16 वर्ष की उम्र से जारी सेवा यात्रा- मधुसूदन सारड़ा
इसे सेवा भावना का अद्भूत उत्साह ही कहा जा सकता है कि मात्र 16 वर्ष की अवस्था में समाजसेवा प्रारम्भ हो जाऐ। नागपुर निवासी मधुसूदन सारडा एक ऐसे ही समाजसेवी हैं जिनकी सेवा यात्रा किशोरावस्था से प्रारम्भ हुई और उम्र के 67 वर्ष के पड़ाव पर भी बिल्कुल भी शिथिल नहीं हुई है।
नागपुर निवासी वरिष्ठ समाजसेवी मधुसूदन सारडा का जन्म 19 दिसम्बर 1956 को श्री सत्यनारायण व श्रीमती कौशल्यादेवी सारड़ा के यहाँ हुआ था। एम.कॉम. एलएलबी तथा डीबीए तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी उन्होंने माहेश्वरी सोच के अनुरूप स्वव्यवसाय में ही कदम रखे। वर्तमान में भी श्री सारडा जूट व प्लास्टिक बैग से सम्बंधित अपने व्यवसाय का सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं।
ऐसे बढ़े सेवा की ओर कदम
श्री सारड़ा 16 वर्ष की उम्र से ही धार्मिक-सामाजिक कार्य में रुचि लेने लगे। श्री माहेश्वरी युवक संघ-अध्यक्ष व अखिल भारत वर्षीय माहेश्वरी युवा संगठन कोषाध्यक्ष के रूप में भी सेवा दी। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा में कार्यकारी मंडल सदस्य, विदर्भ प्रादेशिक युवा संगठन में उपाध्यक्ष, विदर्भ प्रादेशिक माहेश्वरी सभा में सचिव व उपाध्यक्ष, नागपुर जिला माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष, नागपुर नगर माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष व माहेश्वरी विवाह सहयोग के सचिव रह चुके हैं।
कई संस्थाओं को सक्रिय सहयोग
श्री सारड़ा वर्तमान में भी विभिन्न सेवा संगठनों में अपना सक्रिय योगदान दे रहे हैं। इसके अंतर्गत श्री बड़ी मारवाड़ माहेश्वरी भवन ट्रस्ट द्वारा नवनिर्मित भवन के कोषाध्यक्ष व श्री बड़ी मारवाड माहेश्वरी पंचायत हिवरी नगर के कार्यकारिणी सदस्य हैं। नागपुर बारदाना मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव रहे व वर्तमान में उपाध्यक्ष हैं। नागपुर नगर ज्येष्ठ माहेश्वरी सभा के सचिव, श्री राधाकृष्ण हास्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट कार्यकारिणी इवेंट, श्री राधाकृष्ण मंदिर बर्धमान नगर- कार्यकारीणी सदस्य तथा महेश को ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष हैं।
धर्मपत्नी विजया सारड़ा भी प्रगतिशील राजस्थानी महिला मंडल की अध्यक्ष रह चुकी हैं। अपनी तमाम जिम्मेदारी के साथ आप पारिवारिक जिम्मेदारी भी सफलतापूर्वक निभा रहे हैं। पुत्र अर्पण भी एलएलबी कर व्यवसायरत हैं। पुत्रवधू अनुराधा वर्तमान में पीएच.डी. कर रही हैं। परिवार में पौत्री हृदया की किलकारी भी गूंज रही है। उनके परिवार में विवाहित पुत्री अर्पिता दामाद हिमांशु तथा दौहित्र आर्य भी शामिल है।