Mulahiza Farmaiye
मुलाहिजा फरमाइये – फरवरी 2021
पढ़िए ‘मुलाहिजा फरमाइये फरवरी 2021 :
दोस्त हमउम्र ना भी हो तो कोई बात नहीं,
हमखयाल ज़रूर होना चाहिए।
ज़िंदा रहना है तो हालात से डरना कैसा,
जंग लाज़िम हो तो लश्कर नहीं देखे जाते !!
ये हुनर जो आ जाये, आपका ज़माना है..!
पाँव किसके छूने हैं, सर कहाँ झुकाना है।
ये ना समझना कि खुशियों के ही तलबगार हैं हम,
तुम अगर अश्क भी बेचो तो, उसके भी खरीददार हैं हम !!
बेरंग जिंदगी में रंग भर जाते हैं,
जब कुछ फरिश्तें दोस्त बन कर आते है !
वक्त के हालातो ने हर शख्स को चुप रखा है
जैसे हर शख्स केवल जिंदगी का इम्तिहान ही दे रहा हो।
लोग तलाशते है कि कोई फिकरमंद हो,
वरना कौन ठीक होता है यूँ हाल पूछने से..!
-ज्योत्स्ना कोठारी