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72 वर्ष की आयु में भी सेवा में युवा उत्साह- गोपाल कृष्ण बिन्नानी

उम्र के 72 वर्ष के पड़ाव पर भी अंधेरी मुम्बई निवासी गोपाल कृष्ण बिन्नानी का उत्साह किसी युवा से कम नहीं है। इस की पहचान यह है कि 45 वर्षों से वे अपने निज निवास में स्वनिर्मित गणेशजी की प्रतिमा सजाते हैं, जो आज भी जारी है।

बीकानेर (राजस्थान) के मूल निवासी सर्वोदयी नेता, गाँधी, विनोबा जी के अनुयाई, स्वतंत्रता सैनानी स्व. श्री जीवनलाल बिन्नानी के ज्येष्ठ पुत्र गोपाल कृष्ण बिन्नानी का जन्म कोलकाता में 30 मार्च 1951 को हुआ। विवाहोपरांत 1977 में सपरिवार मुंबई आकर इसे अपनी कर्मभूमि बना लिया और ‘Arts & Crafts (India)’ के नाम से प्रिंटिंग-पैकेजिंग एवं स्टिकर-लेबल्स का व्यवसाय मुंबई तथा कोलकाता में करते हुए गोसेवा, धर्म प्रचार, प्रकाशन कार्यो और समाज सेवा में लग गए।


मुंबई की दो सुप्रसिद्ध समाजसेवी संस्थाओं – ‘महेश्वरी प्रगति मंडल तथा मनमोहन रास मंडल’ से कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रूप से जुड़ गए। अन्य धार्मिक संस्थाओं जैसे स्वाध्याय परिवार, गायत्री परिवार, चिन्मय मिशन तथा गोरक्षा सत्याग्रह संचालन समिति, से भी निरंतर जुड़े रहे। मुंबई में अंधेरी स्थित जे.बी. नगर में उन्होंने अपना निवास बना लिया तथा वहीं की कुछ सामाजिक संस्थाओं जैसे ‘राजस्थानी सेवा संघ, भारत विकास परिषद तथा प्रोग्रेसिव सीनियर सिटीजन्ंस एसोसिएशन’ में भी अपना अमूल्य योगदान प्रदान करते आ रहे हैं।


श्री बिन्नानी गत 45 वर्षों से प्रतिवर्ष गणेशोत्सव के शुभ अवसर पर विभिन्न सामाजिक संदेश देती हुई, स्व-निर्मित गणेश जी की मूर्तियों की अनुपम झांकियां घर में सजाकर, एक माह तक आम व्यक्तियों के दर्शनार्थ खुला रखते हैं और कभी गणेशजी का विसर्जन भी नहीं करते हैं। गणेशोत्सव में टाइम्स ऑफ इन्डिया द्वारा आयोजित सजावट-प्रतियोगिता में महाराष्ट्र को प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने में भी वे सफल हुए।


आप मनमोहन रास मंडल द्वारा प्रकाशित सगाई से विदाई, संस्कार सौरभ, आरोग्य सौरभ, सम्पदा सौरभ, जीवन सौरभ, बीकानेर सौरभ, बिकोणेरा हरजस, आदि कई पुस्तकों का सफल संपादन भी कर चुके हैं। आपने अपनी संस्कृति व धरोहर की जानकारी हेतु भारत, नेपाल, बांग्लादेश आदि का भ्रमण कर बहुत शोध कार्य भी किया है।


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