पर्यावरण प्रेमी- Krishna Gopal Inani
मन में यदि दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो कोई भी व्यस्तता कभी अच्छे कार्य में बाधक नहीं बन सकती। इसी की मिसाल बने हुए हैं मांडल जिला भीलवाड़ा निवासी कृष्ण गोपाल ईनानी (Krishna Gopal Inani)। उनके प्रयासों ने अब तक कई बड़े-बड़े पेड़ों की सौगात दी है।
मांडल जिला भीलवाड़ा के निवासी कृष्ण गोपाल ईनाणी वैसे तो रिटायर्ड रेलवे स्टेशन इंचार्ज है। रेलवे विभाग में आप 1989 को स्टेशन मास्टर के पद पर नियुक्त हुए थे। रेलवे विभाग की नौकरी में समय पाबंदी, पूर्ण जागरूक व जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करना पड़ता है। इसके साथ आप पर्यावरण के प्रति सजग रहे। आपने पर्यावरण के साथ-साथ सामाजिक दायित्व भी निभाया। मांडल में समाज के आप नगर अध्यक्ष रहे व वर्तमान में मांडल माहेश्वरी समाज के तहसील सचिव पद पर सेवा दे रहे हैं।
कई बड़े पेड़ों की दी सौगात
धुवाला (मांडल) स्टेशन पर आपने 2007 में संगम उद्योग समूह भीलवाड़ा व पर्यावरण विद् बाबूलाल जाजू की प्रेरणा से छायादार करीब 40 पौधे लगाकर पेड़ लगाने का संकल्प लिया। इस कार्य को स्टाफ व ग्रामीणजन की सहायता से पूरा किया। आपने शीशम, चंपा, करंज, जामुन, अशोक, कनेर, पीपल आदि के पौधे लगाए जो आज बड़े-बड़े पेड़ बन चुके हैं। सन् 2018 में आपने एसडीएम मांडल के कर कमल से मांडल स्टेशन पर गुड़हल, पीपल, बरगद, बकान, अशोक व अन्य प्रजाति के करीब 15 पौधे लगाकर पेड़ बनाने का संकल्प पूरा किया।
अन्य को भी किया प्रेरित

पेड़ लगाना पुण्य कार्य है व पेड़ पृथ्वी का आभूषण है। इस बात को ध्यान में रखकर आपने मावली जिला उदयपुर स्टेशन पर स्टाफ व ग्रामीणजन की सहायता से 40 पौधे चंपा, नीम, शीशम, गुड़हल, पाम, अशोका इत्यादि के लगाएं। अब परिवारजन की सहायता से करीब 80 गमले के पौधे घर में लगाकर रखे हैं जिसमें 27 तरह के पुष्प एवं फलदार पौधे लगा रखे हैं।
अपराजिता, हरसिंगार, पांच तरह के बिच्छू, बेल, नींबू, सदाबहार, मोरपंखी, लिली गुडहल, मीठा नीम, मोगरा, पत्थरचट्टा, बिल पत्र, तीन तरह के मनी प्लांट अजवाइन, तीन तरह की तुलसी, स्नेक प्लांट, गोल्डन प्लांट, एरिका पाम, स्पाइडर प्लांट, एलोवेरा इत्यादि शामिल है। आप निर्मल छाया भारत विकास परिषद के सक्रिय सदस्य है।
सभी लें एक पेड़ लगाने का संकल्प
आपकी सभी से करबद्ध अपील है प्रत्येक मनुष्य को हर साल एक पौधा लगाकर उसे पेड़ बनाने का संकल्प लेना चाहिए। पौधा खेत, घर के बाहर, कालोनी कही भी लगावे। आप अपने मित्रों व विद्यालयों में भी यह अपील करते हैं कि परमात्मा को प्रसाद भले ही नहीं चढ़ावे परंतु एक पौधा जरूर लगावे।
आप शादी विवाह में प्लास्टिक बोतल, प्लास्टिक गिलास के कम से कम उपयोग करने की भी समय-समय पर अपील करते हैं व कोशिश करते हैं कि प्लास्टिक के प्रति ‘4-आर’ का नियम लागू हो, रिफ्यूज रिड्यूस रिसाइकल और रियूज। अंत में यह कि पर्यावरण की रक्षा हो व हरियाली ज्यादा से ज्यादा हो क्योंकि हरियाली से सुकून मिलता है।