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तीन प्रतिभा जिन्होंने हुनर को बनाया पहचान

मध्यांचल के अंतर्गत प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन द्वारा समाज की तीन प्रतिभाओं को उनके हुनर के लिए सम्मान किया गया। इन्होने शैक्षणिक डिग्री तो कोई और प्राप्त की लेकिन अपने हुनर को बनाया पहचान। इनमे भोपाल निवासी मेदिनी केला, पलक जाजू व सुरभि माहेश्वरी शामिल है। हंसा केला(प्रचार प्रसार मंत्री) ने इनका साक्षात्कार लिया।

पलक जाजू

हुनर को बनाया पहचानपलक जाजू ने बताया की पढ़ाई में बीएससी इन इंटीरियर डिज़ाइन की डिग्री ली। उनका कहना है कि मेरा झुकाव हमेशा से आर्ट एंड क्राफ्ट (शिल्पकला) की तरफ रहा है।

अभी मै अपनी माँ श्रीमती आशा मंत्री के साथ अनुकूलित और थीम के अनुसार पैकिंग, लिफाफे, चौकी, पूजा की थाली, मांडना, लैंप, गिफ्ट आर्कटिक आदि आर्डर पर शादियों एवं अन्य कार्यक्रम, त्योहारों के लिए बनाती हूँ।

पलक जाजू

मिट्टी के गणेशजी बनाने की प्रेरणा मुझे मेरी माँ से ही मिली। उन्होंने जब पहली बार घर मेँ मिट्टी के गणेश बनाए तब ही से मुझे इस चीज़ को आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिली। उसके बाद से हर साल मै मिट्टी के गणेशजी बनाने लगी, और सिर्फ खुद के घर के लिए ही नहीं, रिश्तेदारों और मित्रों के लिए भी।

हम गणेशजी पिछले ७ सालों से बना रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दे सकें और साथ लोगों के बीच जागरूकता भी ला सकें।


मेदिनी केला

हुनर को बनाया पहचान – मेदिनी केला कहती हैं कि इन्हें बचपन से ही खाना बनाने और नए-नए पकवान बनाने में रूचि थी पर वह तब तक सिर्फ एक रूचि तक ही सीमित थी।

अपनी स्कूल की पढ़ाई खत्म करके इन्होने टैक्सेशन में बीकॉम कर ग्रेजुएशन किया और साथ ही सीएस की पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई के लिए जब चर्चा हुई तब तक उन्होंने अपनी रूचि में ही अपना करियर बनाने का निश्चय किया और बेकिंग में पढ़ाई के लिए तैयारी करना चालू की।

हुनर को बनाया पहचान
मेदिनी केला

इस बीच उन्होंने यौगिक साइंस में बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी भोपाल से डिप्लोमा हासिल किया। उसके पश्चात आईएचएम मुंबई से बेकिंग का डिप्लोमा कोर्स कर इन्होने ग्रेंड ओबेरॉय, कोलकाता में ट्रेनिंग की।

पेस्ट्री शेफ बनने के इस सफर में, कोरोना महामारी के समय रोक लगने के कारण उन्होंने घर में केक बनाना चालू किया और ऑनलाइन क्लासेस के जरिये घर में आसान तरीको से कैसे सेट डिजर्ट्स बना सकते है, यह बखूबी सिखाया।

अब एक ‘होम क्रिएट डिजर्ट्’ के नाम से घर में ही बेकरी का शुभारम्भ किया है।


सुरभि माहेश्वरी

हुनर को बनाया पहचान – सुरभि माहेश्वरी बताती हैं कि बहुत कम उम्र से ही मैने रसोई में अपनी माँ की मदद की, जिसके कारण खाना बनाने के क्षेत्र में मेरी रूचि पैदा हुई।

शुरुआत में, मैंने इस रूचि को एक शौक के रूप में माना। लेकिन जब मै कानून स्नातक बनने के लिए अध्ययन कर रही थी तब मुझे अहसास हुआ कि मैं अपने शौक को करियर के रूप मेँ आगे बढ़ाना चाहती हूँ।

मैंने अपनी पढाई हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर से पूरी की। मेरे माता-पिता ने बेकिंग मेँ एक पेशेवर कोर्स करने का सुझाव दिया, जो मैने किया। मैंने लेवोन एकेडमी, बंगलूरू से पेस्ट्री शेफ मेँ अपना सर्टिफिकेशन कोर्स किया।

हुनर को बनाया पहचान
सुरभि माहेश्वरी

उसके बाद मैने भोपाल से ‘baked@186°c’ के नाम से होम बेकर के रूप में, घर से ही काम करना शुरू किया। ये कार्य करते हुए मुझे तीन साल हो चुके हैं और अब मेँ कस्टमाइज्ड केक, कप केक और होम मेड ब्रेड्स की विशेषज्ञ हूँ।

हाल ही मेँ मैंने माहेश्वरी समाज, भोपाल के साथ मिलकर एक ऑनलाइन लाइव कुकिंग क्लास की मेज़बानी की, जिसमे लगभग 450 लोगों ने भाग लिया।

उल्लेखनीय है सुरभि माहेश्वरी पूर्वी मध्यप्रदेश माहेश्वरी सभा के पूर्व महामंत्री लक्ष्मेंद्र माहेश्वरी की सुपुत्री हैं।


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Sri Maheshwari Times

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