7 दिन की 7 औषधियाँ
वर्तमान दौर में अनियमित दिनचर्या व प्रदूषित वातावरण ने स्वास्थ्य के सामने कई चुनौतियाँ उत्पन्न कर दी हैं। कई ऐसी-ऐसी बीमारियाँ तैयार हो बस हमारी लापरवाही का इंतजार कर रही है। ऐसे में भी हम रह सकते हैं, सदा स्वस्थ्य तंदुरुस्त बस 7 दिन की 7 औषधियों का सेवन करके। आइये जानें क्या करें हम।
वर्तमान दौर में न सिर्फ वातावरण प्रदूषित हुआ है, बल्कि व्यावसायिक व्यस्तता के कारण हमारी सम्पूर्ण दिनचर्या भी अनियमित हो गई है। इन सभी का मिलजुला रूप हमारे सामने विभिन्न बीमारियों के रूप में आता है। वैसे तो इनसे पूर्ण बचाव के लिये नियमित दिनचर्या व स्वच्छ वातावरण जरूरी है, लेकिन वर्तमान दौर में इनकी पूर्ण आदर्श स्थिति संभव नहीं।
रोज 10 मिनिट अपने आपको दें
वर्तमान की चुनौती पूर्ण जीवन शैली में हम यदि स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो हम कम से कम 10 मिनिट अपने आपको दें। इसके लिये पूरे सप्ताह की योजना बनाऐं। आयुर्वेद ने 7 ऐसी जड़ी-बुटी बताई हैं, जिनका क्रम से 7 दिनों तक यदि सेवन किया जाऐ तो हम हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं। इसके लिये इन औषधियों को प्रतिदिन गुनगुने पानी से लें। यह औषधि हमें केवल एक बार ही लेना है।
किस दिन लें हम क्या?
पहला दिन-सोमवार – हल्दी – यह त्वचा लीवर, रक्त से जुड़ी समस्याओं और शरीर में ट्यूमर बनने से रोकती है। करक्यूमिन नामक एल्कलाइट हल्दी का सबसे प्रभावी औषधीय तत्व है जो अस्थमा, साइनोसाइटिस और खाांसी से बचाव करती है।
दूसरा दिन-मंगलवार – पुनर्नवा – यह किडनी और लीवर के रोगों से बचाने में बेजोड़ दवा है। यह पथरी को निकालने में बहुत मददगार है।
तीसरा दिन-बुधवार – तुलसी – यह एक उपयोगी एंटी ऑक्सीडेंट है। इसलिए बुढ़ापे को धीमा करती है। यह ब्लड के पीएच को एसिडिक नहीं होने देती जिससे ब्लाकेज नहीं बनते और हृदय स्वस्थ बना रहता है।
चौथा दिन-गुरुवार – दालचीनी – इसके नियमित सेवन से जोड़ों के दर्द को फायदा मिलता है, यह मेटाबालिनम को बढ़ाती है। इसलिए वजनी लोगों इसका प्रयोग जरुर करना चाहिए।
पांचवा दिन-शुक्रवार – अश्वगंधा – यह थायराइड की समस्या से बचाती है। इसके एंटीस्ट्रेस तत्व तनावमुक्त करने में मदद करते हैं। अश्वगंधा महिलाओं में हॉर्मोन्स के स्याव को नियमित करती है। महावारी की समस्याओं में उपयोगी है।
छठा दिन-शनिवार – ब्रह्मी – इसके सेवन से दिमाग में सेरोटोनियम का स्तर बढ़ता है जिससे शांति मिलती है। यह यादगार बढ़ने में भी मददगार होती है। हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है।
सातवां दिन-रविवार- गुडूची – इसे गिलोय भी कहते हैं। यह शरीर के भीतर सफाई करके लीवर और किडनी के कार्य को सुचारु बनाती है। डेंंगू से बचाव में भी बहुत कारगर है।
प्रो. के.डी. सोमानी, उज्जैन