12वीं के बाद उपलब्ध है कॅरियर का खुला आकाश
कक्षा 12वीं विद्यार्थी के जीवन की वह सीढ़ी है, जिससे गुजरकर ही उसे लक्ष्य पर पहुंचना होता है। उसके पास इस सीढ़ी पर अवसर रहते हैं कि वह अपने कॅरियर का चुनाव कर सके। उसे आखिर क्या बनना है और वह क्या बन सकता है? आईये जानें 12वीं के बाद आप क्या-क्या कर सकते हैं आप?
12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थी के मस्तिष्क में सदैव यह चलता रहता है कि 12वीं पास करने के पश्चात क्या करना है? किस स्ट्रीम में क्या-क्या अवसर हैं? यह सब जानने एवं समझने की विद्यार्थी में ललक होती है और यह स्वाभाविक भी है।
12वीं के बाद क्या करना है इसका निर्णय लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यहीं से उनके कॅरियर की दिशा निर्धारित होती है। आजकल के कुछ भ्रामक विज्ञापनों के चलते विद्यार्थी अपने कॅरियर का चयन करते समय काफी कन्फ्यूज्ड हो जाता है।
12वीं के बाद सही कोर्स का चयन करते समय आपको यह पता होना चाहिए कि आपके लिए कौन-सा विकल्प बेहतर है तथा किस विकल्प के माध्यम से आप अपना बेहतर दे सकते हैं।
कैसे करें सही दिशा का चयन:
अपनी रुचि का हमेशा ध्यान रखें:
यह सदैव ध्यान में रखें कि आपका चुना हुआ कोर्स आपकी अपनी रुचि, इच्छा, जुनून तथा मनपसंद का हो। इस विषय में बिल्कुल स्पष्ट रहे कि आप किस क्षेत्र में दिलचस्पी रखते हैं, आपको भविष्य में क्या करना है तथा भविष्य में यह किस हद तक आपके लिए फायदेमंद रहेगा?
कोर्स की समझ:
आप किसी कोर्स का चयन कर उसका अध्ययन आरंभ करें, इसके पहले यह ठीक से जानने की कोशिश करें कि उस कोर्स की विषय वस्तु क्या है? किसी भी कोर्स को ज्वाइन करने से पहले अपने कोर्स के विषय में मौजूद सामग्रियों तथा सीनियर्स और फैकल्टी की मदद से जानकारी जुटाना चाहिए।
इसके अतिरिक्त ऐसे लोग जो फील्ड में पहले से ही कार्यरत हैं वे भी आपको सही और सटीक जानकारी प्रदान कर सकते हैं। अगर तब भी आप संतुष्ट न हों तो किसी कॅरियर काउंसलर की सलाह ले सकते हैं।
भविष्यगत संभावनाएं:
कोर्स का चयन करने से पूर्व उसकी भविष्यगत संभावनाएं को ठीक से जानना जरूरी है। यदि आप लीक से हटकर किसी नए कोर्स का चयन कर रहे हैं तो भविष्य में उसके विस्तार तथा उसमें ग्रोथ की संभावना पर बहुत गहराई से विचार करने की आवश्यकता होती है।
साथ-साथ यह भी देखना चाहिए कि उस फील्ड में ‘जॉब अपोरचुनिटिज’ कैसी हैं? इसके अतिरिक्त यह भी देखना चाहिए कि इस फील्ड में जॉब करके हायर स्टडीज की जा सकती है या नहीं।
अगर यह सारी बातें किसी फील्ड में संभावना नजर आती है तो बेशक वह फील्ड आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
विज्ञान (गणित) में अवसर:
12वीं के बाद अक्सर छात्र दो ही कोर्सेस इंजीनियरिंग और मेडिकल को कॅरियर विकल्प के रूप में देखते हैं लेकिन अब नित्य नए-नए उभरते विकल्पों की वजह से उनके समक्ष भी अब कई नए र्कोर्सेस का विकल्प मौजूद है।
पुरानी मान्यताओं को तोड़ते हुए छात्र अपनी प्रतिभा के अनुरूप इन नए ऑफ बीट कोर्सेस का चयन करना उसमें सफलता भी हासिल कर रहे हैं। वैसे एक प्रोफेशनल कोर्स होने की वजह से इंजीनियरिंग कोर्स की तरफ विज्ञान-गणित-विषय वाले अधिकतर विद्यार्थी आकर्षित होते हैं।
