन जैसे दाल, मीट, दूध, आदि होने चाहिए। हमारे आहार में ज्यादा फाइबर डाइट होना चाहिए व सॉफ्टड्रिंक की हमारे आहार में कोई जगह नहीं है।


  • कार्बोहाइड्रेट- यह हमारे भोजन में सबसे ज्यादा होता है, व ऊर्जा का अधिकतम स्त्रोत भी हैं। जैसे-फल, सब्जियां, धान, मक्की, चावल आदि में यह प्रचुर मात्रा में होती है।
  • वसा- यह एसैंशियल फेटी एसिड का स्त्रोत होते हैं। अनसैच्युरेटिड फैट खाना चाहिए जैसे- सरसों का तेल, मूंगफली का तैल, सोयाबीन का तेल व कॉटनसीड ऑइल, आदि। सैच्युरेटिड फैट से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
  • प्रोटीन- बढ़ते लड़के-लड़कियों व खिलाड़ियों को प्रोटीन रोजाना लेना चाहिए। दाल, फलियाँ, सोयाबीन, डेयरी प्रोड्क्ट्स इसके मुख्य स्त्रोत हैं।
  • आयरन- इसकी कमी बढ़ती उम्र में एनीमिया का कारण बन सकती है। यह हमें हरी पत्तेदार सब्जियां, अनाज, फलियां, ड्रायफ्रूट व अंडों से मिलता है, इसलिए इनका सेवन प्रचुर मात्रा में करना चाहिए।
  • कैल्शियम- ज्यादातर हड्डियों की ग्रौथ युवावस्था में होती है। इस समय एक दिन में 1300 मिग्रा. कैल्शियम की जरूरत होती है, पर आम खाने में कैल्शियम की मात्रा कम होती है और कोल्ड्रिंक्स व कॉफी ज्यादा पीने से वैâल्शियम की और कमी हो जाती है। कैल्शियम के मुख्य स्त्रोत- दूध, पनीर, दही, केला व डेयरी प्रोडक्ट्स हैं।
  • जिंक- यह आयरन के बाद हमारे शरीर में प्रचुर मात्रा में होता है और हमारी ग्रौथ के लिए आवश्यक भी है। यह दालों, मीट, पनीर, अंडे, आदि में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • नाश्ता अति आवश्यक- नाश्ता हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यह हमारे दिमाग के लिए जरूरी है। नाश्ता करने से हमारी दिनचर्या चुस्तीभरी होती है, शरीर मोटा नहीं होता व स्वस्थ रहता है। इसको छोड़ने से मोटापा घटता नहीं, अपितु बढ़ सकता है।
  • फास्टफूड नुकसानदायक- इसमें कैलोरीज ज्यादा होती है, सोडियम भी ज्यादा होता है और फायबर्स की मात्रा बहुत कम। इसे खाने से मोटापा, उच्च रक्तचाप, दिल के रोग और शुगर की बीमारी आदि हो सकती है। साफ्ट ड्रिंक्स से दात खराब होते हैं, क्योंकि यह ड्रिंक अम्लीय होते हैं और हड्डियों को कमजोर करते हैं। इनमें कई नुकसानदायक केमिकल होते हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।
  • हेल्दी स्नैक्स- फ्रूटचाट, अंकुरित दालों की चाट, ड्रायफ्रूट, बगैर पिज्जा का बेस आटे का बनाएं, चीज की जगह पनीर इस्तेमाल करें, बर्गर में भरने के लिए ताजा सलाद इस्तेमाल करें, तलने की जगह बैक व ग्रिल का इस्तेमाल करें, मैदा ब्रैड की जगह आटा या ब्राउन ब्रैड इस्तेमाल करें, स्किड मिल्क या लो फैट दूध व इसके प्रोड्क्ट्स ही इस्तेमाल करें, कम फैट व कम उर्जा वाली चीजे ही खाएं।
  • टी.वी. व मोटापा- ज्यादा टी.वी. देखने वाले बच्चों में मोटापा इसलिए बढ़ता है, क्योंकि वे बैठे-बैठे जंकफूड खाते व कोल्ड्रिंक्स पीते हैं और ऊर्जा का व्यय नहीं हो पाता, अगर टी.वी. देखना है तो कसरत के साथ देखो और थोड़े जंकफूड का भी मजा लो।
  • कसरत- रोज 30 से 40 मिनट तक शारीरिक श्रम जरूर करना चाहिए। चाहे, फिर वह एक्सरसाइज हो या स्वीमिंग या फिर गार्डन में खेलकूद। आप 10-15 मिनट तक दिन में 3-4 बार कर सकते हैं। यही खुराक हमें बीमरियों से दूर रहने के लिए तथा हमारे शारीरिक विकास के लिए जरूरी है इसलिए इस पर विशेष ध्यान दें।

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