Mulahiza Farmaiye
मुलाहिजा फरमाइये- सितम्बर 2020
पढ़िए सितम्बर 2020 का मुलाहिजा फरमाइये हमारे इस स्तम्भ में
आसान नहीं है उस शख्स को समझ पाना जो जानता सबकुछ हो मगर तुम्हारी ख़ुशी के लिए अनजान बने। मिल जाएंगे हमारी भी तारीफ़ करने वाले कोई हमारी मौत की खबर जरा फैलाकर तो देखे। दिल को छू जाते हैं अक्सर खामोश चेहरे हस्ते हुए चेहरे में फरेब नज़र आता है। शौक से निकालिये कमी मेरे किरदार में, आप नहीं होंगे तो मुझे तराशेगा कौन। दिल साफ़ करके मुलाक़ात की आदत डालो, धूल हटती है तो आईने भी चमक जाते हैं। यूँ तो कुछ अंदाज़ औरों से हटके हैं मेरे भी यूँ ही तो नहीं रकीबों की मात होती है।। शख्सियत मोहताज नहीं हवा के रुख की ये तो इत्र के मानिंद.... खुद ही महकती रहती है।