एक करोड़ की लागत से हुआ विद्यालय का पुनर्निर्माण
अजमेर जिले के ताबिजी गाँव में स्थित सरकारी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय का पुनर्निर्माण और उद्घाटन जोधराज लड्ढा परिवार के योगदान से 9 मार्च, 2024 को किया गया। इसके साथ ही 350 छात्राओं की शिक्षा में एक नये अध्याय का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या के कोषाध्यक्ष और प्रसिद्ध राष्ट्रीय संत, श्री गोविन्द देव गिरि महाराज की उपस्थिति खास रही। यह विद्यालय 1950 में स्थापित हुआ था और ताबिजी गाँव और उसके आस-पास के गाँवों में एकमात्र बालिका विद्यालय है।
विद्यालय में कुल 11 कमरे हैं, प्रत्येक कमरे में 35 छात्रायें बैठ सकते हैं। छात्राओं को प्रबंधित करने के लिए 14 शिक्षक हैं। यहाँ नर्सरी से कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती है। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा के पूर्व सभापति जोधराज लड्ढा इसी ताबिजी ग्राम में जन्मे थे और वर्तमान में कोलकाता में निवास करते हैं। उन्होंने इस अवसर पर गुरुजी की उपस्थिति के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।
श्री लड्ढा पिछले 60 वर्षों से, समाज के हर वर्ग के लिए सेवा कर रहे है, अपने गांव में सभी का सहयोग करते रहे हैं। अपने भाषण में, श्री गोविन्द देव गिरि ने महिलाओं और बच्चों के लिए शिक्षा के प्रति समर्पण की आवश्यकता पर बल दिया और अपने जन्मस्थान को कभी न भूलने और गाँव में वापस जाने के महत्व पर प्रकाश डाला।
सभी ने की सराहना
विद्यालय को 1 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्निर्मित स्कूल भवन को कई सुविधाओं से सम्पन्न किया गया। सभी कक्षाएँ पुनर्निर्मित की गईं। खुले मैदान को स्थायी टिन छाया से ढंक दिया गया है। विद्यालय में छात्राओं की सुविधा का विशेष ख्याल रखा गया है। जोधराज लड्ढा और उनके परिवार को इस पहल के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की बालिकाओं ने श्रीमद भगवद गीता के बारहवें अध्याय को ऑनलाइन सीखकर सात दिनों में उपस्थित लोगों को प्रभावित किया।
यह आयोजन गीता परिवार की टीम के सहयोग से हुआ। विद्यालय की छात्राओं ने भगवान राम पर एक संगीतात्मक नाटक का मंचन किया। ताबिजी के निवासियों की ओर से सतीश सोमानी ने जोधराज लड्ढा और उनके परिवार के योगदान की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया। इस उद्घाटन अवसर पर शामिल मेहमानों को गुरु गोविन्द देव गिरिजी द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘राम कथा’ वितरित की गई। छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूल बैग वितरित किए गए।
कई हस्तियाँ कार्यक्रम में शामिल
कार्यक्रम में लगभग 2000 मेहमान शामिल हुए, जिनमें रवि तोषनीवाल, मनोज शार्दा, श्रीकांत बाल्दी, जयपुर से अरुण अग्रवाल और इंदौर से राम अवतार जाजू आदि प्रमुख थे। कोलकाता से लड्ढा परिवार के महत्वपूर्ण व्यक्तियों में जोधराज लड्ढा और सूरज देवी लड्ढा, अरुण लड्ढा और अनीता लड्ढा, अविनाश लड्ढा और वर्णिका लड्ढा, आभा बजोरिया और ध्रुव बजोरिया, अनिरुद्ध लड्ढा, संजय कुमार लड्ढा और निशा लड्ढा, कुमारी नूपुर लड्ढा, कुमारी अकांशा लड्ढा, अजय लड्ढा और मृदुला लड्ढा, कुमार देवांग लड्ढा, कुमारी अंजली लड्ढा, मनोज लड्ढा और मीनाक्षी लड्ढा, कुमार कुशाग्र लड्ढा और कुमार जयत्र लड्ढा आदि शामिल थे।
संगीता बजोरिया, नरेश गुप्ता और कविता गुप्ता, सतीश काबरा और रानी काबरा, ललित तोषनीवाल और कुसुम तोषनीवाल, रमेश चंडक और सुमन चंडक, राज झंवर, प्रवीण गग्गड़ और परिवार, दिल्ली से गिरधर जैथलिया और आशा जैथलिया, अजमेर से सीता जैथलिया, मोहन और चंदा बूब, त्रिलोकचंद राजकंवर मुंदरा और परिवार, प्रशांत और रीना अग्रवाल, राजेंद्रप्रसाद और मूंदड़ा परिवार, सीता मूंदड़ा और परिवार, घनश्याम काबरा और परिवार, अविनाश लड्ढा और परिवार, चेतन मढ्ढलू और परिवार, सुधीर मुंदरा और परिवार, ताबिजी/अजमेर से सोमानी परिवार, इंदौर से बी. के. राठीr और कल्पना राठी, जयपुर से अरुण काबरा और गरिमा काबरा, गीता झंवर, अशोक फलोर और परिवार, हैदराबाद से लक्ष्मी देवी लड्ढा, प्रकाश चंद्र गिल्डा और विमला गिल्डा तथा उद्दव नारायण गिल्डा, मकराना से महेश झंवर और शारदा झंवर, किशनगढ़ से सरस्वती मूंधड़ा और परिवार शामिल थे।
स्थानीय निवासियों में गाँव के प्रमुख श्री गेना, सुनील जैन, कमल लद्दा, महेंद्र सोमानी, सत्यनारायण मुंधड़ा और ललित तोषनीवाल ने विद्यालय के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान किया। प्रधानाध्यापिका शोभा देवी और पूरे विद्यालय के कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक इस कार्यक्रम में भाग लिया।