Mulahiza Farmaiye
मुलाहिजा फरमाइये – मार्च 2021
पढ़िए ‘मुलाहिजा फरमाइये मार्च 2021 :
दोस्त हमउम्र ना भी हो तो कोई बात नहीं,
हमख्याल जरूर होना चाहिए।ज़िंदा रहना है तो हालत से डरना कैसा,
जंग लाज़िम हो तो लश्कर नहीं देखे जाते!ये ना समझना कि खुशियों के ही तलबगार हैं हम
तुम अगर अश्क भी बेचो तो, उसके भी खरीददार हैं हमवक्त गुजारने के लिये दोस्त नहीं रखे जाते साहब।
दोस्ती निभाने के लिये वक्त रखा जाता है।तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है
कोई ख्वाब नया आये तो कैसे आए।ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में
वफादार तो हमेशा तन्हां ही मिलते हैंवो जो उतरा है नज़रों से इस बार
हमने उसके नज़रें भी उतारी थी कभी !