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धर्म संस्कृति की ‘‘गंगा’’ बहाती- रीना डाड

समय के साथ चलना धार्मिक कथा-साहित्य के लिये भी जरूरी है, अन्यथा वे आम व्यक्ति की पहुँच से दूर हो जाते हैं। इसी सोच के साथ वीडियो रूप में न सिर्फ विभिन्न पर्व त्यौंहार अपितु सम्पूर्ण श्रीमद् भगवद् गीता को अर्थ के साथ सरल भाषा-शैली में प्रस्तुत कर रही हैं, भीलवाड़ा निवासी रीना डाड।

राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति महाराष्ट्र पुणे द्वारा इस बार का वार्षिक राष्ट्रीय स्तर का सम्मान महिला संस्थान भीलवाड़ा की रीना डाड को भेंट किया जा रहा है। श्रीमती डाड विभिन्न शैक्षणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के माध्यम से हिंदी के प्रचार प्रसार में अपना सराहनीय योगदान दे रही है।

राष्ट्रीय पुरस्कार से सर्वधर्म समन्वय समिति, दिल्ली एवम् राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार प्रसार समिति, महाराष्ट्र पुणे द्वारा सम्मानित श्रीमती रीना डाड, भीलवाड़ा (राजस्थान) में नगर माहेश्वरी महिला संगठन की नगर मंत्री पद पर हैं।


व्रत-त्यौंहारों की अधिकांश कथा

रीना डाड

कोरोना लॉकडाउन के समय जब बड़ी तीज पूजा में परंपरागत रूप से मंदिर में या एक जगह एकत्र होना संभव नहीं था। तब श्रीमती डाड के मन में यह विचार आया कि क्यों ना सभी कहानियों की श्रृंखला बनाई जाए जिससे पूजा घर पर सम्पूर्ण कर कहानी श्रवण की जा सके।

उनके इस प्रयास को जब सभी ने सराहा तथा आगे चलकर भादवा चौथ, बछ बारस, ऋषि पंचमी आदि की कहानियों की श्रृंखला प्रस्तुत की। इस श्रृंखला में पुरूषोत्तम मास का वैज्ञानिक आधार, पुरूषोत्तम माह में दान का महत्व, नवरात्रि हवन विधि, सम्पूर्ण विधान सहित दीपावली पूजन विधि, मकर सक्रांति का महत्व आदि अनेक वीडियो आपके द्वारा प्रस्तुत किए जा चुके है, जो सुनने वालो को अत्यंत उपयोगी लगे, एवम् उनकी मुक्त कंठ से प्रशंसा हुई।


गीता की भी सरल रूप में प्रस्तुति

लॉकडाउन के उनके पुरुषोत्तम माह में गीता श्रवण के महत्व को देखते हुए विचार मन में आया कि सभी की सुविधा के लिए गीता के अध्याय सरल रूप में प्रस्तुत करें। कारण कि गीता महाकाव्य सदियों से ज्ञान का सागर रहा है, जिसके आगे सम्पूर्ण विश्व नतमस्तक है। जिसमें सभी वेद और उपनिषदों का सार है इसलिए उसका पाठ करके तथा श्रवण करके उसकी महत्ता को पहचान के और अपने जीवन की समस्याओं का समाधान पा सकें।

अत: उनके द्वारा भगवद गीता के सभी 18 अध्याय सरल अर्थ एवम् आसानी से समझने वाली भाषा शैली, स्पष्ट उच्चारण एवम् मधुर वाणी में प्रस्तुत किये गये।


यह रहा इसका कारण

वीडियो को बनाने का मुख्य कारण ऐसे सभी बडे बुजुर्ग हैं जिनकी नजर कमजोर हो जाने के कारण उन्हें श्रीमद्भागवद गीता पढ़ने में परेशानी हो रही है। इसी के साथ नव पीढ़ी के लिए सरल भाषा का प्रयोग कर समझने में सहायक होने के साथ ही गृहिणियों एवं अन्य महिलाऐं भी श्रवण करना चाहे तो कार्य की व्यस्तता के दौरान कहीं भी इसे सुन सके।

उनकी कहानियों की श्रृंखला को सुनकर प्रदेश अध्यक्ष कुंतल तोषनीवाल ने दक्षिणी राजस्थान प्रदेश, जिला एवम् नगर माहेश्वरी महिला संगठन के अन्तर्गत ये सभी वीडियो प्रस्तुत करवाए। इसके पश्चात शीघ्र ही राम चरित मानस भी सरल रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास जारी है।

इसके साथ ही गणगौर, दसा माता, शीतला माता आदि कहानी की श्रृंखला शीघ ही प्रसारित की जाएंगी जिनकी रिकॉर्डिंग पूर्ण हो चुकी हैं।


परिवार का मिला प्रोत्साहन

श्रीमती रीना डाड इसका श्रेय अपनी सासुमाँ एवम् ससुर गीता देवी सत्यनारायण डाड, माता-पिता सुमित्रा देवी-हरिशचंद्र माहेश्वरी एवम् अपने जीवन साथी संजय डाड को देती है। इस महत्वपूर्ण कार्य के साथ ही वे डीपीएस स्कूल, भीलवाड़ा की डायरेक्टर के रूप में भी अपनी सेवा दे रही हैं।

परिवार भी प्रगति के पथ पर अग्रसर है। पुत्री सलोनी ने इसी वर्ष प्रथम प्रयास में सीए फायनल उत्तीर्ण की एवम् पुत्र संवित 12वीं कक्षा का छात्र है, जिसने हाल ही में जनवरी में ओपन नेशनल फुटबॉल गोल्ड मेडल पदक जीता।


Via
Sri Maheshwari Times

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