समाजसेवा की प्रतिमूर्ति- रामकुमार भूतड़ा
समाजसेवी ही नहीं बल्कि राजनीतिक क्षेत्र के लिये भी नागौर निवासी रामकुमार भूतड़ा एक ऐसा नाम है, जो अपने आप में मानवता की सेवा का पर्याय बनकर अत्यंत सम्मानीय हो चुका है। राजनीति को भी समाजसेवा बना देने वाले भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री भूतड़ा आगामी श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर अपना 72वाँ जन्मदिवस मनाएंगे।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस जन्माष्टमी पर सन् 1949 में राजस्थान के एक छोटे से गाँव डोडीयाना, तहसील डेगाना, जिला नागौर में स्व. श्री शिवदयाल भूतड़ा के यहाँ एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे रामकुमारजी का बाल जीवन भी भगवान श्रीकृष्ण की तरह ही रहा। उन्हें भी अपने गाँव से बेहद लगाव रहा। अपने गाँव की सुविधाविहीनता व पिछड़ापन उन्हें बहुत कष्ट देता था।
स्वयं की पढ़ाई भी उन्हें पारिक संस्कृत विद्यालय मेडता सिटी तथा कक्षा 9 से 10 तक की सांइनाथ विद्या मंदिर बडायली से पूर्ण करनी पड़ी। इसके बाद कक्षा 12वीं की परीक्षा उन्होंने पत्राचार से पढ़ाई कर उत्तीर्ण की।
उनका सपना था कि उनका गाँव सुविधाओं में सबसे आगे रहे। बस इस सपने ने ही उन्हें राजनीति में भी सक्रिय कर दिया। शुरूआत से रही जनसंघ की विचारधारा ने उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर प्रेरित कर दिया।
मात्र 18 वर्ष की आयु में शासकीय अध्यापक पद पर नौकरी लग गई, लेकिन उनके सिद्धांतों से नौकरी टकरा गई। विभाग के हाईकमान ने उन पर आरएसएस को छोड़ने के लिये दबाव बनाया। उन्हें आरएसएस से दूर हटना किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं था। बस सिद्धांतों के इस टकराव में उन्होंने सन् 1967 में नौकरी को ही तिलांजलि दे दी।
तन-मन-धन से मानवता को समर्पित
नागौर निवासी रामकुमार भूतड़ा विशेषताओं की ऐसी त्रिवेणी है, जिन्होंने तीनों ही क्षेत्रों में जो किया ऐसा अनोखा ही किया, जिससे दूसरों के लिये मिसाल बन गये। व्यवसाय जगत में श्री भूतड़ा की पहचान एक सफल ग्रेनाईट स्टोन व्यवसायी के रूप में है। इसे उन्होंने शून्य से शुरूआत कर शिखर की ऊँचाई के रूप में प्राप्त किया।
उनकी दूसरी पहचान एक ऐसे नि:स्वार्थ समर्पित समाजसेवी के रूप में है, जिन्होंने जहाँ आवश्यकता पड़ी तन मन धन से समर्पित भाव से अपना योगदान दिया। श्री भूतड़ा सेवा संस्था अ.भा. माहेश्वरी सेवा सदन के दो सत्रों तक सतत अध्यक्ष रहे एवं अपने इस कार्यकाल में उन्होंने संस्था का ऐसा चहूँमुखी विकास किया जो इतिहास बन गया। अ.भा. माहेश्वरी महासभा को भी महामंत्री के रूप में श्री भूतड़ा सफलतापूर्वक अपनी सेवा दे चुके हैं और भी ऐसी कई संस्थाऐं हैं जिनसे वे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सम्बद्ध रहे हैं।
श्री भूतड़ा की तीसरी पहचान एक नि:स्वार्थ राजनेता के रूप में है। श्री भूतड़ा अपनी युवावस्था से ही राजनीति से सम्बद्ध रहे हैं और वर्तमान में भाजपा राजस्थान प्रदेश कोषाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं।
कई संस्थाओं के द्वारा चली सेवा यात्रा
श्री रामकुमार भूतड़ा अपनी व्यावसायिक व्यस्तता के बावजूद समाज संगठन से कभी दूर नहीं रहे। समाज संगठन के अंतर्गत श्री भूतड़ा ने वर्ष 1990-96 तक नागौर जिला माहेश्वरी सभाध्यक्ष, वर्ष 1990-98 तक राजस्थान प्रादेशिक सभा के कार्यसमिति सदस्य व वर्ष 1998-2001 तक इसी प्रादेशिक संगठन में संयुक्त मंत्री जैसे पदों पर भी सेवा दी।
अ.भा. माहेश्वरी सेवा सदन से वर्ष 1980 से कार्यसमिति सदस्य के रूप में सम्बद्ध हुए और वर्ष 1984 में इसमें संयुक्त मंत्री एवं वर्ष 1999 से 2003 तक उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 2003 से 2012 तक सतत दो सत्रों तक संस्था अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। समग्र वैश्य समाज के सर्वोच्च संगठन अ.भा. वैश्य महासम्मेलन में आप राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं नागौर जिला वैश्य सम्मेलन अध्यक्ष पद के उत्तरदायित्वों आदि का निर्वहन भी करते रहे हैं।
आप महेश सेवानिधि राजस्थान के कार्यकारिणी एवं आदित्य विक्रम बिड़ला मेमोरियल ट्रस्ट चैन्नई के संस्थापक सदस्य भी हैं। माहेश्वरी छात्रावास कोटा, बांगड़ माहेश्वरी मेडिकल वेलफेयर सोसायटी ब्यावर एवं गोल बालाजी मंदिर के आप ट्रस्टी भी हैं।
निसंदेह आपने अपने जीवन में जिस किसी क्षेत्र में या पद पर कार्य किया है, अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए उस के साथ पूर्ण न्याय करते हुए अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी है, जिसे वर्षों तक याद किया जायेगा।