कैसा रहा हमारा वर्ष 2020
वर्ष 2020 वास्तव में समाज ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र व विश्व के लिये भी चुनौतीपूर्ण रहा। आईये डालें विदा लेने वाले इस वर्ष पर एक नजर, आखिर हमने व हमारे समाज ने इस वर्ष में क्या किया समाज, राष्ट्र व मानवता के लिये? क्या हमने अपने कर्त्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन किया? श्री माहेश्वरी टाईम्स ने कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाऊन में भी समाज की खबर समाज तक पहुँचाकर अपने कर्त्तव्य का निर्वहन किया। आईये डाले सेवा यात्रा पर एक नजर।
जनवरी
वर्ष 2020 का प्रारम्भ वास्तव में इस प्रथम माह में हुए शनि के राशि परिवर्तन से हुआ। इसके अंतर्गत शनि ने 24 जनवरी को धनु से मकर राशि में प्रवेश किया। ज्योतिष के अनुसार इस परिवर्तन ने कुछ चुनौतियाँ उत्पन्न कीं। समाज संगठन में देखा जाऐ तो यह माह फिर से वही नेतृत्व लेकर आया। अ.भा. माहेश्वरी महासभा के गत सत्र में सभापति के रूप में समाज का नेतृत्व श्याम सुंदर सोनी ने संभाला था।
इस वर्ष के आरम्भ से प्रारम्भ हो रहे नववर्ष के लिये फिर से सर्वसम्मति का प्रयास किया गया। इसमें असफलता के बाद फिर से निर्वाचन हुए, जिसमें श्याम सुंदर सोनी को ही पुन: नेतृत्व का अवसर प्रदान किया गया। साथ ही उनकी अधिकांश टीम भी पुन: समाज की सेवा में सेवापथ पर उतर आयीं।
श्री माहेश्वरी टाईम्स ने अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व की नवीन टीम से सम्पूर्ण समाज को निष्पक्ष रूप से परिचित करवाया। इसके साथ ही सामाजिक सरोकार के अपने अभियान अंतर्गत स्तम्भ मत-सम्मत द्वारा ‘‘मारवाड़ी बोली’’ के उत्थान के लिये जनजागरण का प्रयास भी किया।
फरवरी
श्री माहेश्वरी टाईम्स का फरवरी अंक ‘‘माहेश्वरी ऑफ द ईयर 2019’’ अवार्ड के साथ लगभग पूर्णत: प्रतिभाओं को ही समर्पित हो गया। इसके अंतर्गत समाज की चार विभूतियों को विभिन्न क्षेत्रों में माहेश्वरी ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इसमें दवाओं के मूल्य नियंत्रित करवाकर, ‘‘मरीजों के मसीहा’’ के रूप में अपनी सेवा दे रहे निजामाबाद निवासी समाजसेवी पुरूषोत्तम सोमानी, जयपुर को अभिनंदन भवन की सौगात दिलाने वाले बजरंग बाहेती, अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से फिल्म जगत में समाज की गरिमा बढ़ाने वाले फिल्म निर्माता राजेश राठी तथा जोधपुर के ख्यात लेखक हरिप्रकाश राठी शामिल हैं।
समाज के चार प्रतिभावान विद्यार्थियों देवेश भैया, चिराग पलोड़, अनमोल राठी तथा दर्श मालानी ने भी प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त कर समाज का मान बढ़ाया। श्री माहेश्वरी टाईम्स ने अ.भा. माहेश्वरी महिला संगठन के कार्यक्रम ‘‘सोहम’’ के सोमनाथ में हुए कार्यक्रम को पाठकों के सम्मुख प्रस्तुत किया।
मार्च
श्री माहेश्वरी टाईम्स का मार्च अंक नव संवत्सर के नवनिर्वाचित को समर्पित रहा। अपने स्वधर्म व संस्कृति के प्रति जनजागरण के अभियान के अंतर्गत इसके द्वारा श्री माहेश्वरी टाईम्स ने भारतीय नववर्ष नव-संवत्सर के महत्व को प्रतिपादित करने का प्रयास किया और इसकी वैज्ञानिकता तथा महत्व से पाठकों को अवगत करवाया।
