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‘पृथ्वी बचाओ’ की अलख जगाते- विजय काबरा

बिगड़ते पर्यावरणीय संतुलन की स्थिति में सम्पूर्ण पृथ्वी ही खतरे में आती जा रही है। बढ़ती प्राकृतिक विपदाएं स्वयं इसका प्रमाण है। पृथ्वी को इन्हीं स्थितियों से बचाने का अलख जगा रहे है। जलगाँव निवासी विजय काबरा।

जलगांव (महाराष्ट्र) के ख्यात समाजसेवी और अधिवक्ता एड. विजय सूरजमल काबरा ने जलगांव शहर और पूरे महाराष्ट्र राज्य में ‘पृथ्वी बचाव संस्था’ नामक पंजीकृत एनजीओ की स्थापना की है। इसका पंजीकरण महाराष्ट्र सरकार के विभाग द्वारा 10/02/1994 को किया गया है और इसका पंजीयन नंबर महा 2675/जलगांव/महाराष्ट्र है। विजय काबरा इस संस्था के संस्थापक अध्यक्ष हैं। वर्तमान में इस संस्था के लगभग दस हजार सदस्य हैं, जिनमें बड़ी संख्या में रिक्शा चालक भी शामिल हैं। श्री काबरा 1994 से पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं।


उन्होंने महाराष्ट्र के विभिन्न ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन जैसे जलगांव, नाशिक, सोलापुर, औरंगाबाद (छत्रपति संभाजी नगर) आदि पर पर्यावरण दिवस के अवसर पर जन जागरूकता के लिए संबोधित किया है। इसके साथ ही पाल तहसील, रावेर, जिला जलगांव में हरिण पैदावार केंद्र की रक्षा के लिए प्रयास किए हैं। साग, खैर, और शीशम के पेड़ों की तस्करी को रोकने के लिए भी उन्होंने काम किया है और सफल रहे हैं। उन्होंने अवैध तरीके से मोर और अन्य वन्य जीवों की तस्करी को रोकने में भी सफलता प्राप्त की है।


पृथ्वी बचाव’ संस्था ने अब तक सरकार से कोई अनुदान नहीं लिया है और यह पूरी तरह से जनता के सहयोग पर निर्भर है। यह संस्था स्कूली बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, व्यवसायियों, उच्च शिक्षा प्राप्त वकीलों, डॉक्टरों, न्यायाधीशों, सरकारी अधिकारियों और समाज के सभी वर्गों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करती है। इसके अंतर्गत पेड़ लगाने, पेड़ों की रक्षा और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। एडवोकेट विजय एस काबरा को महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेशजी बैस, वनमंत्री सुधीरभाऊ मुनगंटीवार, पद्मश्री डॉ. विजयकुमार शाह, जिलाधिकारी आदि द्वारा सम्मानित भी किया गया।


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