Vichaar Kranti

अयोग्य के सम्मान का फल

हमेशा किसी भी व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुसार ही पद-प्रतिष्ठा देना चाहिए। 

एक दिन मुल्ला नसरुद्दीन अपने गधे को घर की छत पर ले गए। जब नीचे उतारने लगे तो गधा नीचे उतर ही नहीं रहा था.. बहुत कोशिश के बाद भी जब नाकाम हुवे तो ख़ुद ही नीचे उतर गए और गधे के नीचे उतरने का इंतज़ार करने लगे।

कुछ देर गुज़र जाने के बाद मुल्ला नसरुद्दीन ने महसूस किया कि गधा छत को लातों से तोड़ने को कोशिश कर रहा है। मुल्ला नसरुद्दीन बहुत परेशान हुए कि छत तो नाज़ुक है इतनी मज़बूत नहीं की गधे की लातों को बर्दाश्त कर सके। वापस ऊपर भागे और गधे को नीचे लाने की कोशिश की लेकिन गधा अपनी ज़िद पर अटका हुआ था और छत को तोड़ने में लगा हुआ था।

मुल्ला आख़िरी कोशिश करते हुए उसे धक्के देकर नीचे लाने की कोशिश करते रहे, गधे ने मुल्ला को लात मारी और वो नीचे गिर गए। गधा फिर छत को तोड़ने लगा आख़िरकार छत टूट गयी और गधे समेत ज़मीन पर आ गिरी।

मुल्ला काफी देर तक इस वाकिये पर ग़ौर करते रहे और फिर ख़ुद से कहा कि कभी भी गधे को ऊँचे मुक़ाम पर नहीं ले जाना चाहिये, एक तो वो ख़ुद का नुकसान करता है, दूसरा ख़ुद उस जगह को भी ख़राब करता है और तीसरा ऊपर ले जाने वाले को भी नुक़सान पहुंचाता है।

विवेक कुमार चौरसिया


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Sri Maheshwari Times

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