Kuldevi

श्री नौसल माताजी

श्री नौसल माताजी माहेश्वरी जाति की सारड़ा, चितलांग्या, जैथलिया, फोफलिया और भाला खाँप की कुलदेवी हैं। स्थानीय स्तर पर नौसल माताजी आनंदी माता और चामुण्डा माता के नाम से भी जानी जाती हैं।

श्री नौसल माताजी का मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध शहर अजमेर से 75 कि.मी. दूर मदनगंज-किशनगंज के समीप नौसल कौठड़ी ग्राम में स्थित है। एक तालाब के किनारे सुरम्य माहौल में स्थित यह मंदिर पांडवकालीन 5000 वर्ष पुराना होकर पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

बताया जाता है कि यहाँ कुल 9 मंदिर थे। मुस्लिम आक्रमणकारियों ने माताजी की मूर्ति तोड़ दी थी।अत: वर्तमानमूर्ति बाद में प्रतिष्ठित की हुई लगती है। यहाँ की एक विशेषता और है कि इस मंदिर के समीप एक लेटा हुआ ईमली का पेड़ है जो आने वाले दर्शनार्थियों के लिये आकर्षण का केन्द्र होता है।


विशिष्ट आयोजन

यहाँ प्रत्येक माह में शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को विशिष्ट आयोजन होते हैं। इस दिन अपनी मान-मनौती के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। मात्र 100 व्यक्तियों की यह छोटी सी इन सभी व्यवस्थाओं को सम्हालती है। यहाँ लोग अपनी परम्परानुसार माताजी को भोग लगाते हैं।


कहाँ ठहरें

यहाँ पर ठहरने के लिये कलकत्ता के भाला परिवार ने कुछ कमरे बनवाऐ हैं। ठहरने की व्यवस्था के लिये पंडाजी से आग्रह करना होता है। लॉज व ठहरने की अन्य उत्कृष्ट व्यवस्था मदनगंज-किशनगंज में हो जाती है। ‘ए’ क्लास आवास व्यवस्था के लिये अजमेर में अच्छे होटल हैं।


कैसे पहुँचें

ग्राम नौसल (कौठड़ी) अजमेर से सड़क मार्ग से 75 कि.मी. दूर रुपनगढ़-परबतसर मार्ग से कुछ अन्दर है। इसके लिये रूपनगढ़ से 15 कि.मी. की दूरी पर दायीं ओर कच्चा मार्ग नौसल कौठड़ी जाता है। अजमेर से भी एक सीधा कच्चा रास्ता है।

अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें- रामनिवास जैथलिया (मुम्बई) मो. +91-98200-32630


Via
Sri Maheshwari Times

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