‘माहेश्वरी सेवा संकल्प’ ने तय किया सेवा का द्वितीय सौपान
मुंबई। समाज के ख्यात समाजसेवियों द्वारा गठित सेवा संस्था “माहेश्वरी सेवा संकल्प” द्वारा लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट में आये समाजजनों की मदद का संकल्प लिया गया था। इस संकल्प के अंतर्गत संस्था 4 हज़ार से अधिक जरूरतमंद परिवारों को कुल 3 हज़ार रुपये प्रति परिवार आर्थिक सहायता प्रदान कर चुकी है।
संस्था द्वारा पूर्व में 1500 रुपये की प्रथम किश्त इन्हे जारी की गयी थी। गत माह शेष 1500 रुपये प्रति परिवार की सहायता राशि भी जारी कर संस्था द्वारा अपने “सेवा संकल्प” को पूर्ण कर लिया गया है।
कोरोना महामारी से जीवन रक्षा के लिए पूरे देश में दो माह से भी अधिक समय से लॉकडाउन चल रहा था। इसमें सभी उद्योग-व्यवसाय थम गये। इसमें कोरोना संक्रमण बढ़ने से तो रुका लेकिन इसने कई लोगों की नौकरी छीन ली, कई छोटे व्यवसायियों को आर्थिक रूप से भीषण संकट में लाकर खड़ा कर दिया।
इनमे समाज के कई परिवार ऐसे भी थे, जो अपने स्वाभिमान के कारण शासन की योजनाओं का लाभ भी नहीं ले पा रहे थे। ऐसे स्वजातीय बंधू इस संकट में अपने को असहाय न समझें, इसके लिए संस्था ‘माहेश्वरी सेवा संकल्प’ द्वारा यह योजना तैयार की गयी थी।
इस योजना के अंतर्गत संस्था द्वारा 5000 जरूरतमंद परिवारों तक 3 हज़ार रुपये प्रति परिवार सहायता राशि पहुँचाना था। इसमें लक्ष्य था की ऐसे हितग्राहियो की जानकरी पूर्णतः गुप्त रहे जिससे उनके स्वाभिमान पर चोट न पहुंचे और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्रभावित न हो।
इसके लिए यथा संभव ईमेल व वाट्सएप से आवेदन आमंत्रित कर सीधे संबंधित के बैंक कहते में ही सहायता राशि प्रेषित करने का लक्ष्य रखा गया। इस योजनान्तर्गत 5 हज़ार के विरुद्ध 4200 हितग्राहियों ने आवेदन किये। इनमें से लगभग 4 हज़ार आवेदकों को पूर्ण सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है।
सहायता के लिए अपनाई थी सरल प्रक्रिया:
माहेश्वरी समाजजन वैसे ही स्वाभिमानी है, ऐसे में पात्र व अपात्र का भेद करने के लिए अधिक अनौपचारिकताएँ रखने से उनके स्वाभिमान पर चोट पहुँचती है और वे अपनों से सहयोग लेने में भी पीछे हट जाते है।
यही कारण है कि इस सहायता योजना में अधिक औपचारिकता नहीं रखी गयी थी। यहाँ तक की कारण तक नहीं पूछा गया। इसमें इच्छुक समाजजन “माहेश्वरी सेवा संकल्प” संस्था के ईमेल आईडी या मोबाइल नंबर पर वाट्सएप कर सत्यंत सामान्य प्रारूप में आवेदन कर इस योजना का लाभ ले सकते थे।
इसका लाभ लेने के लिए प्रार्थी को मात्र अपना नाम, पिता का नाम, गोत्र, पिनकोड सहित पता, आधार कार्ड की जानकारी एवं बैंक खाता क्रमांक, आईएफएससी कोड सहित तथा संपर्क दूरभाष एवं मोबाइल नंबर के साथ आवेदन करना था। इस आवेदन पर संस्था द्वारा तत्काल कार्यवाही कर सहायता प्रदान की जा रही थी।