स्वस्थ जीवन का सबसे बड़ा शत्रु- मधुमेह
मधुमेह अर्थात डायबिटीज वह बीमारी है, जो जीवन का सुख चैन छीन लेती है। कारण यह है कि यह एक ऐसी बीमारी है, जो अपने साथ हार्ट अटैक, किडनी, फेफड़े और लीवर के रोग जैसी गंभीर बीमारियां तक लेकर आती है। यही कारण है कि इसे स्वस्थ जीवन का सबसे बड़ा शत्रु माना जाता है। आइये देखें कैसे करें मधुमेह से अपना बचाव?
इंसुलिन, एक हार्मोन है जो अग्न्याशय द्वारा बनाया जाता है, भोजन से ग्लूकोज को हमारी कोशिकाओं में ऊर्जा के लिए उपयोग करने में मदद करता है। कभी-कभी हमारा शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या अच्छी तरह से इंसुलिन का उपयोग नहीं करता। तब ग्लूकोज हमारे रक्त में रहता है और हमारी कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता है। समय के साथ, हमारे रक्त में बहुत अधिक ग्लूकोज इकत्रित होने लगता है, इसे ही मधुमेह कहा जाता है।
डायबिटीज या शुगर एक गंभीर समस्या है। पिछले कुछ दशकों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। डायबिटीज की स्थिति में मरीज के खून में शुगर घुलने लगता है, जिसके कारण कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती है। ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाने पर हार्ट अटैक, किडनी फेल्योर, फेफड़ों और लीवर की कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है इसलिए इससे बचाव बहुत जरूरी है। हालाँकि मधुमेह का कोई इलाज नहीं है, फिर भी मधुमेह के प्रबंधन और स्वस्थ रहने के लिए तो कदम उठा सकते हैं।
ये हैं इसके प्रारंभिक लक्षण
- ज़ख़्मों का जल्दी न भरना – डायबिटिज़ के चलते एक समय के बाद रक्त का संचार (ब्लड सर्कुलेशन) भी प्रभावित होता है, जिसकी वजह से शरीर का घाव जल्दी नहीं भर पाता। इसलिए छोटी से छोटी चोट, घाव, छालों को भरने में समय लगता है। यह इस बात की चेतावनी है कि अब आपको अपने डायबिटीज़ को कंट्रोल करना चाहिए।
- नज़रें धुंधली होना – मधुमेह से ग्रसित लोगों में आजकल डायबिटिक रेटिनोपैथी की शिकायत ज्यादा देखी जा रही है, जिसमें नज़रें धुंधली होने लगती है और हम इसे अनदेखा करते हैं। रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) की समस्या डायबिटिक लोगों में काफ़ी गंभीर हो सकती है।
- पैरों में झुनझुनी महसूस करना – उँगलियों और टखनों में झुनझुनी होना, इस बीमारी के शुरूआती लक्षणों में से एक है। अगर आपको मधुमेह है और आप झुनझुनी के बाद सुन्नपन और जलन महसूस करते हैं, तो फ़ौरन स्क्रीनिंग टेस्ट करवाएं।
- बार- बार और तेज़ भूख लगना – इंसुलिन की कमी की वजह से शरीर की कोशिकाएं ग्लूकोज को सोख नहीं पाती और शरीर में ऊर्जा की कमी होने लगती है जिस कारण मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को सामान्य लोगों की अपेक्षा अधिक भूख लगती है।
- अत्यधिक थकान तथा कमजोरी का होना – इंसुलिन मानव शरीर की शर्करा को ऊर्जा में बदलने का कार्य करता है, लेकिन जैसे ही इन्सुलिन का निर्माण होना कम हो जाता है या बंद हो जाता है तो मानव शरीर में थकान या कमजोरी होने लगती है। अतः अत्यधिक थकान या कमजोरी होना भी शुगर की समस्या के शुरूआती लक्षणों में से हैं।
बचाव के लिये ये बरतें सावधानी
हमेशा अपने वज़न का ध्यान रखें। मोटापा अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आता है और डायबिटीज़ भी उन्हीं में से एक है। मधुमेह होने के पीछे तनाव भी ज़िम्मेदार होता है। इसलिए, यह ज़रूरी है कि अपने मन को शांत रखें और उसके लिए आप योगासन व ध्यान यानी मेडिटेशन का सहारा लें। पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेने से या नींद पूरी नहीं होने से भी कई बीमारियां होती हैं। डायबिटीज़ भी उन्हीं में से एक है। इसलिए समय पर सोएं और समय पर उठें।
धूम्रपान से न सिर्फ लंग्स पर असर होता है, बल्कि अगर कोई मधुमेह रोगी धूम्रपान करता है, तो उसे हृदय संबंधी रोग होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है। शारीरिक क्रिया स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है, इसलिए, जितना हो सके व्यायाम करें। अगर व्यायाम करने का मन न भी करें तो सुबह-शाम टहलने जरूर जाएं, योगासन करें या सीढ़ियां चढ़ें। शुगर के मरीज़ों को अपने खान-पान का ख़ास ध्यान रखना चाहिए।
शुगर में परहेज करने के लिए जितना हो सके बाहरी और तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहें, क्योंकि इससे वज़न बढ़ने का ख़तरा रहता है और फिर मधुमेह। सही आहार अपनाएं, प्रोटीन व विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल करें। आपने एक कहावत तो सुनीं ही होगी कि ‘जल ही जीवन है’। पानी से कई बीमारियां ठीक होती हैं। मधुमेह के रोगियों के लिए भी पानी बहुत आवश्यक है। इसलिए, जितना हो सके पानी पीएं। धूम्रपान और शराब का सेवन कम कर दें या संभव हो तो बिलकुल छोड़ दें।
क्या खाऐं क्या न खाऐं
मधुमेह रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रौकोली, टमाटर, बंद गोभी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए। फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद, संतरा, मौसमी, जायफल, नाशपाती को शामिल करें।
आम, केला, सेब, खजूर तथा अंगूर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनमें शुगर ज्यादा होता है। मेथी दाना रात को भिगो दें और सुबह प्रतिदिन खाली पेट उसे खाना चाहिए। खाने में बादाम, लहसुन, प्याज, अंकुरित दालें, अंकुरित छिलके वाला चना, सत्तू और बाजरा आदि शामिल करें तथा आलू, चावल और मक्खन का बहुत कम उपयोग करें।
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