अरुणिमा 2022 ने दिखाया उन्नति का आकाश
इंदौर। पश्चिमी मप्र प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन 28 व 29 मार्च को देवास जिला माहेश्वरी महिला संगठन के आतिथ्य में सोनकच्छ स्थित जैन तीर्थ पुष्पगिरी की पावन धरा पर द्विदिवसीय अधिवेशन ‘‘अरूणिमा 2022’’ का आयोजन किया गया। इस आयोजन के माध्यम से संगठन ने प्रदेश की प्रतिभाओं व हुनर को मंच प्रदान कर उन्नति का खुला आकाश दिखाया। इसमें सोनकच्छ माहेश्वरी महिला संगठन का विशेष सहयोग रहा।
प्रदेश अध्यक्ष वीणा सोमानी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रथम दिवस 28 मार्च को हुआ। इस आयोजन में मंत्री उषा सोडानी के साथ ही संयोजक शोभा माहेश्वरी व नम्रता बियाणी तथा आंचलिक संयोजक के रूप में पुष्पा मोलासरिया, हेमा झंवर, वंदना मालानी, सुरेखा झंवर तथा राजकुमारी सोमानी का विशेष योगदान रहा।
स्वागत अध्यक्ष राजकुमारी ईनानी तथा स्वागत मंत्री अर्चना सोमानी रहीं। देवास जिला सभा की ओर से संयोजक के रूप में जयश्री सिंगी तथा साधना छापरवाल का विशेष योगदान रहा। सोनकच्छ माहेश्वरी महिला संगठन ने अध्यक्ष अनिता मूंदड़ा तथा मनीषा राठी के नेतृत्व में समर्पित भाव से सहयोग प्रदान किया।
भव्य रूप में हुआ शुभारम्भ
अधिवेशन का शुभारम्भ प्रथम दिवस 28 मार्च को दोपहर 3 बजे हुआ। उद्घाटनकर्ता के रूप में अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्ष आशा माहेश्वरी, मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ममता मोदानी व विशेष अतिथि के रूप में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगल मर्दा, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव उषा करवा तथा इंदौर माहेश्वरी महिला संगठन की सचिव उर्मिला झंवर उपस्थित थीं।
पश्चिमी म.प्र. माहेश्वरी महिला संगठन की अध्यक्ष वीणा सोमानी, संयोजक शोभा माहेश्वरी, नम्रता बियाणी, सचिव उषा सोडानी, देवास जिला माहेश्वरी संगठन की अध्यक्षा साधना बियाणी आदि भी मंचासीन थीं। इसी दिन प्रात:10 बजे स्व. श्रीमती सरस्वतीदेवी सारडा की स्मृति में स्वास्थ्य शिविर का शुभारम्भ हुआ।
स्वागत उद्बोधन देते हुए जिला अध्यक्ष वीणा सोमानी ने कहा कि कोविड काल में अनेक कार्यक्रम ऑनलाईन आयोजित किये। अब जब कोविड के नियंत्रण के बाद आशा का सूरज निकल रहा है तो ‘‘अरूणिमा’’ का प्रत्यक्ष आयोजन कर पाये।
स्वागत अध्यक्ष राजकुमारी ईनानी ने देवास जिले की विशिष्ट प्रतिभाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि जैन न होते हुए भी श्रीमती नारायणी देवी ईनानी ने इस पुष्पगिरी धाम की नींव रखी थीं। स्वागत सचिव अर्चना सोमानी ने दोनो दिन के कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।
सभी ने किया नारी शक्ति को प्रेरित
इस अवसर पर अरूणिमा पत्र का विमोचन अतिथियों ने संपादक ललिता मालपानी एवं सह सम्पादक के साथ किया गया। अपने सम्बोधन में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा सुशीला काबरा ने कहा कि जब तक सफलता न मिले चलते रहो। हमारे संकल्प शुभ हों तो सफलता ज़रूर मिलती है। बाधाएँ तो पार्ट ऑफ लाइफ़ हैं, उन्हें सफलता पूर्वक पार करना ही आर्ट ऑफ लाइफ़ है। इसी कारण अरुणिमा अधिवेशन सफल हुआ है।
