समाजसेवा के साथ उद्यम की राह- Manisha Laddha
जीवन में यदि उत्साह हो, तो उम्र के हर पड़ाव पर व्यक्ति सफलता की कहानी लिख सकता है। इसी को चरितार्थ कर रही हैं, भोपाल निवासी मनीषा लड्ढा (Manisha Laddha)।
उज्जैन में जन्मी और सुनील लड्ढा के साथ विवाह के पश्चात भोपाल को अपनी कर्मभूमि बना लेने वाली मनीषा लड्ढा वर्तमान में नयी पीढ़ी की महिलाओं के लिये किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उनकी समाज में पहचान एक ऐसी समाजसेवी के रूप में है, जो हमेशा समाज के सेवा को तत्पर रहती हैं। इसके लिये उन्हें रायपुर में श्रेष्ठ सह प्रभारी का अवार्ड भी प्राप्त हुआ। अनाथ बच्चों की आश्रय स्थली ‘‘मातृछाया’’ से भी आप सम्बद्ध हैं।
बेटी के साथ मिल की स्टार्टअप की शुरुआत
श्रीमती लड्ढा ने 2015-16 में अपनी बिटिया के साथ मिलकर एक स्टार्टअप किया जो कि विदेशी नाम से है जॅकर बम। इसमें वे गुड़ एवं ड्राई फ्रूट के लड्डू बनाती है। आपका जॅकर बम ऑनलाइन भी अमेजॉन पर भी उपलब्ध है, गोकी पर भी उपलब्ध है और इसकी एक वेबसाइट भी बनी हुई है। यह अपने विशिष्ट उत्पादों से ग्राहकों में लोकप्रिय हो रहा है।
प्रगति की राह पर परिवार
श्रीमती लड्ढा का जन्म 25 अक्टूबर 1970 को उज्जैन निवासी श्री ओमप्रकाश बियानी के यहाँ हुआ था। एम.ए. तक उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् वर्ष 1991 में भोपाल निवासी श्री कैलाशचंद्र लड्ढा के सुपुत्र सुनील लड्ढा के साथ परिणय बंधन में बंध गईं। उन्होंने समाजसेवा व स्वउद्यम के साथ परिवार को भी इतनी निपुणता से सम्भाला कि पूरा परिवार प्रगति पथ पर आगे बढ़ता ही चला गया।
पुत्र मधुर आईआईटी मुंबई से शिक्षा प्राप्त कर वहीं सेवारत हैं। पुत्री महक ने भी मुंबई आईआईटी से ही शिक्षा ग्रहण की और उनका विवाह कर्नाटक कैडर के आईपीएस सिद्धार्थ गोयल के साथ हुआ है। बेटी महक ने भी ‘‘सोनक’’ नाम से अपना स्टार्टअप प्रारम्भ किया है।