इसके साथ ही स्नेह के पर्व होली की पौराणिकता से भी परिचित करवाया। गत माह में अ.भा. माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा सर्वसम्मति से अपना नवीन नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी के नेतृत्व में चुना।
अत: इस अंक में संगठन की नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती माहेश्वरी के योगदानों तथा उनके व्यक्तित्व पर आधारित आलेख के प्रकाशन द्वारा समाज को उसके नवीन महिला संगठन नेतृत्व से परिचित करवाया गया।
अप्रैल
श्री माहेश्वरी टाईम्स का यह अंक कोरोना महामारी के लिये प्रारम्भ हुए लॉकडाउन में अथक प्रयत्नों से प्रकाशित हुआ। इसे ‘‘कोविड’’ के कारण ई-मैग्जिन के रूप में ही प्रकाशित किया गया। अपनी परम्परानुसार यह अंक समाज की नारी शक्ति को समर्पित ‘‘महिला विशेषांक’’ था।
इसमें समाज व राष्ट्र को अपना विशिष्ट योगदान दे रही महिलाओं के अंतर्गत साहित्यकार स्वाति मानधना, रामनाम की कलाकार कविता डागा (कोलकाता) 50 वर्ष की उम्र में एम.बी.ए. करने वाली उद्यमी रजनी माहेश्वरी, खेल जगत की बाल प्रतिभा आन्या कालानी, बाग प्रिंट की कलाकार प्रियंका बाहेती, आयरन वुमन शिवांगी सारड़ा, समाजसेवी मधु काबरा, दुर्लभ औषधियों की शोधकर्ता डॉ. शालिनी माहेश्वरी, समाजसेवी विद्या डागा, रूपा चांडक, दीप्ति समदानी व मंजू बांगड़, ज्वेलरी व्यवसायी पीयुषा न्याती, नेतृत्व क्षमता की प्रतिभा डॉ. प्रतिभा झंवर आदि महिलाओं के व्यक्तित्व तथा कृतित्व से समाज को परिचित करवाया गया।
मई
यह अंक भी लॉकडाऊन के साये में ‘‘ई-मैग्जिन’’ के रूप में ही प्रकाशित हुआ। इस अंक में विभिन्न जनजागृति के आलेखों द्वारा कोरोना महामारी व इसकी रोकथाम को लेकर समाज हित में विभिन्न आलेखों का प्रकाशन किया गया। ऐसा ही एक स्तम्भ था, ‘‘कैसे बीत रहा है हमारा लॉकडाऊन’’?
युवा संगठन इस दौरान जररूतमंद परिवारों की आर्थिक सहायता के लिये आगे आया। महिला संगठन ने भी आम जरूरतमंदों के लिये विभिन्न भोजन व खाद्य सामग्री वितरण कार्यक्रम देशभर में प्रारम्भ किये।
समाज के साहित्यकारों की कविता की सुरलहरी ने भी इस दौर में समाज को मनोवैज्ञानिक रूप से सम्बल देने का काम किया। विशिष्ट व्यक्तित्व से परिचित करवाने की श्रृंखला में इस अंक में बाल साहित्य की सृजनकर्ता डॉ. विमला भंडारी के व्यक्तित्व तथा कृतित्व से सभी को परिचित करवाया गया।
जून
यह अंक माहेश्वरी समाज के उत्पत्ति पर्व महेश नवमी को समर्पित महेश नवमी विशेषांक था। आमतौर पर समाज हमेशा ही अपना यह पर्व अत्यंत उत्साह के साथ भव्य रूप में मनाता आया है लेकिन इस बार ‘‘कोविड-19’’ के कारण हुए लॉकडाउन के निर्देशों के परिपालन में सर्वप्रथम बार यह पर्व सामूहिक की बजाय पारिवारिक रूप से घर-घर में मना। अंतर रहा तो यह कि इसमें इस बार ऑनलाईन प्लेटफार्म का उपयोग कर घर-घर में मने इस पर्व को भी समाज ने सामूहिक रूप दे दिया।
