खेल जगत की ‘‘आयरन वुमन’’- शिवांगी सारडा
नारी को कोमल, कमजोर तथा अबला समझने वालों के लिये शिवांगी सारडा एक जवाब हैं। शिवांगी ने न सिर्फ विश्व स्तर पर आयोजित ‘‘आयरन मैन’’ स्पर्धा में अपने हौंसले व ताकत की मिसाल पेश की, बल्कि अन्य महिलाओं को भी वे ‘‘आयरन वुमन’’ बनाने में जुटी हैं।
जयपुर निवासी शिवांगी सारडा ने 20 अक्टूबर 2019 को चीन में आयोजित हुई आयरन मेन प्रतियोगिता में भाग लिया था। इसमें आयरन मेन 7.3 का टास्क (25 से 29 वर्ष केटेगरी) में उन्होंने 6 घंटे 52 मिनट 44 सैकेण्ड के रिकार्ड समय में पूरा किया।
इसमें उन्होंने 1 घंटा 11 मिनट 42 सैकण्ड खुले पानी में 1.9 किमी स्विमिंग, 3 घंटा 31 मिनट 8 सैकण्ड में 90 किमी. साइकिलिंग एवं 2 घंटा 7 मिनट 21 सैकंड में 21 किमी रनिंग करके यह कठिन टास्क पूरा किया। इसमें तैराकी-साइकिलिंग एवं रनिंग लगातार करनी पड़ती है।
इसमें 64 देशों के 1200 महिला-पुरुष प्रतियोगी थे, जिसमें से 967 प्रतियोगी ही यह टॉस्क पूरी कर पाये। राजस्थान के महिला एवं पुरुष वर्ग में यह टास्क शिवांगी ने ही सबसे कम उम्र में पूरा किया है।
बचपन से खेल की ओर रूझान:
शिवांगी का जन्म 19 अप्रैल, 1993 को जयपुर में नीता व विमल किशोर सारडा के यहाँ हुआ। महारानी गायत्री देवी स्कूल, जयपुर की छात्रा रही शिवांगी सारड़ा ने बॉस्केटबाल की अनेक प्रतियोगिताओं में स्कूल का प्रतिनिधित्व किया। वह सन् 2010-11 में इस स्कूल की ‘स्पोर्ट्स केप्टेन’ भी रही। साथ ही क्रिकेट भी खेलती रहा।
उन्हें जयपुर की बेस्ट वूमन वीकेट कीपर का अवार्ड भी प्राप्त हुआ है। विभिन्न दौड़ प्रतियोगिताओं में भी अनेक पुरस्कार प्राप्त किये हैं। इसमें अण्डर-19 वर्ष आयु वर्ग में राजस्थान बॉस्केटबाल टीम की कप्तान एवं लगातार 3 वर्ष तक सर्वश्रेष्ठ बॉस्केटबाल खिलाड़ी होने का गौरव भी प्राप्त है। शिवांगी इंडियन पब्लिक स्कूल कांफ्रेंस आईपीएससी की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एवं 19 वर्ष आयु केटेगरी में राजस्थान से नेशनल लेवल बॉस्केटबाल प्लेयर रही हैं।
दिल्ली टीम का भी किया नेतृत्व:
शिवांगी लेडी श्रीराम कालेज, दिल्ली में अध्ययनरत रहते हुए कॉलेज की बॉस्केटबाल टीम की कप्तान रहीं। दिल्ली विश्वविद्यालय बॉस्केटबाल टीम की भी कप्तान रहीं। उन्हें दिल्ली स्टेट बॉस्केटबाल टीम का कप्तान रहने का भी सौभाग्य मिला।
लेडी श्री राम कॉलेज, दिल्ली की नेशनल स्पोर्टस ओरगेनाईजेशन (एनएसओ) में उपाध्यक्ष भी निर्वाचित हुई थी। दिल्ली से मनोविज्ञान में एम.ए. कर मेलबोर्न (आस्ट्रेलिया) में एम.बी.ए. मार्केटिंग व स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की पढ़ाई करते समय शिवांगी ने वहाँ भी बॉस्केटबाल एवं अन्य खेलों में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की।
खेल से लगाव ने मातृभूमि पहुँचाया:
ऑस्ट्रेलिया से एमबीए करने के बाद शिवांगी वहीं पर आईटी क्षेत्र में कार्य कर रही थीं। इस नौकरी में मिलने वाली अच्छी सेलरी के बावजूद उनका मन खेल जगत तथा अपनी मातृभूमि की ओर दौड़ लगाता रहा। आखिरकार वे अपना यह जॉब छोड़कर वापस जयपुर आ ही गईं।
यहाँ वर्तमान में शिवांगी महिलाओं के लिये फिटनेस सेंटर का संचालन कर रही हैं। उन्होंने सन् 2019 में आयोजित हुई थोर हाफ मेराथन में भी जयपुर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। आईडीबीआई मुंबई हॉफ मेराथन-2019 में भी महिला वर्ग में तृतीय स्थान प्राप्त किया।
वह अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उनका कहना है कि माँ नीता एवं पिताजी विमल किशोर सारडा उनका निरंतर उत्साहवर्द्धन करते रहते हैं। श्री सारडा उद्योगपति एवं समाजसेवी हैं। वे जयपुर इण्डस्ट्रियल एस्टेट एसोसिएशन 22 गोदाम के महासचिव रहे हैं एवं वर्तमान में वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। वे श्री माहेश्वरी समाज, जयपुर के संगठन एवं प्रचार मंत्री भी रहे हैं।