व्यवसाय किया पर्यावरण को समर्पित- विनोद कुमार लाहोटी
आर्थिक उन्नति तो आवश्यक है, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं। इसी सोच के साथ जियोलाइफ समूह की स्थापना कर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देते हुए उद्योग जगत के शिखर की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, मुंबई निवासी जियोलाइफ ग्रुप के सीएमडी विनोद कुमार लाहोटी । पर्यावरण सरंक्षण के साथ-साथ उनके व्यवसाय का सूत्र है ‘‘ऑर्गेनिक सोचें, ऑर्गेनिक उगाऐं और ऑर्गेनिक खाएं।’’
जियोलाइफ की आज देश के 22 राज्यों में मजबूत उपस्थिति है। अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भी कंपनी तेजी से आगे बढ़ी है। जियोलाइफ को एग्रीकल्चर रेवोल्यूशन में एग्रीकल्चर टुडे ग्रुप द्वारा बायो इनपुट्स 2021 के लिए सर्वश्रेष्ठ कंपनी के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया। जियोलाइफ ने विभिन्न महाद्वीपों की कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है।
उनके योगदान को देखते हुए श्री लाहोटी को 2017 में भारत ज्योति पुरस्कार संयुक्त राज्य अमेरिका में समुदाय में योगदान के लिए सबसे प्रभावशाली ‘‘ग्रामीण विपणन पुरस्कार’’ और मान्यता 2014 और अन्य अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से व्यावसायिक सफलता प्राप्त करने और सामाजिक कल्याण में योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
वर्तमान में श्री लाहोटी जियोलाइफ एग्रीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लीड क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड निदेशक, जियोलाइफ टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, रेविड कृषि रसायन के निदेशक सहित द फ़ार्म पीपल को भी निदेशक के रूप में नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं।
ऐसे हुई जियोलाईफ की शुरुआत
जिओलाइफ ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विनोद कुमार लाहोटी ने अपने कार्यकारी एमबीए को पूरा करते हुए व्यवसाय में कदम रखा और अवशेष मुक्त खेती और जैविक खाद्य प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने का एक रास्ता बनाया। भारत में ही नहीं जिओलाइफ ग्रुप ने श्री लाहोटी के कुशल मार्गदर्शन में विभिन्न देशों में भी अपनी मजबूत छाप छोड़ी है।
निर्णय लेने में जवाबदेह होने, लक्ष्यों को पूरा करने और उच्च गुणवत्ता वाले परिणाम प्राप्त करने के अपने कौशल के साथ-साथ कई कार्यों को प्राथमिकता देने और प्रभावी ढंग से निपटाने की उनकी क्षमता ने उनके व्यापार उद्यम को सबसे तेजी से बढ़ती ‘‘एग्रो नैनो टेक्नोलॉजी कंपनी’’ में बदल दिया।
उनकी अनुभवी टीम हर कदम पर पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों की रेंज लाने का प्रयास करती है और इस तरह आज हरियाली और कल को हरा-भरा बनाने में योगदान देती है। कंपनी की पंच लाइन है ‘‘ऑर्गेनिक सोचें, ऑर्गेनिक उगाऐं और ऑर्गेनिक खाएं।’’
कम्पनी के स्वयं के रिसर्च सेन्टर
