Mulahiza Farmaiye

जिंदगी

जीने का सबक सिखा रही है जिंदगी
हमें हमारी हदें बता रही है जिंदगी।

सारी उम्र वक्त का रोना रोते रहे
आज आईना दिखा रही है जिंदगी।

अदब से सज़दा करें इस वीराने का
मौत से लड़ना सिखा रही है जिंदगी,

एक बोतल शराब के लिए,
कतार मे जिंदगी लेकर खडा हो गया,
मौत का डर तो वहम था ‘साहिब’,
आज नशा जिंदगी से बडा हो गया

कितने चेहरों से उतर गए आज मुफलिसी के नकाब..
कल जो चीख रहे थे रोटी को आज खरीद रहे हैं शराब..

किसी को बांध के रखना फितरत नहीं हैं मेरी…
मैं प्रेम का धागा हूँ मजबूरी की जंजीर नहीं…

सब आ जाते हैं यूँ ही मेरी खैरियत पूछने,
अगर तुम आ जाओ तो यह नौबत ही न आए !

उसकी याद आयी है सासो ज़रा थम के चलो
बड़ी आरजू है एक बात की एक मुलाकात की..


ज्योत्सना कोठारी

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Sri Maheshwari Times

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