ज्योतिष का वैज्ञानिक पक्ष बतातीं- दीपिका माहेश्वरी
आमतौर पर कई लोगों के अंदर ज्योतिष शास्त्र को लेकर ऐसा सोची बन गई है, जैसे यह कोई अंधविश्वास ही हो। जबकि हकीकत देखें तो यह विशुद्ध विज्ञान है। ऐसे मे पीलीबंगा जिला-हनुमानगढ़ निवासी दीपिका माहेश्वरी , एक ऐसी ही ज्योतिर्विद हैं, जो इसे विज्ञान की कसौटी पर कसते हुए ऐसे सटिक समाधान दे रही हैं, जिसने लोगों के जीवन को एक नई दिशा प्रदान की है।
यूजीसी नेट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी ज्योतिष की ओर कदम बढ़ाना वास्तव में अपने आपमें एक आश्चर्य की विषयवस्तु ही है। आईये जानें कैसे बढ़े दीपिका के कदम ज्योतिष की ओर।
पीलीबंगा जिला हनुमानगढ़ (राजस्थान) निवासी दीपिका माहेश्वरी की पहचान क्षेत्र में एक ऐसी विद्वान के रूप में है, जो बीकानेर युनिवर्सिटी से इतिहास विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन करके टॉपर रही व यूजीसी नेट जैसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करके भी ज्योतिष के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रही हैं। उनका परामर्श भी ऐसा है कि जिसे लोग सराहे बिना नहीं रहते।
इस क्षेत्र में उनका पदार्पण भी वास्तव में अकल्पनीय ही है। शुरू से ही उन्हें किताबें पढ़ने का काफी शौक था। साथ ही साथ हस्तरेखा देखना और ज्योतिष शास्त्र से जुड़ी किताबें पढ़ना भी काफी अच्छा लगता था। अपने भविष्य को जानने की उत्सुकता में उन्होंने ज्योतिष शास्त्र संबंधी कई ग्रंथ, मैगजीन, आर्टिकल लेख आदि पढ़ने शुरू कर दिये, ऑनलाइन अध्ययन किया।
यूट्यूब पर आने वाले बहुत से ज्योतिष विद्वानों को भी उन्होंने सुना। सैद्धांतिक तौर पर ज्योतिष को समझने के साथ-साथ व्यावहारिक तौर पर यह कैसे अच्छा और बुरा प्रभाव दे सकता है, यह जानने के लिए उन्होंने अपने आसपास के लोगों की जन्म कुंडली लेकर उनकी ग्रह दशाओं को भी पढ़ना शुरू कर दिया।
निरंतर कुंडली विश्लेषण और अभ्यास से इस विषय पर उनकी पकड़ अच्छी होती गई। इस विषय की गहराई को समझते हुए इस विद्या में 10 साल का अनुभव प्राप्त किया, बस इसी ने उनके कदम ज्योतिष परामर्श की ओर बढ़ा दिये।
भ्रम दूर करना भी उद्देश्य
दैनिक जीवन में प्रायः ज्योतिष शास्त्र से अपने भविष्य को लेकर जानने की इच्छा सभी में होती है लेकिन इस विद्या को लेकर काफी तरह के भ्रम और अंधविश्वास समाज में फैले हुए हैं, जिस वजह से ज्योतिष के नाम पर लोगों का विश्वास कम होता जा रहा है। इस बात को ध्यान में रखकर जो ज्ञान उन्होंने पाया उसे लोगों तक पहुंचाने के लिए अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से ज्योतिष संबंधी वीडियो बनाना शुरू किया।
इसमें उनका विश्वास था कि ज्ञान प्राप्त करना मात्र ही काफी नहीं है बल्कि उस ज्ञान को अपने आसपास के लोगों में बांटा जाए तो ज्ञान और बढ़ता है और हमारी प्रतिभा और निखरती है, हमें नई चीजें और अनुभव भी प्राप्त होता है।
इसी चीज को समझते हुए 10 साल के इस अनुभव को वे जुलाई 2019 में शुरू किए हुए अपने यूट्यूब चैनल ‘Jyotish gyan by Deepika Maheshwari’ के माध्यम से साझा कर रही हैं, जिसमें लक्ष्य है कि सही ज्योतिषीय जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच पाए।
