Personality of the month

समाजसेवा के ‘रत्न’ – श्याम भंडारी

व्यावसायिक रूप से इंजीनियर के रूप में अपनी विशिष्ट ख्याति रखने वाले श्याम भंडारी समाज को भी तन-मन-धन से अपना योगदान देने में पीछे नहीं रहे। समाज की कई योजनाओं में उनका विशिष्ट सहयोग समाहित है। इन्हीं योगदानों को लेकर सूरत जिला माहेश्वरी सभा द्वारा श्री भंडारी को संगठन के सर्वोच्च ‘‘महेश रत्न’’ सम्मान से अलंकृत किया गया।

सिविल इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त कर व्यवसाय जगत में अपने विशिष्ट पहचान बनाने वाले सूरत निवासी श्याम भंडारी को जब महेश नवमी महोत्सव के अवसर पर सूरत जिला माहेश्वरी सभा द्वारा समाजसेवा के लिये संगठन के सर्वोच्च महेश रत्न सम्मान से अलंकृत किया गया, तो किसी को भी आश्चर्य नहीं हुआ। कारण है, उनके वे योगदान जो उन्होंने नि:स्वार्थ भाव से समाज संगठन को दिये। श्री भंडारी ने न सिर्फ समाज की परिकल्पना माहेश्वरी स्कूल तथा सेवा सदन के निर्माण में तन-मन-धन से अपना भरपूर सहयोग दिया बल्कि और भी अन्य कई प्रकल्प है, जो उनके सहयोग से अछूते नहीं रहे।


छोटे से गाँव में लिया जन्म

आमतौर पर गाँव शब्द का उल्लेख होते ही हर किसी की कल्पना अत्यंत पिछड़े के रूप में हो जाती है, लेकिन श्री भंडारी ने इस कल्पना को अपनी उपलब्धियों से बदलकर रख दिया। श्री गौरीशंकर भंडारी के यहां राजस्थान के पाली जिले के छोटे से गांव पाटवा में श्याम भंडारी का जन्म पांच भाई व तीन बहनों के भरे पूरे परिवार में हुआ।

बचपन से प्रतिभावान रहे श्री भंडारी की उच्च शिक्षा जोधपुर में हुई। बचपन से ही गणित में मास्टरमाईंड होने की वजह से आपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई एमबीए इंजीनियंरिग कॉलेज जोधपुर से कर बी.ई. (सिविल) (हॉन्स) की डिग्री प्राप्त की। फिर वर्ष 1987 में सूरत को कर्मभूमि बनाई और वर्ष 1992 से स्ट्रक्च्युरल कन्सल्टेंसी की शुरुआत की।


निर्माण जगत को दी विशेष सौगात

आपने अपने दोस्त के साथ मिलकर भारत का पहला भूकंप रोधी सॉफ्टवेयर बनाया जो पूरे भारत में भूकंप रोधी भवन बनाने में उपयोग होता है। इसी साफ्टवेयर के अपग्रेडेशन के लिए वर्ष 1997 से 2000 तक श्री भंडारी पुणे भी रहे। साथ ही ऑटो-डीसीआर प्लान पास करने के लिये ऐसा साफ्टवेयर डेवेलोप किया जिसका भारत की सभी निगम निर्माण अनुमति देने के लिए उपयोग करता हैं।

shyam bhandari 01

वर्ष 2001 में आप वापस सूरत आ गए। वर्तमान में यहीं सॉफ्टवेयर डिवलपर के रूप में उनकी कन्सलटेंसी अपना योगदान दे रही है। आपकी विशिष्ट पहचान वर्तमान में इंडस्ट्रीयल कन्स्ट्रक्शन विशेषज्ञ के रूप में बन चुकी है।


उन्नति पथ पर परिवार

सबसे बड़े भाई श्री गोपाल भंडारी जैतारण माहेश्वरी क्षेत्रीय सभा में उपाध्यक्ष पद पर सेवा दे चुके हैं। बड़े भाई रामपाल भंडारी इचलकरंजी माहेश्वरी भवन में कोषाध्यक्ष एवं सचिव पद की सेवा दे चुके हैं। वर्तमान में वे पॉवरलूम व यार्न मेन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन में अध्यक्ष हैं।

छोटे भाई हरी भंडार जोधपुर में सांस्कृतिक मंत्री के रूप में सेवा दे चुके हैं। सूरत को कर्मभूमि बनाने का रास्ता आपके भाई रमेश भंडारी ने दिखाया था। वर्ष 1986 में आपका विवाह वंदना से हुआ जो वतमान में महिला जिला सभा में कोषाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। आपकी एक पुत्री हैं, डॉ. वर्षा-अनुराग सोढानी जो इंदौर में रेडियोलॉजिस्ट है। आपके जीजाजी रामेश्वरलाल राठी महेश स्कूल इचलकरंजी को चेयरमेन के रूप में सेवा दे चुके हैं।


समाजसेवा में वृहद योगदान

श्री भंडारी वर्ष 2011-12 में नवयुवक मंडल अध्यक्ष व 2013 से 2016 तक सूरत जिला माहेश्वरी समाज के सचिव रहे। आप माहेश्वरी सेवा मंडल में ट्रस्टी भी हैं। लाफिंग क्लब के साथ ‘‘डांग विस्तार’’ में मानव सेवा के लिए किये गए बहुत सारे कार्यक्रम में सहयोग किया।

माहेश्वरी समाज के महत्वपूर्ण परिकल्पना माहेश्वरी स्कूल एवं सेवा सदन के निर्माण में खूब सहयोग किया। संगीत का शौक उन्हें कॉलेज के समय से है। लॉफिंग क्लब के दोस्तों के साथ लगभग सारी दुनिया की सेर वे कर चुके हैं। आप वर्तमान में गुजरात प्रांतीय माहेश्वरी सभा को कार्यसमिति सदस्य के रूप में सेवा दे रहे हैं।

हाल ही में जिला माहेश्वरी सभा सूरत द्वारा वीआईपी रोड, श्याम बाबा मंदिर के समीप 5 हजार वर्ग फीट में संगठन का कार्यालय खरीदा गया है। श्री भंडारी इसके प्रमुख दानदाताओं में से एक है।


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