भौतिकी, रसायन तथा गणित विषय के साथ १२वीं पास करने वाले छात्र इस कोर्स में एडमिशन लेने के पात्र होते हैं। इसकी सबसे लोकप्रिय प्रतियोगी परीक्षा संयुक्त प्रवेश परीक्ष्ज्ञा (जेईई) है।
जीवन विज्ञान में अवसर:
12वीं कक्षा भौतिकी, रसायन तथा बायलॉजी विषय के साथ पास करने वाले विद्यार्थी एमबीबीएस सहित मेडिकल साइंस से जुड़े अन्य पाठ्यक्रमों का चयन कर सकते हैं। एमबीबीएस के अतिरिक्त फॉर्मेसी, फिजियोथैरेपी, बीएएमएस, बीएचएमएस, यूनानी चिकित्सा पद्धति, योग एवं नैचुरोपैथी, जेनेटिक्स, माइक्रोबायलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी जैसे पाठ्यक्रम भी ग्रेजुएशन के बाद भरपूर अवसर प्रदान कर रहे हैं।
वाणिज्य (कॉमर्स) के अवसर:
12वीं कक्षा कॉमर्स से पास करने वाले विद्यार्थियों के मध्य चार्टर्ड एकाउंटेंसी सबसे लोकप्रिय पाठ्यक्रम है। चार्टर अकाउंटेंसी के अलावा कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध अन्य लोकप्रिय पाठ्यक्रम बीबीए, सीएस, लॉ आदि में ग्रेजुएशन भी हैं।
कला (मानविकी) संकाय में अवसर:
मानविकी के अंतर्गत अधिक संख्या में कोर्सेस की सुविधा के कारण छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार विषय चुनने की आजादी होती है, इसलिए आर्ट्स के प्रति विद्यार्थियों का झुकाव बढ़ता जा रहा है।
पत्रकारिता, मास कम्युनिकेशन, विज्ञापन, इंटीरियर डिजाइनिंग, ग्राफिक्स डिजाइनिंग, फोटोग्राफी, रंगमंच, मनोविज्ञान, इतिहास, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, भूगोल आदि विषयों में से आर्ट्स के विद्यार्थी किसी भी विषय का चयन कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त एक आर्ट्स स्टूडेंट के रूप में आाप लिंग्विस्टिक, फॉरेन लैंग्वेज, फिल्म निर्माण, रिलीजियस स्टडी, कला, इतिहास और ऐसे अन्य संबंधित क्षेत्रों का अध्ययन कर उसमें भी अपना कॅरियर बना सकते हैं।
प्रवेश परीक्षाओं के लिए रहें तैयार:
12वीं पास करने के बाद विद्यार्थियों की प्रमुख चिंता किसी न किसी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होने की होती है। इंजीनियरिंग, मेडिकल, कॉमर्स, आर्ट्स या किसी अन्य कोर्सेस के लगभग सभी स्ट्रीम्स से संबंधित डोमेन में प्रतिष्ठित कॉलेजों के प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाओं का अपना एक अलग सेट होता है।
इसमें इंजीनियरिंग के लिए जेईई मेंस, जेईई एडवांस, बिट्स पिलानी एन्ट्रेंस, वीआईटी युनिवर्सिटी बेल्लौर एन्ट्रेंस, एमआरएस चैन्नई एन्ट्रेंस इत्यादि होती हैं। मेडिकल साइंस में नीट अंडर ग्रेजुएशन के माध्यम से वर्तमान में भारत के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश होता है।
आईसीएआर के माध्यम से कृषि क्षेत्र में प्रवेश होता है। सीपीटी एन्ट्रेंस एग्जाम फाउंडेशन कोर्स अथवा कॉमन प्रोफिसिएन्सी टेस्ट के माध्यम से चार्टर एकाउंटेंसी का कोर्स कर पाते हैं।
सीएलटी राष्ट्रीय स्तर पर लॉ पाठ्यक्रम हेतु ली जाने वाली परीक्षा है। ऑर्ट्स में बहुत सारे विषयों की उपलब्धता के कारण भिन्न-भिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कई परीक्षाएं ली जाती हैं।
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