
पढ़िए नवंबर – 2020 का मुलाहिजा फरमाइये हमारे इस स्तम्भ में
बेरंग जिंदगी में रंग भर जाते है !
फ़रिश्ते जब दोस्त बनकर आते है !
किसी को क्या हासिल होगा , मुझे याद करने से,
मैं तो एक आम इंसान हूँ, और यहाँ तो हर किसी को,
खास की तलाश है…!
वक़्त से लड़कर जो खुद निखार ले,
इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल ले।
कल क्या होगा कभी मत सोचो,
क्या पता कल वक़्त खुद अपनी तस्वीर बदल ले।
माना की वक़्त, सत्ता रहा हैं
मगर कैसे जीना हैं, वो भी तो बता रहा हैं।
लफ्ज करेंगे इशारा जाने का
तुम आँखे पढ़ना और रुक जाना…
क्या तुझे वो सब सुनाई देता हैं,
जो हम तेरी तस्वीर से बातें कहा करते हैं।