समाज संगठन के आह्वान पर सभी ने घर-घर में भगवान महेश का जलाभिषेक किया व दीपक लगाये। संस्था ‘‘माहेश्वरी सेवा संकल्प’’ तथा आदित्य विक्रम बिरला व्यापार सहयोग केंद्र भी इस संकटकाल में मदद के लिये आगे आये।
अ.भा. माहेश्वरी महिला संगठन ने फिर अपनी सेवा से विश्व कीर्तिमान बनाकर समाज को गौरवान्वित किया। यह अंक भी ‘‘ई-मैग्जिन’’ के रूप में ही प्रकाशित हुआ।
जुलाई
लॉकडाऊन में राहत के बाद यह अंक पुन: हार्डकॉपी में प्रकाशित हुआ। यह महेश नवमी के समाचारों को समर्पित तो था, ही साथ ही इसने ‘‘आप लड़े तो हम जीते’’ के उद्बोधन द्वारा समाज के उन कोरोना योद्धाओं के योगदानों को नमन भी किया जिन्होंने इस महामारी के बीच जीवन की परवाह न करते हुए तन-मन-धन से मानवता की सेवा की।
समाज की विभिन्न विभूतियों ने महेश नवमी संदेश के साथ कोरोना से बचाव व चुनौतियों से सम्भलने के संदेश देकर समाज में जनजागृति उत्पन्न की। महासभा के आह्वान पर इस बार महेश नवमी पर्व संकल्प दिवस के रूप में सादगी के साथ विभिन्न सेवा गतिविधियो के आयोजन से मनाया गया।
समाज के विभिन्न संगठनों ने कोरोना के नियमों का पालन करते हुए भी अपनी सेवा गतिविधियों को ऑनलाईन रूप से जारी ही रखने का प्रयास किया।
अगस्त
श्री माहेश्वरी टाईम्स का यह अंक प्रकृति को समर्पित पर्यावरण विशेषांक था। इसमें समाज के ऐसे पर्यावरणविद व समाजसेवियों के कृतित्व तथा विभिन्न सेवा गतिविधियों को समाहित किया गया जो पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकती है। इसके अंतर्गत पर्यावरण के प्रति जुनून की हद तक समर्पित निसर्ग के नायक नवल डागा से परिचित करवाया गया।
श्री डागा का सम्पूर्ण जीवन ही पर्यावरण को समर्पित है। इसी प्रकार उज्जैन में पौधारोपण के लिये ‘‘एक परिवार एक पौधा’’ अभियान चलाने वाले श्याम माहेश्वरी, ग्रीन टी टीम बनाने वाले लातूर निवासी डॉ. पवन लड्ढा, पौधों से घर सजाती निधि लाहोटी, एवरेस्ट आरोही वेंकटेश माहेश्वरी आदि के साथ ही औषधीय पेड़-पौधों की भी ऐसी जानकारी दी गई जो संग्रहणीय हो सकती है।
प्रकृति के प्रति जनजागरण के लिये मत-सम्मत अन्तर्गत पाठकों के विचार जाने कि हमारी पर्यावरण संरक्षण के प्रति कमी क्या है?
सितम्बर
श्री माहेश्वरी टाईम्स का यह अंक समाज की प्रतिभा को समर्पित ‘‘प्रतिभा विशेषांक’’ था, जिसमें विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करने वाली प्रतिभाओं का संक्षिप्त परिचय प्रकाशित किया गया। इसी माह 18 सितम्बर से प्रारम्भ हो रहे पुरूषोत्तम मास के महत्व तथा इस अवधि में किये जाने वाले कर्मकांडों आदि की जानकारी भी समाजहित में दी गई।
सोलह श्राद्ध का भी इसी अवधि में आगमन हुआ। यह वह पर्व है, जिसमें ग्रहण किये गये का कव्य से पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद की वर्षा करते हैं। फिर भी सही ढंग से श्राद्ध कर्म करना एक चुनौती ही है और गलत तरीका अनिष्ट का कारण भी हो जाता है।