श्री लाहोटी अवशेष मुक्त अनाज प्राप्त करने के लिए जैविक आदानों को बढ़ावा देने में दृढ़ विश्वास रखते हैं और इसलिए जैविक साधनों के माध्यम से पैदावार बढ़ाना ही लक्ष्य बनाया। इसे सफल बनाने और सस्ती कीमत पर परिणाम उन्मुख जैविक उत्पाद और समाधान प्रदान करने के लिए उन्होंने उच्च योग्यताधारी वैज्ञानिकों के साथ नैनोटेक्नोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी के लिए इन हाउस रिसर्च सेंटर की स्थापना की है जो उनके विजन को परिणाम देने के लिए उनकी व्यक्तिगत देखरेख में काम करते हैं।
उन्होंने जियोलाइफ रिसर्च फार्म की भी स्थापना की, जहां अनुसंधान केंद्र में इनोवेशन टीम द्वारा विकसित सभी उत्पादों को विभिन्न फसलों पर व्यावसायीकरण करने से पहले कुशलता से जांचने के लिए व्यावहारिक रूप से आजमाया जाता है।
जियोलाइफ रिसर्च फार्म उत्पादों की दक्षता की निगरानी के लिए उनके पास विभिन्न धाराओं के वैज्ञानिकों की टीम भी है। हर एक उत्पाद को फील्ड परीक्षण की श्रृंखला के बाद जीआरएफ टीम द्वारा अनुमोदन दिया जाता है।
समाजसेवा में भी योगदान
श्री लाहोटी ने समाज को वापस देने के साथ-साथ अधिक से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से जियोलाइफ फाउंडेशन नाम से धर्मार्थ ट्रस्ट की शुरुआत की। रक्तदान शिविर में वे कहते हैं, आपको जीवन बचाने के लिए डॉक्टर होने की आवश्यकता नहीं है। स्वर्गीय ओम प्रकाश लाहोटी की प्रेममयी स्मृति में हर साल 300 टीम सदस्यों और 3000 वितरकों के माध्यम से पूरे भारत में रक्तदान अभियान का आयोजन किया जाता है।
जियोलाइफ में फ्रेंडशिप डे को एक नया अर्थ दिया गया है। इसे वे पूरे भारत में और विश्व स्तर पर टीम के सदस्यों, वितरकों, दोस्तों और परिवार के सदस्यों के माध्यम से वृक्षारोपण दिवस के रूप में मनाते हैं।
उनका मानना है, हमारे जाने के बाद भी हमारे दोस्त पेड़ दूसरों के जीवन में ईंधन भरते रहेंगे। जियोलाइफ यूथ क्लब 14-20 वर्ष आयु वर्ग के छात्रों को शिक्षा मार्गदर्शन और इच्छुक छात्रों के लिए करियर परामर्श सत्र और प्लेसमेंट में सहायता करने जैसा कार्य कर रहा है।
अपनों की मदद को सदैव तत्पर
श्री लाहोटी नवोदित व्यावसायिक उद्यमियों के लिए वास्तव में एक प्रेरणा हैं क्योंकि हर कोई न केवल व्यवसाय की बारीकियाँ उनसे सीख सकता है, बल्कि उनसे व्यक्तिगत पेशेवर और सामाजिक जीवन के बीच एक सही संतुलन बनाने का प्रबंधन भी अच्छी तरह से सीखने लायक है।
कंपनी मूल्य आधारित संगठन और लाइफ टाइम संबंध बनाने के उनके दर्शन पर काम करती है। विभिन्न व्यवसायों में खुद को व्यस्त रखने के अलावा श्री लाहोटी सामाजिकता में भी रुचि रखते हैं। वे परिवार, दोस्तों, समुदाय और राजनीतिक रूप से बहुत अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए एक नेता के लिए व्यक्तिगत, सामाजिक और पेशेवर जीवन को संतुलित करना बेहद महत्वपूर्ण है।
सामाजिक सरोकार के अंतर्गत अपनी तमाम व्यस्तता के बावजूद श्री लोहोटी माहेश्वरी विद्या प्रचारक मंडल, अखिल भारतीय माहेश्वरी युवा संगठन, श्री आदित्य विक्रम बिरला स्मारक व्यापार सहयोग केंद्र, बॉम्बे चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, नेशनल सीड एसोसिएशन ऑफ इंडिया, पेस्टिसाइड्स मैन्युफैक्चरर्स एंड फॉर्म्युलेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड, एशियन एक्सपोर्टर्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, भारतीय उर्वरक संघ आदि से भी सम्बद्ध होकर अपना योगदान दे रहे हैं।