Personality of the month

सिविल सेवा परीक्षा में चयनित हुई अंजली बिरला

जब मन में अपनी पहचान बनाने का दृढ़ संकल्प हो तो न तो कोई कमी बाधा बनती है और न ही सुविधा-असुविधा। बस इसी बात को सिद्ध कर दिखाया है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पुत्री कोटा निवासी अंजली ने। परिवार में राजनीतिक माहौल होने के बावजूद भी प्रशासनिक सेवा का न सिर्फ सपना देखा बल्कि अब वह इसे साकार भी करने जा रही हैं।

गत दिनों संघ लोकसेवा आयोग की प्रशासनिक सेवा परीक्षा का अंतिम परिणाम आया। इसमें माहेश्वरी समाज की बेटी कोटा निवासी अंजली बिरला आईएएस के लिये चयनित हुई। अंजली लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला व डॉ. अमिता बिरला की छोटी सुपुत्री तथा अ.भा. माहेश्वरी महासभा के उत्तरांचल सभापति राजेश कृष्ण बिरला की भतीजी हैं।

जैसे ही यह खबर उनके शुभचिंतकों के बीच पहुँची तो उनकी शक्तिनगर कोटा स्थित आवास पर जश्न का सा माहौल बन गया। एक राजनीतिक परिवार में प्रशासनिक सेवा के प्रति ऐसे रुझान की हर किसी ने प्रशंसा ही की। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की धर्मपत्नी अमिता बिरला ने भी अपनी बेटी को मिली इस कामयाबी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह शुरू से ही कुछ अछग करने का मन में ठान कर चल रही थी और पहली बार में ही आईएएस की परीक्षा में सलेक्शन होने पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।

बड़ी बहन बनी प्रेरणा

अंजली ने बताया कि तैयारी के दौरान बड़ी बहन आकांक्षा मोटिवेशन का सबसे बड़ो स्रोत रहीं। वे न सिर्फ उनका उत्साहवर्धन करती रहीं बल्कि पढ़ाई और परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक की रणनीति बनाने में पूर योगदान दिया।

इस दौरान माँ डॉ. अमिता बिरला और पिता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी स्वयं पर विश्वास बनाए रखने को प्रेरित किया। अंजली ने कहा कि भले ही परीक्षा की तैयारी वह कर रही थीं लेकिन पूरा परिवार हर समय उनकी सहायता व सहयोग के लिए तैयार खड़ा रहता था।

कठोर मेहनत से मिली सफलता

अंजली ने बताया कि उन्होंने प्रतिदिन 10 से 12 घंटे परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा के लिए भी उन्होंने पॉलीटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन्स विषय चुने थे। परिवार में राजनीतिक माहौल होने के बाद भी प्रशासनिक सेवाओं के क्षेत्र में जाने के सवाल पर अंजली ने कहा कि पिता राजनीतिज्ञ हैं, मां चिकित्सक हैं।

परिवार के सभी अन्य सदस्य भी किसी न किसी रूप में सामाजिक सेवा के क्षेत्र से जुड़े हैं। वह भी अपनी मेहनत से स्वयं के पैरों पर खड़ा होकर एक अलग दृष्टिकोण से परिवार से अलग एक नए क्षेत्र में समाज की सेवा करना चाहती थीं। इसी कारण उन्होंने यूपीएससी परीक्षाओं की ओर रूख किया।

महिला सशक्तिकरण रहेगा लक्ष्य

अंजली ने कहा कि वे किसी भी विभाग से जुड़कर सेवा देने को तैयार हैं, लेकिन महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने का अवसर मिलने पर उन्हें विशेष खुशी मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोटा में अभिभावक आमतौर पर बच्चों को बायोलॉजी या मैथ्स लेने के लिए ही प्रेरित करते हैं, जबकि इन दोनों विषयों के इतर भी बहुत बड़ी दुनिया है।

उनका प्रयास रहेगा कि यहां भी न सिर्फ युवाओं बल्कि उनके अभिभावकों को भी अन्य विषयों का चयन कर एक नई दुनिया की खोज करने को प्रेरित कर सकें। स्वयं अंजली ने सोफिया स्कूल से आटर्स में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस (ऑनर्स) में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एक वर्ष दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की।


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Sri Maheshwari Times

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