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सफल जीवन के पांच सूत्र

हर कोई चाहता है कि उसकी संतान सफलता के शिखर को छुए। यह सोच तो होनी ही चाहिये लेकिन इसके साथ ही जरूरी है, सफल जीवन के आधार सेहत, समय, शिक्षा तथा रिश्तों के महत्व को समझना तथा समझाना। इसकी शुरूआत बच्चों की प्रारंभिक आयु से ही होना चाहिये। आइये जानें कैसे बनाऐं इन्हें अपनी दिनचर्या का अंग बच्चो को सम्बोधित त्रिभुवन काबरा की जुबानी।

सेहत

नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम, संतुलित व पौष्टिक आहार तथा योग्य मात्रा में नींद लेना यह तीनों आदतें अपनी सेहत को अच्छा बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से शरीर निरोगी और फुर्तीला रहता हैं। उम्र के अनुसार योग्य मात्रा मे नींद लेने से मस्तिष्क का विकास अच्छी तरह से होता हैं और साथ ही शरीर में ऊर्जा का निर्माण भी होता है।

उम्र के अनुसार आप को कम से कम 7:30 घंटो की नींद लेनी चाहिए। आप लोगो कों रात मे ज्यादा से ज्यादा 11 बजे सो जाना चाहिए और सुबह मे 6:30 को उठ जाना चाहिए। मोबाइल और सोशल मीडिया का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए, जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपकी आँखों और मस्तिष्क पर विपरीत असर करेगा।


समय

समय की अपनी एक गति होती है, ताकत होती है। कुछ कार्य करने का अपना एक योग्य समय होता है। समय के विपरीत जाकर कोई कार्य किया जाता है तो उसके विपरीत परिणाम भी हो सकते हैं। जैसे की पढ़ाई करने की आयु मे यदि कोई दूसरा कार्य (पार्ट टाइम जॉब करना) किया जाए तो दोनों और संतुलन बनाकर रखना मुश्किल हो जाता है।

यदि आपका परिवार आपकी पढ़ाई का खर्च उठाने मे सक्षम है तो पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब करने का विचार नहीं करना चाहिए, जिससे कि हम अपने पढ़ाई करने के समय मे पूरी तरह से अपना ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।


शिक्षा

जीवन मे सफल और अच्छा इन्सान बनने के लिए पढ़ाई का अपना एक महत्व है। कारण यह है कि कोई न कोई प्रतिभा तो हर किसी में होती है, बस सफल और असफल व्यक्ति में अंतर होता है, तो यह कि सफल व्यक्ति आपकी प्रतिभा को शिक्षा द्वारा तराश लेता है और असफल व्यक्ति इसे तराश नहीं पाता। इसलिए पूरी लगन और सच्चाई के साथ हमें पढ़ाई करना चाहिए। पढ़ने से इन्सान के ज्ञान और आत्मविश्वास में वृद्धि होती हैं।


रिश्ते

मानव जीवन मे रिश्ते कई प्रकार के होते हैं जैसे की खून के रिश्ते, प्यार के रिश्ते और दोस्ती के रिश्ते। हर रिश्ते का अपना एक महत्व होता है, साथ ही हर रिश्ते की अपनी एक जगह भी होती हैं। रिश्ते हर सुख-दु:ख में सहभागी बन आत्मबल की वृद्धि करते हैं, वहीं हमारी सफलता की यात्रा में भी यथा सम्भव सम्बल प्रदान करते हैं।

अत: रिश्ते वह धन हैं, जो कभी समाप्त नहीं हो सकता। सभी रिश्ते प्यार, अपनेपन, सम्मान से बंधे होते हैं इसलिए हमें रिश्तों के महत्व को समझ कर उसे पूरी तरह से निभाना चाहिए।


श्रद्धा एवं आत्मविश्वास

व्यक्ति में सदैव श्रद्धाभाव होना चाहिए। श्रद्धाभाव मन को शांत तथा एकाग्र रखने में सहायता करता हैं। आत्मविश्वास व्यक्ति को जीवन पथ पर अग्रसर रहने में सहायता प्रदान करता हैं। जीवन में कभी भी विपरीत परिस्थिति का सामना करना पड़े उस समय मन में श्रद्धा और आत्मविश्वास हो तो व्यक्ति शांत मन से सुयोग्य मार्ग ढूंढ ही लेता है।


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