64 वर्ष की उम्र की एथलिट- संतोष मूंदड़ा
जज्बा हो तो उम्र भी किस तरह बाधक बनने की जगह नतमस्तक हो जाती है, इसी का प्रमाण हैं जूनागढ़ निवासी 64 वर्षीय महिला एथलिट संतोष मूंदड़ा। श्रीमती मूंदड़ा अभी तक राष्ट्रीय के साथ ही कई राज्य स्तरीय पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं।
जूनागढ़ (गुजरात) निवासी संतोष मूंदड़ा की पहचान शहर में एक समाजसेवी के रूप में जितनी है, खिलाड़ी के रूप में भी इससे कम नहीं है। खिलाड़ी के रूप में उनकी ख्याति का कारण है 55 वर्ष की उम्र से जारी उनकी खेल यात्रा जो आज भी जारी है। यह वह उम्र है जिस पर आमतौर पर लोक अस्वस्थता का कारण बताते हुए घर की चार दीवारी में थम जाते हैं। लेकिन श्रीमती मूंदड़ा ने मास्टर्स एथलेटिक्स फेडरेशन से सम्बद्ध होकर इस उम्र में एथलेटिक्स में भाग लेना प्रारम्भ किया जो आज 64 वर्ष की इस अवस्था में भी जारी ही है।
ऐसे बढ़े खेल की ओर कदम
वर्ष 2002 में श्रीमती मूंदड़ा के पति श्री सूर्यप्रकाश जी मूंदड़ा का हृदयघात से असामयिक देहावसान हो गया था। ऐसे में उनके ऊपर 3 बच्चों की जिम्मेदारी भी आई गई। बड़े पुत्र ने ऐसी स्थिति में मात्र 17 वर्ष की उम्र में ही अपनी पैतृक फैक्ट्री श्रीमती मूंदड़ा के सहयोग से सम्भाल ली।
इसमें वे अपने बेटे को हर कदम मार्गदर्शन प्रदान करती रहती थी। इसी तरह वक्त गुजरता गया और बच्चे भी बढ़े होते गये। बच्चों ने अपनी माँ की फिटनेस व उनका आत्मविश्वास देखा तो उनके मन में भी इच्छा उत्पन्न हुई कि माँ की भी कुछ अलग ऐसी पहचान बने जिस पर सभी गर्व करें। बस इसी सोच से यह एथलेटिक्स की कहानी प्रारम्भ हुई।
कई स्पर्धाओं में भागीदारी
आखिरकार उनका होंसला और परिवार का सम्बल काम आया और 55 वर्ष की उम्र में वे मास्टर्स एथलेटिक्स फेडरेशन से सम्बद्ध होकर विभिन्न स्पर्धाओं में प्रतिवर्ष भाग लेने लगी, जिनमें गोलाफेंक, दौड़ तथा फास्ट वॉक आदि शामिल हैं। इसमें चंडीगढ़, बैंगलोर, चैन्नई, नडियाड आदि कई स्पर्धाओं में वे शामिल हुई।
चैन्नई में आयोजित 5 किमी फास्ट वॉक में उन्होंने नेशनल स्तर पर गोल्ड मेडल भी प्राप्त किया। अभी गत दिसम्बर 2022 में ही राज्य स्तर पर 5 किमी फास्ट वॉक में सिल्वर, 200 मी. दौड़ में गोल्ड तथा 100 मी. दौड़ में भी गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। वे अभी सितम्बर माह में चारधाम की पैदल यात्रा करके भी आई हैं।
सेवा ने दिलाया सम्मान
श्रीमती मूंदड़ा समाजसेवा में भी विभिन्न संस्थाओं से सम्बद्ध होकर अपना योगदान देती रही हैं। कोरोना काल में भी टिफिन सेवा प्रदान कर उन्होंने कोरोना योद्धा के रूप में विशेष योगदान दिया। श्रीमती मूंदड़ा अपने चहुंमुखी योगदानों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मानित भी हो चुकी हैं।
वे श्री मोदी से 5 बार मिल चुकी हैं और उनके साथ डिनर भी कर चुकी हैं। श्रीमती मूंदड़ा विभिन्न संस्थाओं द्वारा अभी तक सेवाभूषण अवार्ड, साहसिक नारी, नारी रत्न, नारी शक्ति, तेजस्विनी नारी तथा राजस्थान बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज जैसे कई सम्मानों से सम्मानित हो चुकी हैं।