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व्यायाम करें सर्दी से बचें

सर्दी के मौसम के कारण भी कई रोगों की उत्पत्ति होती है, जिनके लिये हमें डॉक्टर्स के चक्कर लगाने पड़ते हैं। यदि इस दौरान योग-व्यायाम जैसे प्राकृतिक उपायों को अपनाया जाता है, तो ये मौसम आपके लिये ट्रबल सीजन नहीं बल्कि हेल्दी सीजन सिद्ध हो सकता है।

व्यायाम करें सर्दी से बचें

वैसे तो शीत ऋतु को हेल्दी सीजन कहा जाता है, लेकिन हड्डियों तक को कपकपा देने वाली ठण्ड से कुछ शारीरिक परेशानियां भी उत्पन्न हो जाती है। यदि सही व्यायाम का सहारा लिया जाए तो इन परेशानियों से बचा जा सकता है।

सर्दियों में ठण्ड के कारण आर्थराइटिस अर्थात जोड़ों में सूजन, गठिया, साइटिका, दमा, सर दर्द, माइग्रेन, गले की बीमारी, सर्दी, खांसी, एलर्जी, घुटना दर्द, कमर दर्द, पीठ दर्द अक्सर होता है। सर्दी की इन बीमारियों के लिए डॉक्टर व योग विशेषज्ञ की सलाह पर कुछ यौगिक क्रियाएँ लाभदायक हो सकती हैं।


अंग संचालन से रहें गतिशील

शरीर संचालन हेतु पैर की अँगुलियों, एड़ी, घुटना, जांघ, पेट, हाथों की अँगुलियों, कलाई, कोहनी, कन्धा, गर्दन व आँख प्रत्येक अंग का 5 से 10 बार संचालन सुबह-शाम दोनों समय कर सकते हैं। साइकोसोमेटिक, न्यूरोसोमेटिक दमा में भी ये यौगिक क्रियाएं लाभदायक हैं।

इसके साथ-साथ शशांक आसन, योगमुद्राम पवनमुक्तासन, भुजंगासन, स्ट्रेच मकरासन (क्रोकोडाइल) लाभदायक हैं। कुछ शारीरिक व मानसिक रोग, तनाव व चिंता से भी होते हैं। इन्हें दूर करने के लिए यौगिक क्रियाएँ उत्तम हैं।


योग को बनाएं दिनचर्या

स्वस्थ लोगों के लिए भी यौगिक क्रियाएँ लाभदायक हैं। स्वस्थ लोग स्वस्थ रहें, इसलिए रोग विशेषज्ञ की सलाह से आसन करें- ताड़ासन, त्रिकोणासन, कमर को खड़े होकर आगे-पीछे व दाएं-बाएं झुकाने की क्रियाएँ 5 बार करें।

सीधा लेटकर अर्द्धहलासन, साइकिलिंग, पवनमुक्तासन, सीधा नौकासन, बैठकर पश्चिमोत्तासन, शशांकासन व योगमुद्रा करना चाहिए। उल्टा होकर भुजंगासन, सर्पासन, शलभासन, धनुरासन, नौकासन, रोलिंग नौकासन आदि करना चाहिए।


प्राणायाम से पाएं ऊर्जा

प्राणायाम सभी के लिए लाभदायक है। इसमें योगेंद्र प्राणायाम, नाड़ीशोधन प्राणायाम, भ्रमिका प्राणायाम, उज्जयी प्राणायाम अधिक लाभदायक होते हैं। ध्यान अपनी शक्ति के अनुसार कर सकते हैं। लम्बी गहरी सांस लें व छोड़ें।

ध्यान, प्राणायाम, शवासन योगनिद्रा द्वारा सुषुप्त शक्तियों को जाग्रत कर सकते हैं। इससे काम करने की शक्ति बढ़ सकती है, मन एकाग्र होता है, बुद्धि तीक्ष्ण होती है। इन क्रियाओं से शारीरिक व मानसिक रोगों से लड़ने की प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ जाती है।

ठण्ड के दिनों में उच्च रक्तचाप व ह्रदय रोग के रोगियों को रात में अधिक कष्ट होता है। उनके लिए भी डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह से लाभदायक होती है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रातः शाम घूमना चाहिए। दिन में एक बार दिल खोलकर हंसना चाहिए। सोने के 2 घंटे पूर्व सुपाच्य भोजन करना चाहिए।


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Sri Maheshwari Times

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