सैकड़ों विद्वानों से सतत् सम्पर्क
इस विद्या को और गहराई से जान सकें, इसके लिये ज्योतिष को सीखने के साथ-साथ ज्योतिष सिखाने की श्रृंखला भी प्रारंभ की। इसी दौरान उनका संपर्क अन्य बहुत से ज्योतिष विद्वानों से हुआ और अनेक ज्योतिष विद्यापीठ के साथ उन्होंने काम किया एवं अनेक ज्योतिष विद्वानों के साथ वेबीनार में हिस्सा भी लिया, उनके साथ इस ज्ञान को साझा किया और बहुत से ज्योतिषीय आर्टिकल भी उन्होंने लिखे।
वर्तमान में वे अपने फेस बुक पेज व टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से ज्योतिष संबंधी सेवाएं प्रदान कर रही हैं जिसमें प्रतिदिन दैनिक पंचांग, सनातन धर्म में मनाए जाने वाले तीज-त्योहार, व्रत आदि के महत्व के साथ-साथ नवग्रहों से जुड़े ज्योतिषीय उपायों संबंधित जानकारी प्रदान की जाती है। समय-समय पर उनके द्वारा वेबीनार आयोजित करवाकर ग्रुप सदस्यों को ज्योतिष परामर्श भी दिया जाता है।
इन सब ज्योतिषीय गतिविधियों को करने के साथ-साथ वर्तमान में एस्ट्रोलॉजर और काउंसलर के नाते एक प्रमाणित ज्योतिष शास्त्र की सलाहकार संस्था Future Study Online से जुड़ी हैं, जहां जन्म कुंडली, प्रश्न कुंडली, केपी एस्ट्रोलॉजी, एस्ट्रो वास्तु, अंक शास्त्र आदि ज्योतिष की अनेक विद्याओं का प्रयोग करते हुए देश और विदेश के हजारों लोगों को फोन के माध्यम से सफल मार्गदर्शन दे रही हैं और उनके जीवन की समस्याओं का समाधान इस विद्या के बलबूते पर करने का अथक प्रयास कर रही हैं।
उच्च मध्यमवर्गीय व्यवसायी परिवार में जन्म
दीपिका का बठिंडा (पंजाब) में उच्च मध्यमवर्गीय व्यवसायी परिवार में अनाज व्यवसायी सुरेंद्र पाल होलानी एवं श्रीमती पुष्पा देवी होलानी के यहाँ जन्म हुआ था। फिर कुछ कारणवश उनका परिवार राजस्थान में आकर बस गया। माताजी श्रीमती होलानी एक पढ़ी-लिखी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। अतः शुरू से ही धर्म में विश्वास और आध्यात्मिक मूल्यो और संस्कारों की सौगात माता-पिता से संस्कारों के रूप में मिली।
माताजी श्रीमती होलानी वर्ष 2014 के आसपास गंभीर बीमारी कैंसर से पीड़ित हुई और मई 2019 में उनका देहावसान हो गया। वर्तमान में उनके परिवार में एक विवाहित बड़े भाई रजनीश होलानी हैं, जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन एडमिनिस्ट्रेशन विषय से किया और पिताजी के साथ ही पारिवारिक व्यापार में जुड़े हुए हैं। दीपिका को ज्याोतिष के साथ-साथ ऐसे सभी रचनात्मक कार्य करना भी पसंद हैं जिससे कुछ सीखने को मिले।
यही कारण है कि संगीत सुनना, नृत्य करना, खाना बनाना, पेंटिंग करना, ड्राइंग करना, फैशन डिजाइनिंग, योगा, मेडिटेशन, एक्यूप्रेशर, होम्योपैथी, सुजोक पद्धति आदि सभी उनकी हॉबी का हिस्सा रहीं। किसी भी चीज को ज्यों का त्यों ना मानकर उस चीज की गहराई में जाना और उसे तर्क पूर्वक समझना उनकी आदत में शुरू से शामिल था।
यही शौक व आदत उन्हें न केवल ज्योतिष की ओर ले गई बल्कि इसमें उनसे नवीन शोध भी करवाये। स्वयं दीपिका कहती हैं, उन्हें इस बात का संतोष है कि आज इसी ज्योतिष विद्या के बलबूते वे समाज और मानवता की सेवा करने का प्रयास कर रही हैं।