अत: इस अंक में इससे सम्बंधित शास्त्र सम्मत श्राद्ध आयोजन की विधि का समावेश किया गया। ‘‘कोविड-१९’’ के कारण ऑन लाईन शिक्षा का एक नवीन दौर प्रारम्भ हुआ। मत-सम्मत अंतर्गत इसकी प्रासंगिकता पर भी चिंतन हुआ।
अक्टूबर
यह अंक समाज को वटवृक्ष की तरह सम्बल दे रहे वरिष्ठजनों को समर्पित था। इसमें ऐसे वरिष्ठजनों के व्यक्तित्व तथा कृतित्व को समाहित किया गया जो अपनी अवस्था की परवाह किये बिना समाज व राष्ट्र को अपना योगदान दे रहे हैं। इसके अंतर्गत आर.आर.कॉबेल के एम.डी. श्री गोपाल काबरा, की औद्योगिक विकास यात्रा की प्रेरणास्पद कहानी प्रस्तुत की गई, तो मानवता की सेवा में समर्पित वरिष्ठ चिकित्सक बागली जिला देवास निवासी डॉ. ब्रजमोहन ईनानी की मानवता से ओतप्रोत गतिविधियों को भी समाहित किया गया।
समाजसेवा के पथ पर अपनी आहुति दे रहे बालोतरा (राजस्थान) निवासी वरिष्ठ पुंगलिया दम्पत्ति जगदीश प्रसाद उषादेवी पुंगलिया, बूंदी निवासी वरिष्ठ समाजसेवी विजेंद्र माहेश्वरी (जाजू), तराना (म.प्र.) निवासी ओमप्रकाश पलोड़, लातूर निवासी सत्यनारायण लड्ढा, कांटाफोड़ (देवास) निवासी शांतादेवी बियाणी, नागपुर निवासी डॉ. विनोद लखोटिया, पाली (राजस्थान) निवासी सूर्यप्रकाश लड्ढा, गुना निवासी रामनिवासी लाहोटी, देवास निवासी डॉ.के.के. धूत व सीकर निवासी सत्येंद्र धूत से समाज को परिचित करवाया।
नवम्बर
यह अंक अपनी परम्परानुसार माता महालक्ष्मी की उपासना के पर्व को समर्पित ‘‘दीपावली विशेषांक’’था। यह अंक अपने साथ कोरोना महामारी पर विजय की आशा का संदेश लेकर भी आया। इसमें दीपावली महापर्व से सम्बंधित समस्त पर्व-त्यौहार तथा उनके आयोजन के शास्त्रोक्त विधि विधान को पाठकों तक पहुँचाया गया, जिससे पाठकगण् सही विधि-विधान से पूजन कर पूर्ण लाभ ले सकें।
इसके द्वारा संयुक्त परिवार व्यवस्था के संरक्षण की श्रृंखला में प्रेरणा के रूप में अकोला निवासी खटोड़ परिवार की सम्पूर्ण जानकारी प्रकाशित की गई। विभिन्न तथ्यपरक विशिष्ट उपयोगी आलेखों के साथ ही स्तम्भ मत-सम्मत अंतर्गत ‘‘गाँव में बेटियों के विवाह से कॅरियर होता प्रभावित, भ्रम है या सच्चाई’’ विषय पर समाजजनों और महिलाओं के विचार जानकर इस समस्या की तह में जाकर इसके समाधान का प्रयास किया गया।
दिसम्बर
यह अंक भी दीपावली पर्व के आयोजनों के समाचारों को समर्पित होने से दीपावली विशेषांक ही था। इस बार कोरोना महामारी के कारण दीपावली मिलन समारोहों का आयोजन पूर्व की तरह सामूहिक रूप से तो नहीं हो सका लेकिन घर-घर में इनके आयोजन जरूर हुए। ऑनलाईन प्लेटफार्म ने इस बार इन्हें एक नवीन स्वरूप दे दिया।
यह अंक विशेष रूप से ‘‘माहेश्वरी ऑफ द ईयर 2020’’ की पृष्ठभूमि लिखने वाला था क्योंकि इसी के द्वारा पाठकों से इस सम्मान हेतु प्रस्ताव आमंत्रित किये गये, जिनके आधार पर चयन समिति अंतिम निर्णय करेगी।
अन्य उपयोगी स्तम्भों के साथ ही मत-सम्मत अंतर्गत ‘‘कितना उचित या अनुचित, समाज संगठनों से जुड़े रहना’’ विषय पर, विचार आमंत्रित कर समाज संगठनों की उपयोगिता पर चिंतन किया गया। इसका उद्देश्य समाज की मुख्य धारा से दूर होते युवा वर्ग को समाज की मुख्य धारा में शामिल करना है।