गीता मूँदड़ा ने हरिवंश राय बच्चन की कविता के माध्यम से सब को मोटिवेट करते हुए कहा कि हर हाल में ख़ुश रहना सीखें। मंगल मर्दा ने कहा कि परिवार को प्राथमिकता देते हुए संगठन से जोड़ना बहुत बड़ी बात है। संगठन हित में प्रदेश को राष्ट्र के आदेश मानना हमारा कर्त्तव्य है।
उन्होंने 11 से 16 अप्रैल तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सप्ताह मनाने की पूरी जानकारी दी। इसके अंतर्गत 82 जाँचे मात्र 700 रुपये में की जाएंगी। उर्मिला झँवर ने कहा कि बच्चों को उनकी लाइफ़ उनके हिसाब से जीने देनी चाहिए। उन्हें निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करने दें और कैरियर में उनकी मदद करें। निर्णय उन्हें स्वयं लेने दें व बच्चों के दोस्त बनें। ममता मोदानी ने सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और सफल होने के गुर बताए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी ने कहा कि टॉप टू बॉटम महिलाओं को सम्मिलित करना मेरा हमेशा ध्येय रहा है। संगठन के सही संचालन के लिये विधान व प्रोटोकॉल की जानकारी होना अत्यंत ज़रूरी है। कर्मसारथी प्रतियोगिता की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह परिवार व्यवस्था का बहुत अच्छा उदाहरण है।
किसी बड़े ने कहा है कि समाज को आगे बढ़ाना है तो टाँग की जगह हाथ खींचें। समाज की छोटी से छोटी गाँव की महिलाओं को भी संगठन से जो़ड़े। फ़ैमिली आईडी बनवाऐं। सम्पर्क एप से जुड़े। उन्होंने 9 से 11 अक्टूबर तक कोटा में होने वाले अधिवेशन के लिए सभी को आमंत्रित किया।
रंगारंग कार्यक्रमों के साथ प्रतिभा सम्मान
28 मार्च को कार्यक्रम के उदघाटन के उपरांत मांडना, गीता उपदेश पर स्लोगन तथा कौन बनेगी मणिकर्णिका प्रतियोगितायें सम्पन्न हुई। इनका उद्देश्य संस्कार, संस्कृति, धर्म के समावेश से व्यक्तित्व को निखारना था। सांस्कृतिक संध्या के साथ, कामेडी शो और जीवन की पाँच अवस्थाओं के पंचामृत का रसास्वादन भी हुआ।
प्रदेश की पाँच विलक्षण प्रतिभाएं जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष उपलब्धि अर्जित कर प्रदेश का नाम रोशन किया उनको भी सम्मानित किया गया। इनमें शामिल कृष्णादेवी सिंगी कांटाफोड़ ने कृषि जैसे श्रमसाध्य क्षेत्र में भी अपना परचम लहराया। अधिकांश कृषि क्षेत्र पुरूष प्रधान ही रहा है।
परंतु श्रीमती सिंगी कृषिक्षेत्र में भी अपना परचम लहरा कर धरतीभूषण से सम्मानित हुई हैं। इसी कड़ी में श्रीमती रेखाजी लड्ढा ने 3000 से अधिक वैवाहिक रिश्ते बनाकर गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में स्थान बनाया। सीता सारडा ने योग में, ऋचा हेड़ा ने कराटे तथा ऋचा बियाणी ने ग्रामीण क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर प्रदेश का नाम रोशन किया है।
भव्य शोभायात्रा से नारी शक्ति प्रदर्शन
अगले व अधिवेशन के अंतिम दिवस 29 मार्च को कार्यक्रम की शुरुआत भव्य ‘‘सुप्रभातम शोभायात्रा’’ से प्रात: 8 बजे हुई। इसमें अनुशासित व गरिमामय ढंग से अंचलवार ड्रेसकोड में निकली शोभायात्रा ने क्षेत्र में माहेश्वरी संस्कृति की गौरव पताका फहरा दी।
