नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर ले जाते- किशोर कुमार राठी
वास्तु शास्त्र वास्तव में अपने गुण दोषों के कारण होने वाले नकारात्मक व सकारात्मक ऊर्जा परिवर्तन के कारण व प्रभावों का विश्लेषण करता है। इसके अनुसार नकारात्मक ऊर्जा नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करती है। ऐसी ही नकारात्मकता की खोज कर सकारात्मकता की ओर ले जा रहे हैं, उज्जैन के वास्तुविद किशोर कुमार राठी ।
उम्र के उत्तरार्द्ध में चल रहे उज्जैन निवासी वरिष्ठ वास्तुविद् किशोर कुमार राठी एक ऐसे वास्तुविद् हैं, जो अपनी चिरपरिचित पहचान डाऊजिंग व कॉपर रॉड द्वारा लंबे समय से वास्तु के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे हैं। अब जब शरीर भी ठीक से साथ नहीं देता ऐसे में भी यदि कोई उनसे परामर्श चाहता है तो वे देने में पीछे नहीं रहते।
यदि इच्छुक व्यक्ति उन्हें ले जाने में समर्थ है, तब तो ठीक अन्यथा वे उसके द्वारा लाये गये भवन के नक्शे से भी अपनी विशिष्ट डाऊजिंग विद्या से नकारात्मक ऊर्जा वाले स्थानों की पहचान कर उसे उचित परामर्श प्रदान कर ही देते हैं। अभी तक अनगिनत लोग उनके मार्गदर्शन से लाभान्वित हो चुके हैं।
भूमिगत जल का भी परीक्षण
वर्तमान में पग-पग पानी वाली कहावत वाला मालवांचल भी गत कई वर्षो से भूजल स्तर गिरने की विकट समस्या से जुझ रहा है। इसी का नतीजा है कि सैकड़ों फीट गहरे बोरिंग करने के बाद भी अक्सर पानी नहीं निकलता। ऐसी स्थिति में वास्तुविद् किशोर कुमार राठी इस क्षेत्र के लिये एक आशा की किरण बनकर सामने आये हैं।
उनके बताऐ गये स्थानों पर लगे सैकड़ों हैन्डपंप, कुऐ, ट्यूबवेल आदि भरपूर पानी दे रहे हैं। यह सब कुछ उनकी इसी विद्या का परिणाम ही है। इसका नतीजा यह है कि शहरी हों या ग्रामीण जब भी बोरिंग करवाने की बारी आती हैं, तो वे विशेष रूप से श्री राठी को ही याद करते हैं।
उनके भूमिगत जल के परीक्षण की विशेषता यह है कि वे अपने डाऊजिंग द्वारा भूमि के अन्दर जल की मात्रा, जल प्राप्ति की गहराई के साथ ही प्राप्त होने वाला जल मीठा होगा या खारा इसकी जानकारी भी प्रदान कर देते हैं।
पंचतत्वों के संतुलन का सब खेल
श्री राठी अपनी डाऊजिंग पद्धति द्वारा भूमि के किसी भी स्थान की सकारात्मकता या नकारात्मकता का परीक्षण कर लेते हैं। श्री राठी के अनुसार यदि डाऊजर किसी स्थान पर एंटीक्लॉकवाइज घुमे तो वहाँ नकारात्मकता तथा क्लॉकवाईज घुमे तो सकारात्मकता है।
हर व्यक्ति की अपनी निर्धारित शुभ दिशा है, जिस दिशा का मकान उसके लिये शुभ होता है। भवन के अंदर पाये जाने वाले नकारात्मक स्थानों को सकारात्मक बनाने के लिये वैसे तो मार्केट में कई वास्तु उपकरण मौजूद हैं, लेकिन श्री राठी इन सबकी तुलना में दर्पण को सबसे अधिक प्रभावशाली मानते हैं।
उनके अनुसार दर्पण में तरंगों की प्रकृति को बदलने की अद्भूत शक्ति है। वास्तव में यह सकारात्मकता और नकारात्मकता पंच तत्वों के संतुलन व असंतुलन का ही परिणाम है।
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