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समाजसेवा में प्रगति की राह दिखाती- मधु सारडा

समाज जब जागता है, तो प्रगति की राह अपने आप खुल जाती है। नागपुर निवासी मधु सारडा एक ऐसी ही समाजसेवी हैं, जिन्होंने घर की चारदीवारी में रहने वाली आम महिलाओं में भी समाजसेवा का जज्बा उत्पन्न कर उन्हें समाजसेवी बना दिया। यह काम कठिन तो था लेकिन हौंसले बुलंद हों तो असंभव भी सम्भव हो जाता है।

नागपुर निवासी मधु सारडा वर्तमान में उम्र के उत्तरार्द्ध में होकर अपने परिवार, पौत्र-पौत्री आदि की जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए भी समाजसेवा में वह योगदान दे रही हैं, जो अपने आप मेंं मिसाल है। वे समाजसेवा में चहुंमुखी योगदान दे रही संस्था प्रगति राजस्थानी महिला मंडल की संस्थापक सदस्य में से एक हैं।

श्रीमती सारडा न सिर्फ स्वयं ही समाजसेवा में सक्रिय हैं, बल्कि अन्य ऐसी महिलाओं को भी संगठन से जोड़कर सतत रूप से समाज की सेवा में सक्रिय करती हैं, जो किन्हीं कारण से सामाजिक सक्रियता से दूर हैं। कुचामन सिटी जिला नागौर (राज.) में सीतादेवी तथा भेरूलाल लड्ढा के यहाँ जन्मी श्रीमती सारडा को बचपन से ही संस्कारों के रूप में समाजसेवा विरासत में मिली।

फिर जब दामोदर सारडा के साथ विवाह के पश्चात नागपुर आयीं, तो ये संस्कार ही समाजसेवा के रूप में सतत प्रस्फुटित होते चले गये। श्रीमती सारडा के पति दामोदर सारडा तथा गौरव व कुंजन भी सपरिवार उनके इस सेवापथ पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सहयोगी बने हुए हैं।


लगभग 37 वर्षों से समाजसेवा से जुड़ाव

पिछले 37 वर्षों से श्रीमती सारडा समाजसेवा से जुड़ी हुई हैं। सन् 1988 में उन्होंने और कविता तापड़िया ने मिलकर प्रगति राजस्थानी महिला मंडल बनाया था, जिसका उद्देश्य महिलाओं को घर की चार दीवारी से बाहर लाकर समाज में सक्रिय करना था। इसके लिये घर-घर जाकर सासुओं से मिलकर समझाया कि यह संस्था बनाकर सब बहने मिलकर हमारे तीज त्यौंहार मनायेंगे। पंद्रह महिलाओं को सदस्य बनाकर संस्था शुरु की।

आज इस संस्था के 37 वर्ष पूर्ण हो गये हैं। अब इसकी सदस्य संख्या भी काफी बढ़ चुकी है। संस्था द्वारा सांस्कृतिक, शैक्षणिक, धार्मिक, जरूरत मंदों की सहायता, ब्राह्मण व गरीब कन्याओं के विवाह, अन्नदान जैसे अनेकों कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। प्रगति संस्था ने दो वर्ष पूर्व अपना स्वयं का चार मंजिला, सारी सुविधाओं से परिपूर्ण भवन बनाया।

संस्था ने यह भवन शादी विवाह कार्यक्रम हेतु नहीं बल्कि समाजसेवा हेतु बनाया। इस भवन में वे प्रगति अन्नपूर्णा रसोई चलाती हैं जिससे प्रतिदिन 125 टिफिन एम्स हॉस्पिटल नागपुर में मरीजों के साथ परिवार के जो सदस्य होते हैं उनके लिये भेजते हैं। मार्च 2022 से यह रसोई शुरू की थी जिसे एक वर्ष पूर्ण हो गया है।


सेवा के वृहद आयाम

संस्था द्वारा संचालित फिजियोथेरेपी सेंंटर में अति न्यून शुल्क में सेवायें मरीजों को दी जाती है, मात्र 70 रुपये में। इसी में एक्युप्रेशर की सेवा भी न्यून दरों में दी जा रही है। महिलाओं के स्वरोजगार हेतु प्रगति संस्था द्वारा प्रगति मसाले नाम से मिर्च, हल्दी, धनिया व गरम मसाला तथा चाय का मसाला बनाये जाते हें।

संस्था ने सुपर-60 क्लब भी महिलाओं के लिये खोला है, जिसमें 70 महिलायें सदस्य हैं। बुजुर्गों के लिये हमारी नई पीढ़ी के पास वक्त नहीं है। अत: उन्हें खुशियाँ देना ही इसका उद्देश्य है। इस संस्था के प्रति श्रीमती सारडा का 37 वर्षों का तन-मन-धन से समर्पण रहा है। अत: सभी सदस्याऐं उन्हें सम्मान देती हैं।

इसके साथ ही श्रीमती सारडा अन्य कई समाजसेवी संस्थाओं से भी जुड़ी हुई है। महावीर इंटरनेशनल नागपुर की अध्यक्षा रह चुकी हैं। अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला मंच की सचिव रही हैं। माहेश्वरी वानप्रस्थ नागपुर द्वारा वृद्धाश्रम चलाया जा रहा है, जिसमें भी वे सेवा कार्य करती हैं।


फैब्रिक व्यवसाय मधुबनी की संकल्पना

‘बसंत की हवाएं, उपवन मे लाती हैं बहार,
मधुर कल्पनाएँ, व्यक्तित्व मे लाती हैं निखार,
विशेष है संगम, कर्मठता और् अच्छे विचारों का,
अनूठा है सफलता के साथ मधु व्यवहार’

कार्य बड़ा हो या छोटा, उसे समर्पित भाव से, कर्मठता के साथ संपन्न करने का अति विशेष गुण श्रीमती सारडा में है। समय के अनुसार निर्णय लेना और फिर उसे सफल करने ले लिए जुट जाना ये उनकी की खासियत है। इसी का विशेष उदाहरण हाल ही में इन्होंने फैब्रिक के प्रतिष्ठान की संकल्पना की है। इस केंद्र में पूरे भारत के प्रसिद्ध कपड़े फैब्रिक उपलब्ध होंगे। इसका उद्घाटन रामनवमी पर होगा। इसका नाम मधुबनी रखा है।


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