कला-साहित्य का संगम- Madhu Bhutda ‘Akshara’
आमतौर पर कला व साहित्य क्षेत्र दोनों लगते एक जैसे हैं, लेकिन इनका आमतौर पर नदी के दो किनारों की तरह संगम नहीं होता। इस स्थिति में भी अपवाद हैं, जयपुर निवासी मधु भूतड़ा (Madhu Bhutda) ‘‘अक्षरा’’ जो कला के साथ-साथ साहित्य सेवा में भी पूरे समर्पित भाव से जुटी हुई हैं।
गुलाबी नगरी जयपुर की मधु भूतड़ा ‘‘अक्षरा’’ प्रतिभा की मात्र एक कड़ी ही नहीं अपितु पूरी श्रृंखला हैं। नृत्य, गायन, चित्रकारी, हस्त कौशल सिद्धा के साथ-साथ उम्दा कलम की धनी लेखिका, साहित्यकार, कवयित्री के रूप में समाज एवं राष्ट्र में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करने वाली मधु भूतड़ा ‘अक्षरा’ ने सामाजिक व राष्ट्रीय विकास हेतु भी अनेकों योगदान दिए हैं।
जब उत्कंठा त्रैमासिक पत्रिका का प्रकाशन होने वाला था तो आपने सह संपादक की भूमिका में देश भर के माहेश्वरी रचनाकारों से मातृत्व भाव को संग्रहित किया। मैग्जीन का विषय था, ‘मेरी माँ मेरी प्रेरक-मेरी प्रेरक मेरी सासू माँ’। तब मुझ लेखिका ने भी मेरी प्रेरणादायी दादी सासू जी के ऊपर काव्य के माध्यम से निजी भाव प्रेषित किए, जिसे पाठकों द्वारा बड़ा सराहा गया।
व्यवसाय से कम्प्यूटर इंजीनियर
कोलकाता में जन्मी और फिर जयपुर निवासी महेश भूतड़ा के साथ परिणय बंधन में बंध कर इसी को अपनी कर्मभूमि बनाने वाली अक्षरा ने बी.कॉम. तक शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के क्षेत्र से सम्बद्ध हो गई। गत 33 वर्षों से अक्षरा प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान ‘‘मंगलम् कम्प्यूटेक लिमिटेड’’ का सफलतापूर्वक संचालन कर रही हैं। सोश्यल मीडिया पर हिन्दी कंटेंट राइटर के रूप में भी सशक्त रुप से मौजूद हैं। साहित्य के क्षेत्र में आपकी एक लेखिका तथा कवयित्री के रूप में प्रतिष्ठित पहचान है।
साहित्य सृजन ने दिलाया सम्मान
सहस्त्रों साहित्यिक मंचों पर हमने साथ प्रस्तुति दी, साथ ही ऑफलाइन एवं ऑनलाइन मंच संचालन करने का अनुभव भी बहुत अच्छा रहा। विशेष रूप से समन्वय वाणी फाउंडेशन, अथाई समूह द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में आपकी ओज भरी वाणी से पूरा सभागार ऊर्जावान हुआ, जहां बड़ी संख्या में श्रोताओं के संग देश भर से पधारे कवि-कवयित्री एवं सम्मानीय गणमान्य शामिल रहे।
नाथद्वारा में साहित्यिक मंडल, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा हिंदी साहित्य के उन्नयन और संवर्धन हेतु डॉ. भगवती प्रसाद स्मृति सम्मान समारोह में ‘काव्य कौस्तुभ मानद उपाधि’ से आपको सम्मानित किया गया। हाल ही में आपका प्रथम काव्य संकलन ‘एक पहल’ भी प्रकाशित हो चुका है, जिसमें परिवार, समाज एवं राष्ट्र पर लिखी कविताओं का अनूठा संसार दिखाई देता है, प्रत्येक कविता चेतना का नव संचार करती है।
कला व सोश्यल मीडिया में भी योगदान
आपने यूरोप के बार्सेलोना में नृत्य प्रदर्शन हेतु द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया। देश भर से अनेकों साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। देश भर के मुख्य अखबारों एवं पत्रिकाओं में आपके सैकड़ों लेख एवं कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं।
Facebook पर Ek Pehal पेज पर एक लाख+ फॉलोअर्स है, जो आपकी कविताओं को खूब पसंद करते हैं, नन्हीं सी कलम का यह बृहद रूप ‘अक्षरा’ जी के व्यक्तित्व में साफ झलकता है। आप अपनी सफलता का श्रेय अपने पति महेश भूतड़ा, माता पुष्पा देवी बाहेती, पिता स्व. श्री गोपाल बाहेती, मेघा एवं खुशबू दोनों बेटियों के साथ बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद को देती है।
सोशल मीडिया पर आप माहेश्वरी साहित्यकार मंच एवं माहेश्वरी विचार मंच की सशक्त एवं सक्रिय एडमिन हैं, इसके साथ समाज में विवाह हेतु बायोडाटा ग्रुप Ek Duje Ke Liye, माहेश्वरी लघु उद्योग, माहेश्वरी मातृशक्ति भी बनाया है।
सेवा ने दिलाया सम्मान
अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय कपल क्लब, जयपुर के रूप में आप सेवा दे रही हैं। लगभग 500 से अधिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा काव्य सृजन हेतु सम्मान पत्र प्राप्त हुए हैं, साहित्य संगम संस्थान-आजादी के अमृत महोत्सव में केंद्रीय मंत्री के समक्ष बखूबी मंच संचालन किया। अन्तर्राष्ट्रीय महिला मंच द्वारा-राजस्थान कवयित्री सम्मान भी प्राप्त हुआ। इंटरनेशनल माहेश्वरी कपल क्लब (IMCC) द्वारा माहेश्वरी वुमन ऑफ़ वर्थ एवं प्रबुद्ध राष्ट्रीय साहित्यिक सम्मान से भी अक्षरा सम्मानित हो चुकी हैं।