प्रात: 10:30 बजे उषा करवा व विद्या सोडानी के आतिथ्य में विभिन्न जिलों की विशेषताओं पर केंद्रीत उनके बेनर का प्रजेंटेशन भी हुआ। प्रात: 11:50 पर अरूणा बाहेती तथा प्रेमलता मानधन्या के आतिथ्य में अंताक्षरी का आयोजन हुआ। इसी दिन दोपहर 01:30 पर ममता मोदानी, प्रकाश बाहेती, सुनीता सूरजन तथा गीत मूंदड़ा के आतिथ्य में सम्मान समारोह एवं पारितोषिक वितरण के साथ अधिवेशन का समापन हुआ।
प्रतियोगिता में दिखीं प्रतिभा
मांडना- सुलेखा मालपानी व रजनी तोषनीवाल के संयोजन में आयोजित इस प्रतियोगिता में गेरूआ रंग की शीट पर सफेद रंग से मांडना बनाया गया।
स्लोगन (गीता संदेश)- मंगला सिंगी तथा हेमा बियाणी के संयोजन में आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रतियोगियों ने स्लोगन से गीता के संदेश दिये।
कौन बनेगी मणिकर्णिका- किरण लखोटिया तथा पंकज सोनी के संयोजन में आयोजित इस प्रतियोगिता में महिलाओं को अपनी छुपी हुई प्रतिभा का प्रदर्शन करना था। कार्यक्रम की अतिथि ललिता मालपानी एवं मनीषा मूंदड़ा थीं। इसमें मार्शल आर्ट्स के साथ ही हिडन टेलेंट के रूप में कविता लेखन की प्रतिभा रखने वाली अर्पिता काकानी को मोस्ट इंस्पायरिंग अवार्ड, कथक नृत्य के साथ योग का हिडन टेलेन्ट रखने वाली अर्पिता राठी नागदा को मोस्ट टेलेंटेड तथा प्रतियोगिता का शीर्ष ‘‘मणिकर्णिका का सम्मान’’ ख्यात लेखिका के साथ एंकरिंग टेलेंट रखने वाली नम्रता कचोलिया को प्रदान किया गया।
नुक्कड़ नाटक- ऋचा बियाणी तथा ऋतु सोडानी के संयोजन में आयोजित इस प्रतियोगिता में सभी अंचलों को किसी एक सामाजिक विषय पर नाटिका प्रस्तुत करनी थीं। इसमें नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता के माध्यम से समाज में फैली क़ुरितियो और उनके समाधान का विवेचन किया गया। प्रतिभागी अहिल्या, मालवा, भोज व मालवांचल रहे। विजेता मालवांचल रहा। अतिथि गीता मूँदड़ा एवं निर्मला बाहेती थी।
प्रदेश कर्म सारथी- स्मिता बियाणी तथा फाल्गुनी बियाणी के संयोजन में आयोजित यह प्रतियोगिता व्यक्तित्व विकास व कार्यकर्ता प्रशिक्षण समिति अंतर्गत जिला/तहसील/स्थानीय पदाकारियों के लिये थी। ये प्रतियोगिता ज़िला पदाधिकारियों में संगठन के प्रति रुचि एवं उसकी जानकारी पर आधरित थी जिसका प्रथम चक्र 19 मार्च को ज़ूम सभागार में सम्पन्न हुआ। चयनित प्रतिभागियों के दो राउंड 28 मार्च को प्रत्यक्ष रूप से पूर्ण हुए। इस कार्यक्रम की अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष आशा माहेश्वरी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगल मर्दा थीं।
कॉमेडी शो- आरती सोडानी तथा अर्चना भूतड़ा के संयोजन में आयोजित इस शो ‘‘हास्य के रंग-आपके संग’’ में प्रत्येक जिले से 1 प्रस्तुति दी गई।
जीवन के पंचामृत (नृत्य नाटिका)- कुसुम लाहोटी व माधुरी सोमानी के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक संध्या अंतर्गत सभी ने 15 मिनिट में अपनी प्रस्तुति दी।
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